समाचार संकलन

रांची में भारी बारिश और गरज-चमक से जनजीवन अस्त-व्यस्त, अगले हफ्ते और अलर्ट

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रांची में भारी बारिश और गरज-चमक से जनजीवन अस्त-व्यस्त, अगले हफ्ते और अलर्ट

रांची में बदला मौसम का मिजाज, जनजीवन पर असर

19 मई की दोपहर रांची जैसे अचानक किसी फिल्म का सीन बदल गया हो। धूप और उमस के बीच दोपहर 2 बजे अचानक तेज हवाएं चलने लगीं—50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार! इसके कुछ ही मिनट बाद घने बादल छा गए और मूसलाधार भारी बारिश शुरू हो गयी। आधे घंटे के इस मौसम ने शहर की रफ्तार थाम दी। बिजली गुल, जगह-जगह पेड़ उखड़ गए और सड़कों पर सुबह तक का जाम लग गया। बहुत से इलाकों में पानी इतना भर गया कि लोग बाइक और कार छोड़ पैदल निकलने को मजबूर हो गए। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक खिड़की से बाहर देखने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहे थे।

रांची में जब बारिश रुकती भी रही, तब भी आसपास के इलाकों में इसका असर दिखा। दलटनगंज में 5.8 मिमी, देवघर में 46.5 मिमी और लातेहार में 23 मिमी बारिश दर्ज हुई। हालांकि कहीं से भी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं मिली, लेकिन गिरे पेड़ों की वजह से बिजली के पोल टूट गए और घंटों कई मोहल्लों में अंधेरा रहा। सुरक्षा विभाग और नगरपालिका की टीमों को सड़कों से पेड़ हटाने में देर रात तक मशक्कत करनी पड़ी।

मौसम विभाग का अलर्ट और आने वाले दिनों का हाल

अभी भी राहत की उम्मीद कम है। इंडिया मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) के मुताबिक, राज्य में अगले 27 मई तक गरज-चमक, तेज़ हवाओं और बारिश का अलर्ट जारी है। कुछ जिलों—खासकर रांची, देवघर, साहिबगंज और लातेहार—में ऑरेंज येलो अलर्ट लगे हुए हैं। मौसम विज्ञान केंद्र, रांची के प्रमुख अभिषेक आनंद की मानें तो इस पूरे सीन के पीछे गर्मी और वातावरण में बढ़ती नमी है। उन्होंने बताया कि गर्मियों के दौरान जब नमी अचानक ज्यादा इकट्ठी हो जाती है तो ऐसी मौसम की घटना आम हो जाती है।

इसके बाद असली एक्शन जून में होगा, जब मॉनसून दस्तक देगा। 15 जून के आसपास इसके पहुंचने की उम्मीद है। पूर्वी और केंद्रीय जिले—जैसे गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़—में सामान्य से 10-15% ज्यादा बारिश हो सकती है। जानकार मानते हैं कि इस बार इन इलाकों के किसानों को फायदा मिल सकता है। दूसरी तरफ, झारखंड के दक्षिणी जिलों में मॉनसून थोड़ा कमजोर रह सकता है और वहां औसत से कम बारिश मिलने की आशंका है। लोग मौसम का हाल सुनकर राहत की सांस लेते जरूर हैं, लेकिन बिजली कटौती, जाम और घुटनों तक पानी की परेशानी से हर साल जूझना अब आम बात हो गई है।

  • रांची में बिजली आपूर्ति पर सबसे ज्यादा असर, कई घंटे सप्लाई बंद
  • सड़कों पर दर्जनों पेड़ गिरे, सफाई दस्ता हलकान रहा
  • अगले हफ्ते तक गरज-चमक और बारिश जारी रह सकती है

इस बार की बारिश लोगों के लिए भले ही राहत लेकर आई हो, मगर तैयारियों की कमी हर बार उजागर हो जाती है। मौसम के एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगले कुछ दिन ऐसा ही मौसम रहेगा, इसलिए अगले हफ्ते की प्लानिंग इसी हिसाब से करें!

राधिका शर्मा

राधिका शर्मा

मैं एक भारतीय समाचार लेखिका हूँ। मुझे भारतीय दैनिक समाचार पर लेख लिखने का शौक है। मैं अपने घर पर रहकर काम करती हूँ और अपने परिवार के साथ समय बिताना पसंद करती हूँ। शीर्ष समाचार और घटनाओं पर लिखते हुए मैं समाज को सूचित रखने में विश्वास रखती हूँ।