मुंबई-हावड़ा मेल दुर्घटना: रेल यात्री सुरक्षा पर उठे सवाल
30 जुलाई 2024 की सुबह झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में भयानक रेल दुर्घटना ने देश को हिला कर रख दिया। मुंबई-हावड़ा मेल पटरी से उतर गई, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और दर्जनों यात्री घायल हो गए। यह घटना झारखंड के जमशेदपुर से करीब 80 किलोमीटर दूर बारबाम्बो के पास हुई।
घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे और स्थानीय प्रशासन ने तुरंत मौके पर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीम भी दुर्घटना स्थल पर पहुंच गई। घायल यात्रियों को चिकित्सा सहायता के लिए चक्रधरपुर के अस्पतालों में पहुँचाया गया।
घटना का विवरण और रेलवे की प्रतिक्रिया
दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन के 18 डिब्बों में से 16 यात्री डिब्बे थे, इसके अलावा एक पावर कार और एक पेंट्री कार भी शामिल थे। रेल मंत्रालय ने इस दुर्घटना के बाद सुरक्षा उपायों की समीक्षा और दुर्घटना के कारणों की जांच का आदेश दिया है। साथ ही, प्रभावित मार्गों पर कई ट्रेनों को रद्द और डायवर्ट कर दिया गया है।
रेलवे ने 5 ट्रेनों को रद्द कर दिया है और 4 ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट किया है। इनमें शामिल हैं:
- 22861 हावड़ा-टिटलागढ़-कांटाबांजी एक्सप्रेस
- 08015/18019 खड़गपुर-झाड़ग्राम-धनबाद एक्सप्रेस
- 12021/12022 हावड़ा-बारबिल-हावड़ा जनशताब्दी एक्सप्रेस
- 18109 टाटानगर-इतवारी एक्सप्रेस
- 18030 शालिमार-एलटीटी एक्सप्रेस
शॉर्ट टर्मिनेट की गई ट्रेनें हैं:
- 18114 बिलासपुर-टाटानगर एक्सप्रेस
- 18190 एर्नाकुलम-टाटानगर एक्सप्रेस
- 18011 हावड़ा-चक्रधरपुर एक्सप्रेस
- 18110 इतवारी-टाटानगर एक्सप्रेस
राजनीतिक बहस
इस दुर्घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मच गई है। विपक्षी दलों ने नरेंद्र मोदी सरकार पर यात्रियों की सुरक्षा को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है। पिछले महीने ही 18 जुलाई को चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस और 18 जून को सियालदह-कांचनजंगा एक्सप्रेस की भी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इन घटनाओं के चलते यात्री सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
भावी कदम और यात्री सुरक्षा
रेल मंत्रालय और रेलवे बोर्ड ने अल्पकालिक और दीर्घकालिक उपायों की घोषणा की है। सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने के लिए तकनीकी सुधार और स्टाफ की ट्रेनिंग पर जोर दिया गया है।
यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सभी संबंधित विभागों से सहयोग की अपील की गई है। विशेष टीमें ट्रेनों की नियमित जांच और रखरखाव के लिए गठित की गई हैं। सरकार ने यह भी वादा किया है कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
इस भयानक दुर्घटना ने पूरे देश के लोगों को स्तब्ध कर दिया है। सभी की नजरें अब इस पर टिकी हैं कि सरकार और रेलवे प्रशासन किस तरह से इस स्थिति से निपटेंगे और आगे की रणनीति तैयार करेंगे।