जब हम व्लादिमीर पुटिन, रूस के राष्ट्रपति, जिन्होंने 1999 से सत्ता में विभिन्न पद संग्रहीत किये हैं और आज रूस की विदेश नीति के मुख्य प्रणेता माने जाते हैं. Also known as पुटिन, वह अपने मजबूत नेतृत्व शैली और रणनीतिक निर्णयों के कारण अंतरराष्ट्रीय मंच पर अक्सर चर्चा में रहते हैं। आज हम देखेंगे कि व्लादिमीर पुटिन की नीतियां कैसे राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर असर डालती हैं।
पहला प्रमुख घटक है रूस, विश्व का सबसे बड़ा भू-राष्ट्र, जो भौगोलिक, ऊर्जा और सैन्य शक्ति के मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पुटिन ने रूस को एक मजबूत, स्वनिर्भर देश बनाने की रणनीति अपनायी है, जिसका प्रभाव घरेलू अर्थव्यवस्था से लेकर विदेश में ऊर्जा निर्यात तक फैलता है। इस रणनीति के तहत ऊर्जा निर्यात को हथियार की तरह इस्तेमाल किया गया, जिससे यूरोपीय देशों के साथ ज़िपर संबंध कभी‑कभी तनावपूर्ण हो गए।
दूसरी ओर, यूक्रेन संघर्ष, 2014 में शुरू हुए और 2022 में व्यापक युद्ध रूप ले लिया, जिसने यूरोप और दुनिया को अस्थिर कर दिया पुटिन की विदेश नीति को आज़माता है। इस संघर्ष ने न केवल यूक्रेन की संप्रभुता को चुनौती दी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के एक व्यापक ताने‑बाने को उत्पन्न किया। पुटिन का मानना है कि यह संघर्ष रूस की सुरक्षा सीमा को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है, जबकि कई पश्चिमी देश इसे आक्रामक कदम मानते हैं।
तीसरा महत्वपूर्ण तत्व है अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध, वित्तीय और आर्थिक बाधाएं जो कई देशों द्वारा रूस पर लागू की गई हैं, विशेषकर ऊर्जा, बैंकिंग और सैन्य क्षेत्रों में। ये प्रतिबंध पुटिन की आर्थिक रणनीतियों पर सीधा प्रभाव डालते हैं, जिससे रूसी बैंकों को वैकल्पिक वित्तीय नेटवर्क बनाना पड़ा। परिणामस्वरूप, रूस ने अपनी मुद्रा को स्थायी करने और गैर‑पश्चिमी साझेदारियों को मजबूत करने के लिए नई नीतियां तैयार कीं।
अंत में, NATO, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन, जो यूरोपीय सुरक्षा का प्रमुख स्तंभ माना जाता है पुटिन की सुरक्षा रणनीति में एक प्रमुख चुनौती है। पुटिन अक्सर NATO के विस्तार को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में देखते हैं, इसलिए उन्होंने रूस की सैन्य शक्ति को बढ़ाने और सीमाओं को मजबूत करने पर जोर दिया है। यह तनाव NATO‑रूस संबंधों को लगातार तनावपूर्ण बनाए रखता है, जिससे अमेरिका‑रूस के बीच वार्ता की गुंजाइश कम होती जा रही है।
इन चार घटकों—रूस, यूक्रेन संघर्ष, अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध और NATO—के बीच जटिल परस्पर क्रिया पुटिन की नीति के मूलभूत समीकरण को बनाते हैं। एक ओर ऊर्जा निर्यात की शक्ति, दूसरी ओर आर्थिक सीमाओं की नई लहर, और तीसरी ओर सुरक्षा अभिवृद्धि के प्रयास—सब एक ही लक्ष्य की ओर धकेलते हैं: राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित करना और अंतरराष्ट्रीय मंच पर रूस की स्थिति को दृढ़ बनाना। अब आप नीचे की सूची में विभिन्न लेखों को देखेंगे जो इन विषयों को विभिन्न दृष्टिकोणों से पेश करते हैं, चाहे वह राजनीतिक विश्लेषण हो, आर्थिक प्रभावों का गहन अध्ययन हो या सैन्य रणनीति पर विस्तृत टिप्पणी।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी राजनीति में विवाद खड़ा कर दिया है, जब उन्होंने डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति उम्मीदवार कमला हैरिस को समर्थन की घोषणा की। पुतिन ने कमला हैरिस की 'संक्रामक' हंसी की सराहना की, यह कहते हुए कि यह रूस के लिए फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इससे कम प्रतिबंध लग सकते हैं। अमेरिकी अधिकारियों ने पुतिन की टिप्पणी की निंदा की है।
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