जब मिचेल सैंटर, कैप्टन की न्यूज़ीलैंड क्रिकेट टीम ने 5 मार्च 2025 को लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में साउथ अफ्रीका को 50 रन से हराया, तो भारतीय प्रशंसकों के दिलों में एक नई आशा जागी। इस जीत ने न्यूज़ीलैंड को भारत के खिलाफ फाइनल तक पहुंचा दिया, जहाँ 9 मार्च को दुबई में खिताब की लड़ाई होगी।
ICC के Champions Trophy 2025लाहौर, पाकिस्तान के दूसरे सेमी‑फ़ाइल में दोनों टीमें उत्कृष्ट फॉर्म में थीं। साउथ अफ्रीका ने टूर्नामेंट के शुरुआती चरण में दो जीत हासिल की, लेकिन बाद में तीन लगातार हार का सामना किया। दूसरी ओर, न्यूज़ीलैंड ने अपने हमलावरों को अच्छी फ़ॉर्म में देखकर पहले राउंड में ही जीत का लक्ष्य तय किया था।
टॉस जीतने के बाद न्यूज़ीलैंड ने पहले बल्लेबाज़ी करने का फैसला किया। शीर्ष क्रम के राचिन रविंद्रा और केन विलियमसन ने क्रमशः 112 और 115 रन बनाते हुए 362/6 की ऐतिहासिक टोटल पर पहुँचे। यह स्कोर Champions Trophy इतिहास में सबसे अधिक बना, जैसा कि ESPN ने बताया। इस इनिंग में डैवल कॉनवे ने 45 रन, जबकि ग्लेन फिलिप्स ने तेज़ी से 30 रन जोड़ रखे।
साउथ अफ्रीका की इनिंग में डेविड मिलर ने 100 रन सिर्फ 67 गेंदों में मारकर टीम को 312/9 तक ले गया। हालांकि, कुंतन दे कोक (विकेटकीपर) और केशव महाराज (स्पिनर) के देर‑बाकी ओवरों में लगातार विकेट गिरते रहे, जिससे लक्ष्य तक पहुँचना मुश्किल हो गया। आख़िरी ओवर में लुंगी नगड़ी ने केवल 1 रन बनाया, जबकि न्यूज़ीलैंड की डिटिंग लाइन ने दबाव बना रखा।
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में मिचेल सैंटर ने कहा, "एक शानदार महसूस है फाइनल पहुँचने का। रविंद्रा और विलियमसन के साझेदारी ने हमें 360 से ऊपर ले जाया, और हमारे फिनिशर ने सही समय पर रनों को छाया। बॉलर ने लगातार दबाव बनाए रखा, जिससे तीन महत्वपूर्ण विकेट मिले।" उन्होंने यह भी जोड़ते हुए बताया कि टीम ने सभी चार ऑल‑राउंडरों को स्पिन बॉलिंग के लिए इस्तेमाल किया, जिससे गेंदबाज़ी में गहराई आई।
ESPN अफ्रीका के एक समाचार में पूर्व तेज़ गेंदबाज़ वर्नोन फिलैंडर ने साउथ अफ्रीका के कोचिंग स्टाफ की टेबरेज़ शम्सी को नहीं खेलने के फैसले की आलोचना की, "शम्सी की वाइब्रेंट लेग स्पिन का अभाव टीम को एक बड़ी कमी बना रहा।" वहीं, न्यूज़ीलैंड के स्पिनर आइश सोधी ने कहा, "हमारी टीम ने 4 स्पिनर्स को क्रमशः चलाया, जिससे विरोधी क्रम‑आक्रमण में बाधा पैदा हुई।"
फाइनल की तैयारियां दुबई के दुबई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में 9 मार्च को होगी। भारत के कोच रमेश सिंह ने इस अवसर को "इसे एक नई उपज के साथ खेलने का मौका" कहा, जबकि न्यूज़ीलैंड के कैन विलियमसन ने कहा, "हमारी टॉप‑ऑफ़िशियल तैयारियां टॉप फॉर्म में हैं, और हम भारत को हराने के लिए सभी चीजें तैयार रखी हैं।"
यह जीत न्यूज़ीलैंड को पहली बार इस टूर्नामेंट में फाइनल में ले जाती है, जबकि साउथ अफ्रीका दूसरा सीक्वेंस में सेमी‑फ़ाइल में बाहर हो गया। पिछले 2022 के चैंपियंस ट्रॉफी में न्यूज़ीलैंड ने क्वार्टर‑फ़ाइनल में ही बाहर हो गया था, इसलिए इस जीत को देश के क्रिकेट इतिहास में एक मील का पत्थर माना जा रहा है। साथ ही, 362/6 का स्कोर पिछले रिकॉर्ड‑ब्रेकिंग 337/5 (इंग्लैंड, 2017) से भी अधिक है।
भारत को साबित हुआ कि लगातार उच्च स्कोर बनाना और तेज़ फिनिशिंग क्षमता दोनों ही आवश्यक हैं। न्यूज़ीलैंड की 362/6 की टोटल दिखाती है कि शीर्ष क्रम के दो सदी बनाने वाले खिलाड़ी एक बड़े लक्ष्य को आसानी से सेट कर सकते हैं, जिससे भारत को अपनी बैटिंग डिप्थ पर पुनर्विचार करना पड़ेगा।
डेविड मिलर ने 100 रन बनाए, जबकि क्विंटन डी कोक ने 45 रन और कई महत्वपूर्ण बचाव किए। तेज़ गेंदबाज़ कागिसो रबादा और लुंगी नगड़ी ने क्रमशः 2 और 1 विकेट लिए, पर अंत में टीम के वैरिएबिलिटी ने लक्ष्य को नहीं पारा।
वर्नोन फिलैंडर ने सार्वजनिक तौर पर इस निर्णय की आलोचना की, यह बताते हुए कि शम्सी की लेग‑स्पिन ने कई बार विरोधी टॉप‑ऑर्डर को रोकने में मदद की होती। इसलिए कई विशेषज्ञ मानते हैं कि शम्सी के बिना टीम ने अपनी स्पिन विकल्पों को सीमित कर दिया।
दुबई की पिच सामान्यतः तेज़, समान दूरी वाली और शुरुआती ओवरों में थोड़ा डेक्सटर्ड रहती है, जिससे स्पिनर को देर‑से‑देर घुमा दिया जाता है। इससे दोनों टीमों को स्फ़टिक‑जैसे बॉलिंग और तेज़ फिनिशिंग दोनों का संतुलन बनाना होगा।
टीम संभवतः अपने शीर्ष क्रम को स्थिर रखते हुए, मध्य‑क्रम के बॉलर जैसे ग्लेन फिलिप्स और काइल जेमिसन पर भरोसा करेगी। साथ ही, तेज़ फ़िनिशिंग के लिए रॉबर्ट ओ'रॉरके और इश सोधि को लास्ट ओवर में उपयोग किया जाएगा। उनका लक्ष्य भारत के टॉप‑ऑर्डर को दबाव में रख कर 260‑280 रन का लक्ष्य बनाना है।
Ravindra Kumar
26 अक्तूबर, 2025 . 19:52 अपराह्न
न्यूज़ीलैंड की इस जीत से हमें यह सीख मिलती है कि लगातार डिटिंग पावर और तेज़ फिनिशिंग कितनी जरूरी है। भारतीय टीम को अब अपनी मध्य क्रम को मजबूत करना होगा, नहीं तो भारत‑न्यूज़ीलैंड फाइनल में पीछे रह जाएगा। इस तरह की बड़ी टोटल सेट करने से दबाव बनता है और विरोधी टीम पर मानसिक असर पड़ता है। इस मंच पर हमें अपनी रणनीति में लचीलापन दिखाना चाहिए, नहीं तो बड़े मैचों में फेल हो सकते हैं। अंत में, खेल की भावना को बनाए रखते हुए प्रतिस्पर्धा को सम्मान देना चाहिए।