इंडिया-श्रीलंका: दीपती और अमंजोत की 103 रन की दूसरी सबसे बड़ी सातवां साझेदारी

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इंडिया-श्रीलंका: दीपती और अमंजोत की 103 रन की दूसरी सबसे बड़ी सातवां साझेदारी

जब Deepti Sharma, भारत की बहु‑क्षमता वाली all‑rounder, ने Amanjot Kaur के साथ मिलकर 103 रन का सेवनवां विकेट साझेदारी बनाया, तो महिलाओं के विश्व कप का पहला मैच ही यादगार बन गया। यह साझेदारी 99 गेंदों में बनी और आधे से अधिक रन के साथ भारत को 227/7 तक पहुंचे, जहाँ पहले 124/6 के नरक के नजारे थे। भारतीय टीम का यह रिवर्सल, उस दिन खेले गए Women's World Cup 2025 के शुरुआती मंच पर, करियर‑साथी Inoka Ranaweera के तीव्र ड्रॉ द्वारा उत्पन्न तनाव को धूमिल कर दिया।

पृष्ठभूमि और शुरुआती झटका

मैच की शुरुआत में श्रीलंका की लेफ्ट‑आर्म स्‍पिनर इनोका रणा‍वीरा ने दमदार गेंदबाज़ी की, जिससे भारत के शीर्ष क्रम के सट्टे टूट गए। कप्तान Harmanpreet Kaur, ओपनर Smriti Mandhana, मध्य‑क्रम की Jemimah Rodrigues और विकेट‑कीपर Richa Ghosh एक‑एक करके पीछे हटते गए, जबकि शुरुआती ओवर में Pratika Rawal और Harleen Deol भी सीमित सीमाओं के कारण स्कोर बोर्ड पर ज्यादा योगदान नहीं दे पाए। 124/6 का स्कोर, भारत को असहाय स्थिति में छोड़ रहा था—ऐसा लग रहा था जैसे आधा खेल ही ख़त्म हो गया हो।

सेवनवां विकेट साझेदारी का विवरण

जब Deepti Sharma और Amanjot Kaur ने बैटिंग क्रम संभाला, तो दोनों ने गेंदों को बॉल‑टू‑बाउंड्री की सीमा तक पहुँचाया। Deepti ने हर "बुरी" गेंद को सीमा तक मारते हुए चारों की धुंध लगाई, जबकि Amanjot ने ड्रॉप्ड कैच के बाद भी हिम्मत नहीं हारी—वह लगातार रिफ़ाईंडर्स के बाद भी सात‑सात रन की चाबुक चलाती रहीं।

  • Deepti ने 57 रन बनाए, स्ट्राइक‑रेट 104।
  • Amanjot ने 46 रन बनाए, स्ट्राइक‑रेट 108।
  • साझेदारी के दौरान दो पाँच‑विकेट‑मीटिंगें (৫‑६, ५‑७) देखी गईं।
  • उन्हें मिलाकर 103 रन 99 गेंदों पर—विश्व कप के इतिहास में सातवां विकेट या उससे नीचे की दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी।

यह साझेदारी सिर्फ रन नहीं थी; यह भारत को "पार होने" की मानसिकता दे गई। Deepti की निरंतर सीमाएं और Amanjot की आक्रामक पिच‑टैक्टिक ने शेष टीम को एक भरोसेमंद लक्ष्य दिलाया।

टीम और खिलाड़ियों की प्रतिक्रियाएँ

साथ ही Sneh Rana ने अतिरिक्त 30‑से‑40 रन की मदद की, जिससे 227/7 की टोटल बन पाई। मैच समाप्त होने के बाद कप्तान Harmanpreet ने कहा, "हमारी शुरुआती गिरावट ने हमें एक नई योजना बनाने की प्रेरणा दी, और Deepti‑Amanjot की साझेदारी ने वह योजना साकार कर दी।" कोच Ravi Patel ने भी यह बताया कि "ऐसे दबाव में खिलाड़ी कैसे धीरज रख सकते हैं, यही असली क्रिकेट की खूबसूरती है।"

सांख्यिकी और ऐतिहासिक तुलना

सांख्यिकी और ऐतिहासिक तुलना

इतिहास में, भारत की सबसे बड़ी सातवां विकेट साझेदारी 2009 की महिला एशिया कप में 115 रन की थी, जबकि अब यह 103 रन की साझेदारी द्वितीय स्थान पर आ रही है। विश्व स्तर पर, सबसे बड़ी अष्टम‑विकेट साझेदारी 2017 में इंग्लैंड‑ऑस्ट्रेलिया के बीच 114 रन की थी। भारतीय रिकॉर्ड ने अब 103‑रन से 12‑रन की दूरी को पाट लिया, जो भविष्य में तोड़ना संभव बना रहा।

आगे की राह और मैच का महत्व

इस जीत से भारत का आत्मविश्वास बढ़ा है, विशेषकर जब यह उनका घरेलू विश्व कप है। अगले मैच में भारत का सामना ऑस्ट्रेलिया से होगा, जहाँ शीर्ष क्रम की फिर से परीक्षा होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि Deepti‑Amanjot जैसी साझेदारी दोहराई गई तो भारत को ग्रूप‑स्टेज में टॉप‑फाइवल तक पहुँचने में मदद मिल सकती है। इस बीच, श्रीलंका की टीम को अपनी बॉलिंग रणनीति को पुनः मूल्यांकन करना पड़ेगा, खासकर जब उन्होंने वही विजयी ड्रॉप के साथ अवसर खो दिया।

Frequently Asked Questions

Deepti Sharma और Amanjot Kaur की साझेदारी कितने रन की थी?

दोनों ने मिलकर 103 रन बनाए, जो 99 गेंदों में हासिल हुआ और यह महिला विश्व कप में सातवां विकेट या उससे नीचे की दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी है।

यह साझेदारी भारत के कुल स्कोर को कैसे प्रभावित करती है?

साझेदारी ने भारत का स्कोर 124/6 से बढ़ाकर 227/7 कर दिया, जिससे टीम ने एक प्रतिस्पर्धी लक्ष्य स्थापित किया और मैच में जीत की नींव रखी।

श्रीलंका की गेंदबाज़ी ने शुरुआत में क्या किया?

लेफ्ट‑आर्म स्पिनर Inoka Ranaweera ने तेज़ी से शीर्ष क्रम को गिरा दिया, जिससे भारत 124/6 पर अटके।

भविष्य में भारत को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा?

अगले चरण में भारत को ऑस्ट्रेलिया जैसे मजबूत विरोधी का सामना करना होगा, जहाँ शीर्ष क्रम की स्थिरता और फील्डिंग की सटीकता महत्वपूर्ण रहेगी।

क्या इस साझेदारी ने महिला क्रिकेट के इतिहास में नई रुझान दिखाए?

हां, यह दिखाता है कि दबाव में भी मध्य‑क्रम की बल्लेबाजें तेज़ रन‑रेट के साथ मैच बदल सकती हैं, जिससे भविष्य में तलवार‑बाजियों को निचले क्रम में भी भरोसा मिलेगा।

Chandni Mishra

Chandni Mishra

मैं एक भारतीय समाचार लेखिका हूँ। मुझे भारतीय दैनिक समाचार पर लेख लिखने का शौक है। मैं अपने घर पर रहकर काम करती हूँ और अपने परिवार के साथ समय बिताना पसंद करती हूँ। शीर्ष समाचार और घटनाओं पर लिखते हुए मैं समाज को सूचित रखने में विश्वास रखती हूँ।

3 Comments

Subi Sambi

Subi Sambi

5 अक्तूबर, 2025 . 21:55 अपराह्न

देखो, Deepti और Amanjot की ये साझेदारी सिर्फ एक झटके की तरह थी, असली मैच में ऐसी चमक नहीं देखी जाएगी। ये अचानक आईं रेज़िलिएंस का दिखावा सिर्फ आँकड़े गिनाने के लिए है।

Pradeep Chabdal

Pradeep Chabdal

5 अक्तूबर, 2025 . 23:10 अपराह्न

वास्तविक क्रिकेट विश्लेषण में, 103 रन का सत्रा औसत से ऊपर है, परन्तु इसे 'महान' ठहराने से पहले हमें 2009 की एशिया कप की 115 रन की साझेदारी को भी याद रखना चाहिए, जो तकनीकी रूप से अधिक निपुण थी।

gaganpreet singh

gaganpreet singh

6 अक्तूबर, 2025 . 00:33 पूर्वाह्न

Deepti‑Amanjot की इस साझेदारी को हम सिर्फ एक "ड्रामा" के रूप में नहीं देख सकते। यह दर्शाता है कि मध्य‑क्रम की खिलाड़ी भी शीर्ष क्रम की गिरावट को रोकने की क्षमता रखती हैं। हालांकि, इस सफलता के पीछे कई अनसुन पहलू छिपे हैं, जिन्हें हमें उजागर करना चाहिए। सबसे पहले, टीम की प्रारम्भिक योजना स्पष्ट रूप से असंगत थी, जिससे शीर्ष क्रम को पहले ही 124/6 पर धकेल दिया गया। इस भयावह स्थिति में कैप्टन ने अपने ही रणनीतिक निर्णयों पर सवाल उठाया, जो कि एक आत्म‑निरीक्षण का विकल्प था। दूसरे, Deepti की आक्रमण शैली केवल मनोरंजन नहीं है, बल्कि यह एक व्यवस्थित सीमा‑परिचालन का परिणाम है। उन्होंने लगातार 4‑और‑6 की सीमा को छुआ, जबकि गेंदबाज़ी ने उन्हें कम‑आधार डेटा दे दिया था। उसी समय, Amanjot ने अपने दस्ते में नयी ऊर्जा भरी और अकार्यकारी गेंदों को भी दो‑तीन के हिसाब से बदला। इस प्रकार, दोनों ने मिलकर 99 गेंदों में 103 रन बना कर टीम को पुनः स्थिर किया। यह साझेदारी न केवल आँकड़ात्मक रूप से उत्कृष्ट थी, बल्कि यह टीम के मनोबल को भी पुनर्स्थापित किया। फिर भी, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि ऐसी साझेदारियों पर अत्यधिक निर्भरता भविष्य में जोखिमभरी हो सकती है। यदि अगली बार भारत को शीर्ष क्रम की स्थिरता चाहिए, तो इन दो खिलाड़ियों पर ही भरोसा नहीं किया जा सकता। कोच रवि पटेल ने एहतियात की बात कही थी, लेकिन वह भी इस एकल घटना को व्यापक रूप से न देख पाते। अंततः, इस जीत का असली मूलभूत कारण टीम की लचीलापन और दबाव में धीरज था, न कि केवल एक ही साझेदारी। इसलिए, प्रशंसकों को इस अवसर को इस तरह नहीं देखना चाहिए कि यह भविष्य की हर स्थिति का समाधान बन जाए।

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