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UPSC अध्यक्ष मनोज सोनी ने व्यक्तिगत कारणों से दिया इस्तीफा

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UPSC अध्यक्ष मनोज सोनी ने व्यक्तिगत कारणों से दिया इस्तीफा

मनोज सोनी का इस्तीफा: व्यक्तिगत कारण या मिशन-निर्माण?

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष मनोज सोनी ने निजी कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। यह इस्तीफा उनकी निर्धारित सेवा अवधि के समाप्ति से लगभग पांच साल पहले ही आ गया है। सोनी ने 16 मई, 2023 को UPSC के अध्यक्ष का पद संभाला था और वे 2017 से आयोग के सदस्य थे। उन्होंने अपना इस्तीफा करीब एक महीने पहले भारत के राष्ट्रपति को सौंपा, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका यह निर्णय हाल के UPSC उम्मीदवारों के विवाद से संबंधित नहीं है।

अनूपम मिशन और सोनी का नाता

मनोज सोनी अपने इस्तीफे के बाद अब अधिक समय ‘अनूपम मिशन’ को समर्पित करना चाहते हैं, जो गुजरात में स्वामीनारायण संप्रदाय से जुड़ी एक गैर-लाभकारी संस्था है। अनूपम मिशन के साथ उनका गहरा संबंध है और उन्होंने अपने जीवन के विभिन्न चरणों में इस मिशन के लिए सेवा की है। सोनी के इस्तीफे के पीछे यही प्रमुख कारण बताया जाता है।

जनहित और प्रशासन में उनकी भूमिका

मनोज सोनी का प्रशासनिक जीवन का विस्तारित अनुभव किसी से छुपा नहीं है। 2005 में, वे महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी, वडोदरा के सबसे युवा कुलपति नियुक्त किए गए थे, जो उस समय के गुजरात मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान हुई थी। इसके बाद, उन्होंने गुजरात के दो और विश्वविद्यालयों में कुलपति के रूप में तीन अवधि पूरी की। उनके इस शैक्षिक और प्रशासनिक योगदान ने उच्च शिक्षा को नई दिशा दी है।

UPSC के इतिहास में, यह पद न केवल प्रतिष्ठित है, बल्कि यह देश के प्रशासनिक ढांचे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मनोज सोनी के नेतृत्व में आयोग ने कई सुधार और नीतिगत परिवर्तन किए, जिन्हें उनके कार्यकाल के दौरान देखा गया।

UPSC: संवैधानिक संस्था की जिम्मेदारियां और भूमिका

समाज में UPSC की भूमिका को समझना भी महत्वपूर्ण है। यह संवैधानिक संस्था संविधान के अनुच्छेद 315-323 के तहत स्थापित है और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय सिविल सेवा के लिए योग्य उम्मीदवारों का चयन करना है। UPSC के अध्यक्ष सहित, इसमें वर्तमान में सात सदस्य हैं, जो नीतियों का गठन और लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

आगे की राह और नए अध्यक्ष की चुनौती

मनोज सोनी का इस्तीफा बहुतेरे प्रश्नों को जन्म देता है, विशेषकर उनके उत्तराधिकारी के विषय में। देश की प्रशासनिक सेवाओं के चयन की प्रक्रिया में दक्षता और पारदर्शिता बनाए रखना नई चुनौती होगी। ऐसे में आने वाले समय में UPSC के नए अध्यक्ष से बड़ी उम्मीदें होंगी।

संक्षेप में, मनोज सोनी का इस्तीफा न केवल उनकी व्यक्तिगत जीवन की आवश्यकताओं को दर्शाता है, बल्कि यह UPSC के भविष्य के लिए भी एक महत्वपूर्ण मोड़ है। देश की सर्वोच्च सिविल सेवाओं के लिए उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया में आने वाले समय में और भी सुधार देखने को मिल सकते हैं।

राधिका शर्मा

राधिका शर्मा

मैं एक भारतीय समाचार लेखिका हूँ। मुझे भारतीय दैनिक समाचार पर लेख लिखने का शौक है। मैं अपने घर पर रहकर काम करती हूँ और अपने परिवार के साथ समय बिताना पसंद करती हूँ। शीर्ष समाचार और घटनाओं पर लिखते हुए मैं समाज को सूचित रखने में विश्वास रखती हूँ।

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