जब हम डोनाल्ड ट्रंप, एक अमेरिकी राजनेता और 45वें राष्ट्रपति, जो व्यापार, कर और आप्रवासन नीति में बदलाव लाने के लिए मशहूर हैं. Also known as Trump, अमेरिकी राष्ट्रपति (president of the United States), देश के मुख्य कार्यकारी पद पर स्थित पद और रिपब्लिकन पार्टी, संयुक्त राज्य के दो प्रमुख राजनीतिक दलों में से एक, जिसकी विचारधारा सीमित सरकारी हस्तक्षेप और मजबूत राष्ट्रीय सुरक्षा पर केंद्रित है से जुड़ते हैं, तो उनका प्रभाव सिर्फ अमेरिका तक सीमित नहीं रहता।
ट्रम्प ने 2017 में टैक्स कट्स एंड़ जॉब्स एक्ट पास किया, जिससे कंपनियों की कर दर घट गई और कई छोटे‑मध्यम उद्यमों को निवेश के नए अवसर मिले। इस आर्थिक नीति ने भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं में विदेशी निवेश को प्रोत्साहित किया, जैसे कि उत्तर प्रदेश की 10 लाख करोड़ रुपये की निवेश योजना पर चर्चा हुई। उसी समय, उनके व्यापारिक टैरिफ ने चीन के साथ संबंधों में तनाव पैदा किया, जिससे विश्व स्तर पर वस्तु कीमतों में उतार‑चढ़ाव देखा गया।
इसी तरह, ट्रंप की आप्रवासन नीति, अमेरिका की वीज़ा और शरणार्थी मानदंडों को कड़ा करने वाली नीति ने 2025 में F‑1 छात्र वीज़ा स्वीकृति दर को 70% तक घटाया। यह बदलाव भारतीय छात्रों की पढ़ाई की योजना को प्रभावित करता है, और कई लोग वैकल्पिक देशों में अवसर तलाशने लगे।
ट्रम्प के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान खेल और मीडिया भी राजनीति से जुड़े। उनकी सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर कई बड़े खेल इवेंट्स के लिए स्पॉन्सरशिप बदल दी, जिसका असर भारत की क्रिकेट लीग और अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट्स की योजना पर पड़ा। उदाहरण के तौर पर, 2025 की ICC महिला क्रिकेट विश्व कप में कई देशों की भागीदारी पर चर्चा होती रही, जहाँ वित्तीय सहायता और टोरनमेंट फॉर्मेट काफी हद तक अमेरिकी मीडिया के समर्थन पर निर्भर था।
वित्तीय दृष्टिकोण से देखें तो ट्रंप की आर्थिक नीति ने कई देशों को वैकल्पिक विकास मॉडल अपनाने के लिए प्रेरित किया। भारत के कई राज्य अपने बुनियादी ढांचा प्रोजेक्ट्स में सार्वजनिक-निजी साझेदारी (PPP) मॉडल को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे विदेशी कंपनियां भारत में बड़े निवेश कर रही हैं। यही कहानी उत्तराखंड, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी चल रही है, जहाँ "विदेशी निवेश" शब्द अब परियोजना की धड़कन बन चुका है।
ट्रम्प की संवाद शैली और सोशल मीडिया पर सक्रियता ने भी राजनीति में नई दिशा दी। उन्होंने ट्विटर को अपना प्रमुख मंच बनाया, जहाँ वे तुरंत नीतियों की घोषणा या विदेश नीति पर टिप्पणी करते थे। इस तेज़ी ने पत्रकारों और आम जनता के बीच सूचना पहुँचाने के तरीके को बदल दिया, जिससे भारत में भी डिजिटल मीडिया का उपयोग बढ़ा। अब कई भारतीय राजनैतिक आंकड़े अपने एंगेजमेंट को मापने के लिए ट्विटर एनालिटिक्स का इस्तेमाल करते हैं।
इन सभी पहलुओं को देखते हुए, ट्रंप का प्रभाव न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में भी गहरा है। उनकी नीतियों ने व्यापार, शिक्षा, खेल और मीडिया को पुनर्परिभाषित किया, जिससे आज के पाठकों को इन विषयों पर गहरी समझ चाहिए। नीचे आप उन लेखों की सूची पाएँगे जो ट्रेड‑पॉलिसी, वीसा नियम, निवेश योजनाएँ और खेल जगत में ट्रंप के प्रभाव को विस्तृत रूप से बताते हैं। इस जानकारी से आप अपने निर्णयों में बेहतर अंतर्दृष्टि ले सकेंगे और वर्तमान परिदृश्य को समझ सकेंगे।
राष्ट्रपति जो बाइडन ने लास वेगास में NAACP के वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेते हुए, पुनः चुनाव लड़ने का वादा किया और डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों की आलोचना की। बाइडन ने एकता पर जोर देते हुए 'मैं पूरी तरह से साथ हूँ' का संदेश दिया। उन्होंने आर्थिक और नागरिक मुद्दों पर ट्रंप की विफलताओं को गिनाया।
और देखें