जब दो लोग सगाई, एक औपचारिक कदम है जिसमें भविष्य की शादी की तैयारी का संकेत मिलता है, लग्न प्रस्ताव करते हैं, तो परिवार, दोस्त और समाज सभी एक साथ उत्सव में शामिल हो जाते हैं। सगाई सिर्फ एक रीति नहीं, बल्कि भावनाओं को एक ठोस रूप देने का जरिया है।
सगाई का सबसे पहला संबंध रिश्ता, दो दिलों के बीच आधा-स्थायी बंधन से है। जब रिश्ता गहरा हो जाता है, तो लोग अक्सर सगाई को आगे बढ़ाते हैं। यह कदम अक्सर परिवार के सहयोग से ठोस रूप लेता है, क्योंकि परिवार, जिन्हें सामाजिक मान्यताओं का ख्याल रहता है सगाई में हिस्सा लेकर इस बंधन को अधिक मजबूत बनाते हैं।
आजकल सगाई में कई आधुनिक बदलाव देखे जा रहे हैं। सोशल मीडिया के जमाने में अल्पसंख्यक सगाई की घोषणा इंस्टाग्राम या फेसबुक पर पहले ही हो जाती है, जैसे कि हार्डिक पांड्या और माँहिका शर्मा ने इन्स्टाग्राम पर अपना रिश्ता आधिकारिक किया था। इसी तरह, आलाघर में करवा चौथ की रात में 12 दुल्हनों ने अपने पति को बेहोश कर गहने चोरी करने की घटना ने सगाई और शादी के सुरक्षा पहलू को उजागर किया।
सगाई के रिवाज़ भी प्रदेश-प्रांत अनुसार बदलते हैं। उत्तर भारत में सगाई के दौरान हल्दी और मेहंदी की रस्में आम हैं, जबकि दक्षिण भारत में रचना (रिंग सर्किल) को अधिक महत्व दिया जाता है। इन रिवाज़ों को समझना शादी की योजना बनाने वालों के लिए मददगार साबित होता है, क्योंकि सगाई ही पहला औपचारिक कदम है जिससे पूरी शादी की रूपरेखा बनती है।
सगाई की कानूनी दृष्टि से भी अहमियत है। भारतीय कानून में सगाई को वैध रूप से पहचाना नहीं जाता, लेकिन सगाई के दौरान किए गए खर्चों और दिहादों को अलग-अलग दस्तावेजों में दर्ज किया जा सकता है, जिससे भविष्य में विवाद घटता है।
यदि आप अपनी सगाई की योजना बना रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें: पहला, परिवार के साथ खुली बातचीत रखें; दूसरा, अपने बजट के अनुसार रिवाज़ चुनें; तीसरा, फोटो और वीडियो की रिकॉर्डिंग के लिए पेशेवर मदद लेनी चाहिए, क्योंकि सगाई की यादें बाद में संजोने लायक होती हैं।
नीचे आपको इस टैग में शामिल नवीनतम सगाई-सम्बंधित समाचार मिलेंगे – चाहे वह खेल की दुनिया में शादी की तैयारियां हों या सामाजिक घटनाएं। पढ़ते रहें, क्योंकि ये लेख आपके सगाई और आगे की शादी के सफर को आसान बना सकते हैं।
नागा चैतन्य और शोभिता धुलिपाला ने 8 अगस्त 2024 को एक निजी समारोह में सगाई कर ली। यह सगाई हैदराबाद में नागार्जुन के निवास पर हुई, जिसमें केवल करीबी परिवार और मित्र उपस्थित थे। इस विशेष मौके को ज्योतिष और अंक शास्त्र के महत्व के कारण चुना गया था।
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