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दक्षिण कोरिया की शीर्ष अदालत ने समलैंगिक जोड़ों के लिए राज्य स्वास्थ्य लाभ का अधिकार बरकरार रखा

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दक्षिण कोरिया की शीर्ष अदालत ने समलैंगिक जोड़ों के लिए राज्य स्वास्थ्य लाभ का अधिकार बरकरार रखा

दक्षिण कोरिया की शीर्ष अदालत का ऐतिहासिक फैसला

दक्षिण कोरिया की सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में समलैंगिक जोड़ों के लिए राज्य स्वास्थ्य बीमा कवरेज देने का अधिकार बरकरार रखा है। यह फैसला LGBTQ अधिकारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माने जा रहे हैं। इस फैसले के तहत समलैंगिक जोड़े अपने साथी के स्वास्थ्य कवरेज के लिए लाभार्थी के रूप में पंजीकृत हो सकते हैं, जो देश के इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि है। इस फैसले से ना केवल समलैंगिक जोड़ों का समर्थन किया गया है, बल्कि उनके मौलिक अधिकारों की जीत भी हुई है।

मामले की पृष्ठभूमि

यह मामला सो से-वो और किम-मिन नामक समलैंगिक जोड़े द्वारा दायर किया गया था, जो दक्षिण कोरिया में एक साथ रह रहे हैं। उनके साथ की कानूनी मान्यता नहीं है, क्योंकि देश में समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं दी गई है। सो ने नेशनल हेल्थ इंश्योरेंस सर्विस (NHIS) के खिलाफ तब कानूनी कार्यवाही शुरू की जब उनके पार्टनर के डिपेंडेंट बेनेफिट्स को समलैंगिक संबंध का खुलासा होने पर समाप्त कर दिया गया था।

चुनौतियां और अदालती निर्णय

सो द्वारा दायर इस मामले में मुख्य न्यायाधीश जो ही-दे ने निर्णय दिया कि लिंग के आधार पर ऐसे लाभों से वंचित करना यौन प्राथमिकता पर आधारित पूर्वाग्रह हैं, जिससे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है जैसे मानव गरिमा, खुशी की खोज, गोपनीयता और कानून के सामने समानता। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सिओल हाई कोर्ट के पिछले निर्णय को दोहराया, जिसमें NHIS को समलैंगिक जोड़े के लाभों को पुनः स्थापित करने का निर्देश दिया गया था।

मानवाधिकारों की जीत

मानवाधिकारों की जीत

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कोर्ट के इस फैसले की प्रशंसा की और इसे दक्षिण कोरिया में समानता और मानवाधिकारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। संगठन ने यह भी बताया कि यौन प्राथमिकता के आधार पर भेदभाव के खिलाफ व्यापक विधायिका की आवश्यकता है। इस निर्णय से ना केवल समलैंगिक जोड़ों को हक मिला है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी भेजा गया है कि सभी को समान अधिकार मिलना चाहिए।

इस निर्णय का प्रभाव केवल दक्षिण कोरिया तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह फैसला अन्य देशों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बन सकता है जहां LGBTQ समुदाय को समान अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

समान अधिकारों की दिशा में एक और कदम

सुप्रीम कोर्ट का फैसला इस बात का प्रमाण है कि दक्षिण कोरिया में समलैंगिक जोड़ों के अधिकारों को पहचाना जा रहा है और उन्हें समान अधिकार देने के लिए कानूनी कदम उठाए जा रहे हैं। इस फैसले से ना केवल समलैंगिक जोड़ों को स्वास्थ्य बीमा कवरेज का लाभ मिलेगा, बल्कि यह समाज में उनकी प्रतिष्ठा को भी मजबूत करेगा।

इस प्रकार के निर्णय समाज को यह संदेश भी देते हैं कि किसी भी व्यक्ति की यौन प्राथमिकता के आधार पर उसके मौलिक अधिकारों को दबाया नहीं जा सकता है। यह फैसला समलैंगिक जोड़ों के लिए एक नई उम्मीद की किरण है और उनके अधिकारों की दिशा में एक बड़ी जीत है।

राधिका शर्मा

राधिका शर्मा

मैं एक भारतीय समाचार लेखिका हूँ। मुझे भारतीय दैनिक समाचार पर लेख लिखने का शौक है। मैं अपने घर पर रहकर काम करती हूँ और अपने परिवार के साथ समय बिताना पसंद करती हूँ। शीर्ष समाचार और घटनाओं पर लिखते हुए मैं समाज को सूचित रखने में विश्वास रखती हूँ।

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