आलीगढ़ में करवा चौथ पर 12 दुल्हनों ने पति को बेहोश कर गहने चुराए

  • घर
  • आलीगढ़ में करवा चौथ पर 12 दुल्हनों ने पति को बेहोश कर गहने चुराए
आलीगढ़ में करवा चौथ पर 12 दुल्हनों ने पति को बेहोश कर गहने चुराए

जब वीर सिंह, कैलाश नगर, इग्लास ने करवा चौथ की रात अपनी शुरुआती शादी का जश्न मनाने की तैयारी की, तो कुछ ऐसा हुआ जिसकी बात आज भी कान्फ़ूज़न की तरह फुसफुसाई जाती है। उत्तर प्रदेश के आलीगढ़ जिले में 12 नववधुओं ने अपने पतियों को नशे में ले जाकर, गहनों व कीमती सामान के साथ गायब हो गईं।

पृष्ठभूमि और करवा चौथ की प्रथा

करवा चौथ हर वर्ष स्त्रियों के लिये व्रत, पूजा और सौंदर्य का जश्न होती है। कुछ लोग इस त्यौहार को व्यापारिक अवसर मानते हैं, लेकिन इस बार असामान्य मोड़ आया।

घटना का विस्तृत विवरण

इन 12 दुल्हनों की शादी केवल दो‑तीन दिन पहले ही हुई थी, वह भी आलाघर के विभिन्न गॉव में। सभी दुल्हनों का बताया गया है कि वे विचौल्या नामक एक मध्यस्थ द्वारा व्यवस्थित की गई थीं, जो इग्लास के एक छोटे कस्बे में रहता था। इस मध्यस्थ को स्थानीय निवासी सचिन ने दुल्हनों को अस्थायी रूप से अपने घर में ठहराया था।

रात के खाने के बाद, जब करवा चंदन की रोशनी में दुल्हनों ने अपने वरों को शरबत और हलवा परोसा, तभी उन्होंने गुप्त रूप से एंटी‑हिस्टामिन दवा मिलाई। पति कुछ ही घंटे में बेहोश हो गए, और जब सुबह 10 अक्टूबर को वे जागे, तो उनके साथ दुल्हनें, गहने, और कई कीमती चीज़ें भी गायब थीं।

पुलिस की जांच और संभावित नेटवर्क

पुलिस की जांच और संभावित नेटवर्क

उत्तरी प्रदेश पुलिस ने घटना पर तुरंत टीम बनाकर जाँच शुरू की। उपराइट प्रदेश पुलिस ने बताया कि उन्होंने पहले ही सभी शादी की दस्तावेज़ीकरण की समीक्षा कर ली है और विवाह प्रमाणपत्रों की जांच जारी है। जाँच के प्रारम्भिक चरण में यह साफ़ हुआ है कि यह मामला सिर्फ एक स्थानीय चोरी नहीं, बल्कि एक इंटर‑स्टेट अपराधिक नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है, जो विशेष त्यौहारों में जोड़ों को निशाना बनाता है।

विचौल्या की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, लेकिन पुलिस ने उसकी संभावित ठहराव की जगह इग्लास के एक झापड़िया में होने का संदेह जताया है। सचिन को भी पूछताछ के लिये हिफ़ाज़त के तहत रखा गया है, क्योंकि उन्होंने दुल्हनों को अपने घर में ठहराने की प्रक्रिया में मध्यस्थ के साथ सीधा संपर्क स्थापित किया था।

प्रभावित परिवारों की प्रतिक्रियाएँ

चार परिवारों ने आधिकारिक तौर पर शिकायत दर्ज करवाई है, जबकि बाकी आठ ने सामाजिक दबाव और शर्मिंदगी के कारण अभी तक डर के मारे आवाज नहीं उठाई। एक परिवार के मुखिया ने कहा, “हमारी बेटी अभी तक घर नहीं पहुँची, और हमें नहीं पता कि वह कहाँ जा रही है।” दूसरा परिवार बहुत ही गुस्सा में बोला, “क्या कर दिया हमने अपने लड़कों को, इतनी छोटी उम्र में ही ???”

जिन परिवारों ने रिपोर्ट किया, उन्होंने बताया कि गहनों की कुल कीमत “बहुत बड़ी” है, लेकिन सटीक आंकड़ा अभी तक नहीं बताया गया। कुछ स्रोतों के अनुसार, कुल नुकसान लगभग ₹15 लाख तक हो सकता है।

आगे क्या हो सकता है

आगे क्या हो सकता है

अभी पुलिस स्थानीय मीडिया और सोशल नेटवर्क पर भी अलर्ट जारी कर रही है, ताकि इन 12 दुल्हनों और उनके साथ ले जाएँ गए सामान को ट्रैक किया जा सके। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि मध्यस्थ का नेटवर्क पता चल जाता है, तो कई अन्य संभावित प्लान को रोका जा सकता है।

जैसे ही कोई नई सूचना सामने आती है, पुलिस तुरंत कार्रवाई करेगी। इस बीच, नवविवाहित जोड़ों को सलाह दी गई है कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति के संपर्क में आते समय पूरी जानकारी रखें और शादी के तुरंत बाद बड़े पैमाने पर आर्थिक लेन‑देनों से बचें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

इन दुल्हनों ने किस तरह के सामान चुराए?

जिन परिवारों ने शिकायत दर्ज कराई, उन्होंने बताया कि सोने की अंगूठी, कंगन, चाबी और कुछ मौजूदा ज्वेलरी पिसेस चोरी हुए। कुल मिलाकर नुकसान लगभग ₹15 लाख के आसपास हो सकता है, पर सटीक आंकड़ा अभी जाँच में है।

क्या मध्यस्थ का कोई पहचान हो चुका है?

विचौल्या नामक मध्यस्थ के बारे में पुलिस को केवल उसका कामकाज़ स्थान और कुछ संपर्क नंबर पता हैं। अभी तक उसका असली नाम या सटीक पहचान नहीं हुई है, इसलिए उसे अभी तक ग्राफ़ से बाहर माना जाता है।

पुलिस ने अब तक क्या कदम उठाए हैं?

उपराइट प्रदेश पुलिस ने तुरंत FIR दर्ज की, सभी शादी के कागजात की जांच शुरू की, और सामाजिक मीडिया पर सूचना में खतरे के बारे में अलर्ट जारी किया है। साथ ही, सचिन को पूछताछ के लिये हिरासत में लिया गया है।

क्या भविष्य में ऐसे मामलों से बचाव के उपाय हैं?

विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि शादी के तुरंत बाद बड़े मूल्य के आभूषण घर में न रखें, और किसी भी अजनबी मध्यस्थ से संपर्क करते समय पृष्ठभूमि की जाँच करने को प्राथमिकता दें। त्योहारी मौकों पर विशेष सतर्कता बरतना अनिवार्य है।

Chandni Mishra

Chandni Mishra

मैं एक भारतीय समाचार लेखिका हूँ। मुझे भारतीय दैनिक समाचार पर लेख लिखने का शौक है। मैं अपने घर पर रहकर काम करती हूँ और अपने परिवार के साथ समय बिताना पसंद करती हूँ। शीर्ष समाचार और घटनाओं पर लिखते हुए मैं समाज को सूचित रखने में विश्वास रखती हूँ।

13 Comments

Sanjay Kumar

Sanjay Kumar

12 अक्तूबर, 2025 . 21:50 अपराह्न

सच में चौंका देने वाला मामला, दुल्हनों का भरोसा टुट गया 😔

Nandita Mazumdar

Nandita Mazumdar

17 अक्तूबर, 2025 . 13:13 अपराह्न

ये कोई भी प्रेम कथा नहीं, ये तो हमारे सामाजिक ताना‑बाना की बर्दश है! ऐसे घिनौने कामों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

Vinod Mohite

Vinod Mohite

22 अक्तूबर, 2025 . 04:36 पूर्वाह्न

कुशलता से आयोजित इस धोखाधड़ी में नेटवर्क थ्योरी का प्रयोग स्पष्ट है यह केस माइक्रो‑विक्टिमाइजेशन की केस स्टडी है

Paras Printpack

Paras Printpack

26 अक्तूबर, 2025 . 20:00 अपराह्न

हाहाहा, करवा चौथ की मिठास अब चोरी की चुटकी में बदल गई है। दुल्हनों ने तो पूरी फिल्म बना दी! पुलिस को अब सस्पेंस थ्रिलर जैसा केस सॉल्व करना पड़ेगा।

yaswanth rajana

yaswanth rajana

31 अक्तूबर, 2025 . 11:23 पूर्वाह्न

यह घटना हमें यह सिखाती है कि शादी के बाद तुरंत बड़े मूल्य के आभूषणों को सुरक्षित रखने की जरूरत है। स्थानीय समुदाय को आपस में सहयोग करके ऐसे नेटवर्क को रोकना चाहिए। साथ ही, मध्यस्थों के बैकग्राउंड चेक को कठोर बनाना आवश्यक है। यह छोटे‑छोटे कदम बड़े नुकसान को रोक सकते हैं।

Roma Bajaj Kohli

Roma Bajaj Kohli

1 नवंबर, 2025 . 15:26 अपराह्न

Paras के मज़ाक से स्पष्ट है कि मीडिया कभी‑कभी नाटकीयता से सच्चाई छुपा देती है। हमें तथ्य‑आधारित रिपोर्टिंग की जरूरत है।

Nitin Thakur

Nitin Thakur

6 नवंबर, 2025 . 06:50 पूर्वाह्न

समाज में नैतिकता का पतन देखना दुखद है। ऐसे मामलों में अधिकारी को सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। अन्याय का समर्थन नहीं किया जा सकता।

Krish Solanki

Krish Solanki

10 नवंबर, 2025 . 22:13 अपराह्न

यह केस एक जटिल ट्रांज़ैक्शनल नेटवर्क की तरह दिख रहा है, जहाँ सिम्बायोटिक रिलेशनशिप्स बनते हैं। अनैतिक व्यापारिक मॉडल को तुरंत तोड़ना पड़ेगा। पुलिस को डिजिटल फॉरेंसिक में भी निवेश करना चाहिए।

SHAKTI SINGH SHEKHAWAT

SHAKTI SINGH SHEKHAWAT

11 नवंबर, 2025 . 12:23 अपराह्न

कृपिनिश्ड फ़्रेमवर्क की बात सही है, पर हमें फील्ड रिपोर्ट्स से ही साक्ष्य जुटाने चाहिए। सिर्फ थ्योरी नहीं, प्रैक्टिकल एप्रॉच चाहिए।

sona saoirse

sona saoirse

16 नवंबर, 2025 . 03:46 पूर्वाह्न

ये सारा केस बिलकुल ही अजबस फजाब लग र्हा है, कौन सोच सकेगा कि दुल्हनें ऐसे कर सके 🤯

Akshay Gore

Akshay Gore

20 नवंबर, 2025 . 19:10 अपराह्न

समझते है लेकिन बस इतना कहेंगे कि हर केस को ओवरड्रामा नहीं बनाना चाहिए।

Rin Maeyashiki

Rin Maeyashiki

25 नवंबर, 2025 . 10:33 पूर्वाह्न

करवा चौथ का त्यौहार हमेशा से महिलाओं की शक्ति और धैर्य का प्रतीक रहा है, लेकिन इस बार इसका प्रयोग अवैध संपत्ति चोरी के ढाल में हो गया। 12 नववधुओं ने अपने पति को नशे में लेकर न केवल विश्वसनीयता तोड़ी, बल्कि सामाजिक भरोसे को भी ध्वस्त कर दिया। ऐसी योजना में मध्यस्थ की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण थी, क्योंकि वह दांव पर सभी को जोड़ता है। इस मामले में उपयोग की गई एंटी‑हिस्टामिन दवा का चयन भी सावधानीपूर्वक किया गया था, जिससे नुकसान कम समय में हो गया। पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया सराहनीय है, परंतु जांच को गहराई में जाना चाहिए ताकि अंतर्सराज्य नेटवर्क की पूरी तस्वीर सामने आए। स्थानीय पुलिस को डिजिटल ट्रेस, मोबाइल डेटा और वित्तीय लेन‑देन की जाँच करनी चाहिए। अक्सर ऐसे मामलों में सामाजिक दबाव के कारण कई पीड़ित भाग लेते हैं, इसलिए समर्थन समूहों की भूमिका अहम हो जाती है। परिवारों की भावनात्मक असहायता को समझते हुए, काउंसलिंग सेवाओं की व्यवस्था भी आवश्यक है। इस तरह की घातक योजना को रोकने के लिए, शादी के बाद जल्दी‑जल्दी बड़े आभूषणों को बैंक में जमा करना एक प्रभावी उपाय हो सकता है। साथ ही, माध्यमों को भी जिम्मेदारी से रिपोर्टिंग करनी चाहिए, न कि सनसनीखेज़ी से। सामाजिक मीडिया पर भी सतर्कता बरतनी आवश्यक है, क्योंकि झूठी जानकारी से पैनिक फैल सकता है। इस घटना से यह स्पष्ट है कि अपराधी सामाजिक रिवाजों का दुरुपयोग करके अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हैं। हमें इस बात की भी चेतावनी देनी चाहिए कि कोई भी अजनबी मध्यस्थ, चाहे वह छोटा या बड़ा हो, भरोसेमंद नहीं हो सकता। अंत में, कानूनी प्रावधानों को कड़ा करके, इस प्रकार की सामुदायिक घोटालों को रोकना संभव है। आशा है कि भविष्य में इस तरह की योजनाएँ नहीं बनेगी और लोग सुरक्षित महसूस करेंगे।

Vinay Chaurasiya

Vinay Chaurasiya

26 नवंबर, 2025 . 14:36 अपराह्न

आपकी विस्तृत विश्लेषण ने केस की कई परतें उजागर की हैं, विशेषकर डिजिटल फॉरेंसिक की जरूरत को। साथ ही, सामाजिक जागरूकता बढ़ाने के उपाय भी अत्यावश्यक हैं।

एक टिप्पणी लिखें