जब हम सुपरमून को समझते हैं, तो पता चलता है कि यह चाँद का वह चरण है जब वह पूर्णिमा के करीब और पृथ्वी से सबसे नज़दीक आता है, जिससे उसका आकार और चमक सामान्य से बड़ा दिखता है. इसे कभी‑कभी परिश्रमान चंद्रमा कहा जाता है और यह रात के आकाश में प्रमुख आकर्षण बन जाता है। सुपरमून को देखते समय हमें पता चलता है कि यह खगोलीय घटना सिर्फ एक दृश्य नहीं, बल्कि विज्ञान, संस्कृति और रोज़मर्रा की ज़िंदगी से जुड़ी कई चीज़ों को प्रभावित करती है।
इस घटना को समझने के लिए पूर्णिमा का रोल देखना जरूरी है। पूर्णिमा वह समय है जब चाँद पूरी तरह प्रकाशित दिखता है, लेकिन जब वह पृथ्वी के न्यूनतम दूरी (परिगीय) पर पहुँचता है, तो हम सुपरमून देखते हैं। यानी सुपरमून पूर्णिमा को विस्तारित करता है और उसे अधिक चमकीला बनाता है। इस कारण कई लोग इस रात को बाहर निकल कर आकाश देखते हैं, क्योंकि दृश्य प्रभाव साधारण पूर्णिमा से कहीं अधिक होता है।
सुपरमून का एक ठोस असर ज्वारीय प्रवाह (टाइड) पर भी पड़ता है। ज्वारीय प्रभाव को अक्सर समुद्री किनारों पर हाई टैइड या लो टैइड के रूप में महसूस किया जाता है। वैज्ञानिक कहते हैं कि सुपरमून ज्वारीय प्रवाह को बढ़ाता है, जिससे समुद्री स्तर सामान्य से ऊँचा या नीचे जा सकता है। इस बदलाव का फायदा मछुआरों, नाविकों और तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को होता है, क्योंकि वे इसे अपने काम की योजना बनाने में उपयोग करते हैं।
फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए सुपरमून एक स्वर्ण अवसर है। अस्त्रोनॉमी फोटोग्राफी को अक्सर ट्राइगोन ओपनिंग या टेलर मेकिंग के साथ मिलाकर किया जाता है, जिससे चाँद की तेज़ रोशनी को बैकग्राउंड में कैप्चर किया जा सके। यहाँ सुपरमून को फोटोग्राफी के लिये खास शॉट्स चाहिए – क्योंकि इसकी बड़ी आकार और तेज़ चमक से बर्स्ट्स और स्टार ट्रेलेशन अधिक स्पष्ट दिखते हैं। सही लेंस, मैन्युअल मोड, और थोड़ा धैर्य रखना जरूरी है, नहीं तो तेज़ गति वाले चंद्रमा के कारण ब्लर हो सकता है।
सुपरमून का सांस्कृतिक महत्व भी कम नहीं है। कई संस्कृतियों में इसे भाग्यशाली माना जाता है, जबकि कुछ में इसे मान्यताओं के आधार पर समारोह करने का समय माना जाता है। इस प्रकार यह खगोलीय घटना सामाजिक रीति‑रिवाज़ों, पूजा‑पाठ और कई बार आर्थिक व्यवहारों (जैसे लाइटिंग या इवेंट्स) को भी प्रभावित करती है। इसलिए जब आप रात के आकाश को देखते हैं, तो सिर्फ दृश्य ही नहीं, बल्कि इन सामाजिक पहलुओं को भी महसूस कर सकते हैं।
नीचे आपको सुपरमून से जुड़ी नई जानकारी, टिप्स और विशिष्ट घटनाओं पर लेख मिलेंगे – चाहे आप इसे देखना चाहते हों, फोटोग्राफी करना चाहते हों या ज्वार‑भाटा के बारे में जानना चाहते हों। इस संग्रह में विभिन्न पहलुओं पर गहरी नज़र डालेंगे, जिससे आपका सुपरमून अनुभव पूरी तरह से समृद्ध हो जाएगा।
सोमवार, 19 अगस्त, 2024 को अद्वितीय खगोलीय घटना ब्लू सुपरमून का दीदार किया जा सकेगा। यह घटना इसलिए खास होती है क्योंकि महीने में दो पूर्णिमा होती हैं और इसमें से एक सुपरमून होती है। अगली ब्लू सुपरमून जनवरी 2037 में दिखाई देगी। यह खगोलीय घटना लोगों को रात के आकाश की सुंदरता का आनंद लेने का बेहतरीन मौका प्रदान करती है।
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