जब हम राष्ट्र, एक राजनीतिक इकाई जो भूमि, लोग और सरकारी ढाँचा शामिल करती है, देश की बात करते हैं, तो सबसे पहले दो बड़े शब्द दिमाग में आते हैं – भारत, उप महाद्वीप में स्थित बहुसांस्कृतिक राष्ट्र और कूटनीति, राष्ट्रों के बीच शांतिपूर्ण संवाद और समझौता प्रक्रिया। राष्ट्र के अस्तित्व को सुरक्षित रखने के लिए कूटनीति और रक्षा दोनों ही आवश्यक हैं; यही संबंध "राष्ट्र सुरक्षा कूटनीति पर निर्भर करती है" जैसी सिमैंटिक ट्रिपल बनाता है। इस पृष्ठ पर आपको इन दो स्तंभों के नवीनतम अपडेट मिलेंगे – चाहे वह भारत‑विदेश नीति की दिशा हो या अंतरराष्ट्रीय मंच पर हमारी आवाज़।
राष्ट्र समाचार में अक्सर सेना, विदेश मंत्रालय और केंद्र सरकार की कार्रवाइयाँ प्रमुख रूप से दर्शाई जाती हैं। उदाहरण के तौर पर कारगिल युद्ध में वायुसेना पायलट कंबंपति नचिकेता की रिहाई, जिसमें वाजपेयी सरकार ने कूटनीतिक दबाव डालकर सफलता पाई, यह दिखाता है कि राजनीतिक शक्ति अंतरराष्ट्रीय स्थितियों को प्रभावित करती है। इस घटना से स्पष्ट होता है कि सेना, देश की रक्षा हेतु सशस्त्र बल और राजनीति, शासन के निर्णय और रणनीतियों का मूलभूत तत्व आपस में बंधे होते हैं। कारगिल जैसे संघर्ष में कूटनीति, सेना की ताकत और राजनयिक कौशल का मिलाजुला प्रयोग ही परिणाम तय करता है।
देश‑विदेश के संबंधों को समझने के लिए हमें दो प्रमुख क्षेत्रों पर नज़र रखनी चाहिए – विदेश नीति, राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय व्यवहार और रणनीति और सुरक्षा नीति, देश की रक्षा के लिए बनाए गए सिद्धांत और योजनाएँ। जब भारत ने पाकिस्तान के साथ कारगिल के बाद कूटनीतिक वार्ता की, तो यह स्पष्ट हुआ कि विदेश नीति राष्ट्र की छवि बनाती है और सुरक्षा नीति उसके अस्तित्व की गारंटी देती है। दोनों नीतियों के बीच तालमेल के बिना कोई भी राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्थिर नहीं रह सकता। इस तालमेल को समझना हमारे पाठकों को हर दिन की खबरों के पीछे की गहरी कहानी बताता है।
राष्ट्र के अंदरूनी और बाहरी दोनों मुद्दों को जोड़ने वाले कई और पैनल होते हैं – जैसे कि आर्थिक नीतियाँ, सामाजिक आंदोलन और सांस्कृतिक धरोहर। लेकिन जब आप इस श्रेणी में आर्टिकल पढ़ते हैं, तो मुख्य फोकस हमेशा राष्ट्रीय सुरक्षा, कूटनीति और राजनीति पर रहता है। यही कारण है कि कारगिल युद्ध, वाजपेयी सरकार की भूमिका, वायुसेना पायलट की रिहाई जैसे केस स्टडीज़ यहाँ प्रमुखता से दिखते हैं। इन कहानियों से यह समझा जाता है कि राष्ट्र की मजबूती कई स्तरों पर परस्पर जुड़ी होती है।
नीचे आपको ऐसे लेख मिलेंगे जो भारत की कूटनीति, विदेश‑सुरक्षा चाल, तथा राष्ट्रीय राजनीति के विभिन्न पहलुओं को गहराई से देखते हैं। प्रत्येक लेख में प्रमुख घटनाओं की पृष्ठभूमि, प्रमुख व्यक्तियों की भूमिका और परिणामों की विस्तृत चर्चा होगी। चाहे आप एक विद्यार्थी हों, जासूस, या बस खबरों में रुचि रखते हों, यहाँ की सामग्री आपके ज्ञान को बढ़ाएगी और वर्तमान राष्ट्रीय स्थिति को समझने में मदद करेगी। अब चलिए, उन लेखों में डुबकी लगाते हैं जो राष्ट्र के आज के परिदृश्य को आकार दे रहे हैं।
कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना के फ्लाइट लेफ्टिनेंट कंबंपति नचिकेता को पकड़े जाने के बाद वाजपेयी सरकार ने उनकी सुरक्षित वापसी के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किए। आठ दिन पाकिस्तान की जेल में बिताने के बाद उन्हें रिहा कराया गया, जिससे भारत की कूटनीतिक ताकत सामने आई।
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