जब हम निवेशक, वो व्यक्ति या संस्थाएँ हैं जो पूँजी को विभिन्न आर्थिक साधनों में लगाते हैं, लाभ की उम्मीद में. Also known as इंवेस्टर, it shapes market trends and drives growth. यदि आप एक निवेशक हैं तो यह पेज आपके लिए तैयार किया गया है। यहाँ हम निवेश की बुनियादी परिभाषा, जोखिम‑रिटर्न संतुलन और आज के आर्थिक माहौल में प्रमुख कारकों को समझाते हैं। निवेशक अक्सर सोचते हैं: क्या मैं विदेशियों के साथ भागीदारी करूँ या केवल घरेलू अवसरों को देखूँ? इस सवाल का जवाब अक्सर विभिन्न बाजारों में पूँजी के प्रवाह पर निर्भर करता है।
एक महत्वपूर्ण कारक विदेशी निवेश, अंतरराष्ट्रीय पूँजी का प्रवाह जो विदेशी फंड और कंपनियों द्वारा भारत में लाया जाता है है। विदेशियों की भागीदारी से भारतीय शेयर बाजार में वैरायटी बढ़ती है, नई तकनीकें और प्रबंधन कौशल आते हैं। इसी तरह राज्यीय निवेश योजना, सरकारी स्तर पर प्रस्तावित बड़ी आर्थिक परियोजनाएँ, जैसे उत्तर प्रदेश की 10 लाख करोड़ की निवेश योजना सीधे आर्थिक विकास को तेज़ करती है। जब यूपी सरकार विदेशों में रोड‑शो लगाकर विदेशी फंड आकर्षित करती है, तो यह न केवल स्थानीय उद्योगों को नई पूँजी देता है, बल्कि रोजगार और बुनियादी ढाँचे में सुधार भी लाता है। इन दो प्रमुख तत्वों के बीच का संबंध इस प्रकार है: विदेशी निवेश योजना के स्त्रोत बन सकता है, और राज्यीय योजना इन फंडों को प्रभावी ढंग से उपयोग में लाने का मंच तैयार करती है।
निवेश के सफर में कर एवं आयकर, वित्तीय वर्ष के अंत में आय पर लगने वाला कर, जो निवेशकों के रिटर्न को सीधे प्रभावित करता है भी एक अहम खिलाड़ी है। आयकर की नई अंतिम तिथि या रिटर्न एक्सटेंशन को समझना हर निवेशक के लिए ज़रूरी है, क्योंकि सही समय पर फाइलिंग न करने पर जुर्माना या दंड लग सकता है। साथ ही, वित्तीय नियामक नीतियों में बदलाव, जैसे RBI की इक्विटी निवेश दिशानिर्देश, अक्सर निवेशकों को नए अवसर या जोखिम प्रदान करते हैं। इस पेज पर आप देखेंगे कि कैसे ये सारे तत्व—विदेशी पूँजी, राज्यीय योजनाएँ, कर नियम—एक साथ मिलकर निवेश निर्णय को आकार देते हैं। नीचे दिए गए लेखों में आप यूपी की 10 लाख करोड़ योजना, विदेशी निवेशकों के भारत में रुचि, नवीनतम कर घोषणा, और कई प्रमुख उद्योगों के अपडेट पाएँगे, जो आपके पोर्टफोलियो को बेहतर बनाने में मदद करेंगे। अब आगे पढ़िए और जानिए कौन‑सी खबरें आपके निवेश रणनीति को नई दिशा दे सकती हैं।
मुंबई की महत्वाकांक्षी निर्माण कंपनी अफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर के आईपीओ को दूसरे दिन निवेशकों से सीमित प्रतिक्रिया मिली, जिसमें केवल 25% सब्सक्राइब किया गया। आईपीओ का लक्ष्य 5,430 करोड़ रुपये जुटाना है, जिसमें 1,250 करोड़ की नई शेयर बिक्री और 4,180 करोड़ की ऑफर-फॉर-सेल शामिल हैं। ग्रीम मार्केट प्रीमियम में गिरावट के बावजूद ब्रोकरेजों का दीर्घकालिक निवेश की सलाह दी गई है।
और देखेंसेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (सीडीएसएल) ने पहली बार अपने शेयरधारकों को बोनस शेयर जारी करने की घोषणा की है। कंपनी के निदेशक मंडल 2 जुलाई, 2024 को प्रस्ताव को मंजूरी देंगे। बोनस शेयर जारी करने का रिकॉर्ड तिथि अभी निर्धारित नहीं हुई है। बोनस शेयर बिना किसी अतिरिक्त लागत पर निवेशकों को मिलेगा।
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