अफगानिस्तान की टीम ने हरारे स्पोर्ट्स क्लब में जिम्बाब्वे को 7 विकेट से हराकर टी20 सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली — और इस जीत का सबसे दिल दहला देने वाला पहलू था उनके कप्तान राशिद खान का इन्जरी के बावजूद भी बाहिर आना। शुक्रवार, 31 अक्टूबर 2025 को दोपहर 11:30 बजे स्थानीय समय के अनुसार, जिम्बाब्वे ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ 125 रन बनाए 19.3 ओवर में — और अफगानिस्तान ने बिना किसी झिझक के 18 ओवर में 129 रनों का टारगेट पूरा कर लिया।
जब राशिद खान, राशिद खान, फील्डिंग के दौरान अपनी कलाई चोटिल हुई, तो वह तुरंत ग्राउंड से बाहर निकल गए। कमेंटेटर्स ने कहा, ‘अब ये अच्छा नहीं लग रहा… वह सामान्य तरीके से प्रतिक्रिया नहीं दे रहा।’ लेकिन जब उन्होंने अगले ओवर में वापसी की, तो पूरा स्टेडियम खड़ा हो गया। उन्होंने 3 ओवर में सिर्फ 9 रन देकर 3 विकेट लिए — जिम्बाब्वे के टॉप ऑर्डर को तबाह कर दिया। ‘राशिद खान एक योद्धा है,’ यूट्यूब हाइलाइट्स में एक कमेंटेटर ने कहा। उनकी इस वापसी ने टीम को न सिर्फ जीत दिलाई, बल्कि एक नया अर्थ भी दिया — कि अफगानिस्तान की टीम अब केवल टैलेंट से नहीं, बल्कि लगन से भी जीतती है।
जिम्बाब्वे ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया, लेकिन उनका टॉप ऑर्डर लगभग बिल्कुल निष्फल रहा। सिर्फ सिकंदर राजा ने 32 गेंदों में 37 रन बनाए, जबकि बाकी सभी बल्लेबाज 15 रन से कम बना पाए। ब्रैड एवन्स और वेलिंगटन मस्याकाद्जा ने जिम्बाब्वे के लिए थोड़ी राहत दी, लेकिन अफगान बॉलिंग की तेजी ने उन्हें रोक दिया। ब्रेंडन टेलर को फिर से वही तरीके से आउट किया गया जैसे पहले मैच में — उन्होंने इसे ‘अपने आप के साथ गुस्सा’ कहा। टीम के लिए यह एक दोहराव था: टॉप ऑर्डर गिर गया, और लोअर ऑर्डर का संघर्ष बहुत कम रह गया।
अफगानिस्तान की बल्लेबाजी का श्रेय इब्राहिम जदरान को जाता है, जिन्होंने 51 गेंदों में 57 रन बनाए — जो उनकी टीम के लिए एक स्थिर आधार बने। उनके साथ अजमतुल्लाह ओमरजाई ने जल्दी बल्लेबाजी करते हुए 13 गेंदों में 25 रन बनाए, जिससे टीम को रन रेट बनाए रखने में मदद मिली। दोनों ने अपनी शुरुआत में जिम्बाब्वे के गेंदबाजों को बिल्कुल उलझा दिया। यह जीत उनके पहले मैच के बाद भी एक लगातार प्रदर्शन था, जहां उन्होंने 53 रनों से जीत हासिल की थी।
अफगानिस्तान की बॉलिंग लाइनअप का दूसरा रहस्य मुजीब उर रहमान थे, जिन्होंने 4 ओवर में 2 विकेट लिए और केवल 26 रन दिए। कमेंटेटर्स ने उन्हें ‘मैजिक म्यूजिक मैजीशियन’ कहा — एक ऐसा नाम जो उनके गेंदबाजी के जादू और बैटिंग के बारे में भी बोलता है। पहले मैच में उन्होंने चार विकेट लिए थे, और इस बार भी उन्होंने अपने गेंदबाजी के साथ टीम को बचाया। यह दोहराव नहीं, बल्कि एक रणनीति है: अफगानिस्तान अब अपने ऑलराउंडर्स को बल्लेबाजी और बॉलिंग दोनों में भरोसा करता है।
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड को 2017 में आईसीसी की पूर्ण सदस्यता मिली थी, और अब यह टीम दुनिया के सबसे तेजी से विकसित हो रही टीमों में से एक बन गई है। इस सीरीज में उनकी बल्लेबाजी और बॉलिंग दोनों में गहराई दिखी — डेब्यूटेंट शाहिदुल्लाह कमाल जैसे खिलाड़ियों के साथ। इस टीम का नेतृत्व अब सिर्फ राशिद खान नहीं, बल्कि एक समूह कर रहा है।
जिम्बाब्वे क्रिकेट की टीम अब तक अपने टॉप ऑर्डर के अस्थिर प्रदर्शन के कारण निराश है। उनके लोअर ऑर्डर के खिलाड़ियों जैसे टिनोटेंडा मैपुसा और ब्रैड एवन्स ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन यह बहुत कम रहा। टीम के लिए अब यह सवाल है: क्या वे अपने बल्लेबाजी के सिस्टम को बदल पाएंगे? या फिर यह टीम अभी भी एक बार फिर बाहरी निर्भरता के चक्र में फंसी हुई है?
अफगानिस्तान की टीम अब तीसरे मैच में आराम से खेल सकती है — लेकिन उनका लक्ष्य अब सिर्फ जीत नहीं, बल्कि यह दिखाना है कि वे टी20 क्रिकेट के नए दिग्गज हैं। जिम्बाब्वे के लिए यह मैच एक नए आरंभ का अवसर है, लेकिन उन्हें बल्लेबाजी में जरूरी बदलाव करने की जरूरत है।
अफगानिस्तान अब तक के अपने सभी टी20 सीरीज में जिम्बाब्वे के खिलाफ अजेय रहा है — और यह दिखाता है कि वे अब केवल एक आशाजनक टीम नहीं, बल्कि एक खतरनाक प्रतिद्वंद्वी हैं। राशिद खान की इन्जरी के बावजूद भी जीत, उनकी टीम के आत्मविश्वास का संकेत है। अगर यह टीम अपनी गहराई को बनाए रखती है, तो वे अगले वर्ष के टी20 विश्व कप के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती हैं।
राशिद खान ने मैच के दौरान कलाई में चोट लगी, लेकिन उन्होंने अगले ओवर में वापसी कर तीन विकेट लिए। टीम के डॉक्टर्स ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन उनके टीम मैनेजर ने कहा कि वे तीसरे मैच के लिए तैयार होंगे। यह चोट गंभीर लग रही है, लेकिन उनकी लगन ने टीम को बचाया।
डेब्यूटेंट शाहिदुल्लाह कमाल ने पहले मैच में एक अहम भूमिका निभाई, और इस मैच में भी उन्होंने टीम के लिए गहराई जोड़ी। अजमतुल्लाह ओमरजाई जैसे ऑलराउंडर्स ने बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में योगदान दिया। यह दर्शाता है कि अफगानिस्तान के पास अब सिर्फ एक या दो सितारे नहीं, बल्कि एक पूरी पीढ़ी है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल सकती है।
जिम्बाब्वे को अपने टॉप ऑर्डर को पुनर्निर्मित करने की जरूरत है। उनके दो मैचों में टॉप ऑर्डर ने सिर्फ 100 रन से कम बनाए हैं। अगर वे अगले वर्ष के टी20 विश्व कप की योग्यता प्राप्त करना चाहते हैं, तो उन्हें अपने बल्लेबाजी के तरीके में बदलाव करना होगा — नहीं तो वे लगातार हार के चक्र में फंसे रहेंगे।
हरारे स्पोर्ट्स क्लब का मैदान तेज आउटफील्ड के लिए जाना जाता है, जिससे बल्लेबाजी आसान हो जाती है। लेकिन इस बार अफगान गेंदबाजों ने इस फायदे को नहीं दिया — उन्होंने तेज गेंदों और स्पिन के संयोजन से बल्लेबाजों को रोक दिया। यह दिखाता है कि बॉलिंग की गुणवत्ता मैदान से ज्यादा मायने रखती है।
इस सीरीज के बाद, अफगानिस्तान अगले महीने बांग्लादेश के दौरे पर जाएगा, जहां वे तीन टी20 मैच खेलेंगे। उसके बाद वे दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक त्रिकोणीय सीरीज में शामिल होंगे। ये सभी मैच उनके लिए टी20 विश्व कप 2026 की योग्यता के लिए महत्वपूर्ण हैं।
हां। यह पहली बार है जब अफगानिस्तान ने एक टी20 सीरीज में जिम्बाब्वे के खिलाफ दो मैच जीतकर अजेय बढ़त बनाई है — और इसके साथ राशिद खान की इन्जरी के बावजूद जीत ने इसे एक ऐतिहासिक मोड़ बना दिया है। यह टीम अब केवल एक उभरती शक्ति नहीं, बल्कि एक असली प्रतिद्वंद्वी बन चुकी है।