जब आप आयकर डेडलाइन, करदाता को आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि. Also known as टैक्स फाइलिंग डेडलाइन, it निर्धारित करती है कि कब तक सभी टैक्स दस्तावेज़ सरकार को सौंपने होते हैं तो आप समय पर फाइल कर सकते हैं। इसी लेख में आप आयकर रिटर्न, वित्तीय वर्ष की आय का विस्तृत विवरण और वित्तीय वर्ष, अप्रैल से मार्च तक का कर‑अवधि की भी समझ पाएँगे। साथ ही टैक्स स्लैब, आय के अनुसार लागू करने वाली कर दरें को लेकर बचत के अवसर देखेंगे। इस पेज पर आपको आयकर डेडलाइन की पूरी जानकारी मिलेगी, ताकि आप देर से जुर्माना या रिफंड में देरी से बच सकें।
आयकर डेडलाइन सिर्फ एक तिथि नहीं, बल्कि आपका आर्थिक स्वास्थ्य सुरक्षित रखने का आधार है। यदि आप समय पर आइली फाइलिंग, अनुचित देर से फाइल करने पर लगने वाला दंड नहीं भरते, तो अतिरिक्त ब्याज और पेनाल्टी जुड़ते हैं। टैक्स स्लैब की सही समझ के साथ अगर आप अपनी आय ठीक से रिपोर्ट नहीं करेंगे, तो आयकर रिव्यू के दौरान जांच का सामना करना पड़ सकता है। दूसरी ओर, डेडलाइन से पहले फाइल करने से रिफंड जल्दी मिलता है, क्योंकि आयकर विभाग को आपके दस्तावेज़ पहले से मिल जाते हैं। इसलिए, डेडलाइन को समझना और उसे पालन करना दोनों ही व्यक्तिगत और व्यावसायिक वित्त में स्थिरता लाता है।
वित्तीय वर्ष के अंत में कई अलग‑अलग डेडलाइन सामने आती हैं। मुख्य तिथियों में 31 जुलाई (फॉर्म 16A और TDS रिटर्न), 30 सितंबर (ऑनलाइन वैलेटिन की फाइलिंग), और 31 अक्टूबर (संपूर्ण आयकर रिटर्न) शामिल हैं। इन तिथियों को जानना इसलिए जरूरी है क्योंकि प्रत्येक डेडलाइन का अपना लक्ष्य है—पहला TDS विवरण, दूसरा वैलेटिन अद्यतन, और तीसरा सामान्य आयकर रिटर्न। अगर आप इन तिथियों को मिस करेंगे, तो न केवल पेनाल्टी लगेगी, बल्कि आयकर रिव्यू प्रक्रिया भी लंबी हो सकती है, जिससे आपका समय और संसाधन दोनों बर्बाद होंगे। इस कारण, टैक्स कैलेंडर को हमेशा अपडेट रखना और फाइलिंग की प्रक्रियाओं को पहले से तैयार करना चाहिए।
जब आप आयकर रिटर्न फाइल करने की तैयारी करते हैं, तो सबसे पहले सही फॉर्म का चयन करना जरूरी है—आय के प्रकार के अनुसार ITR‑1, ITR‑2, ITR‑3 या ITR‑4। पोर्टल पर लॉगिन करने के बाद डिजिटल सिग्नेचर या ई‑वॉल्ट पासवर्ड से प्रमाणित करना होगा। सभी आवश्यक दस्तावेज़—फॉर्म 16, बैंक स्टेटमेंट, निवेश प्रमाणपत्र, और हाउस प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज़—एक जगह रख लें। यदि आप ई‑फ़ाइलिंग के बजाय डाक से रिटर्न भेजते हैं, तो डाक की ट्रैकिंग और रसीद सुरक्षित रखें। ये चरण न केवल डेडलाइन को समझदारी से पूरा करने में मदद करेंगे, बल्कि भविष्य में आयकर रिव्यू के दौरान भी आपको सहज बनाएंगे।
अब जब आप आयकर डेडलाइन, आयकर रिटर्न, वित्तीय वर्ष, टैक्स स्लैब और रिव्यू की पूरी तस्वीर देख चुके हैं, तो नीचे लिखी गई सूची में आप उन लेखों को पाएँगे जो इन विषयों को और गहराई से समझाते हैं। चाहे आप पहली बार रिटर्न भर रहे हों या अनुभवी करदाता हों, ये पोस्ट आपको नवीनतम नियम, प्रैक्टिकल टिप्स और अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब देंगे। आगे पढ़ते रहें और अपनी टैक्स फाइलिंग को सुपर आसान बनाएं।
आर्थिक वर्ष 2025‑26 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) की अंतिम तिथि में बदलाव आया है। सामान्य करदाताओं को अब 15‑सेप्टेम्बर‑2025 तक फाइल कर सकते हैं, जबकि ऑडिट मामलों में कोर्ट ने 31‑अक्टोबर‑2025 तक विस्तार किया है। ये बदलाव फॉर्म में बदलाव और पोर्टल की तकनीकी खामियों के कारण किए गए हैं। करदाताओं को नई तिथि को ध्यान में रख कर अपनी तैयारी पूरी करनी चाहिए।
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