श्रेयस अय्यर और ईशान किशन ने क्यों मानी घरेलू क्रिकेट खेलने की शर्तें - जय शाह का खुलासा

  • घर
  • श्रेयस अय्यर और ईशान किशन ने क्यों मानी घरेलू क्रिकेट खेलने की शर्तें - जय शाह का खुलासा
श्रेयस अय्यर और ईशान किशन ने क्यों मानी घरेलू क्रिकेट खेलने की शर्तें - जय शाह का खुलासा

श्रेयस अय्यर और ईशान किशन की घरेलू क्रिकेट में वापसी: बीसीसीआई की सख्त नीति

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह के हालिया खुलासे से साफ हो गया है कि श्रेयस अय्यर और ईशान किशन ने घरेलू क्रिकेट खेलने का निर्णय क्यों लिया। इन दोनों प्रतिभावान खिलाड़ियों को केंद्रीय अनुबंध से बाहर कर दिया गया था, जिसका तात्कालिक कारण मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर द्वारा उनकी घरेलू क्रिकेट में अनियमितता बाणाई गया।

मुख्य चयनकर्ता का कड़ा रुख

मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने स्पष्ट कर दिया था कि जो खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट में हिस्सा नहीं लेंगे, उनके लिए राष्ट्रीय टीम में जगह नहीं होगी। श्रेयस अय्यर ने अपनी पीठ और कमर दर्द का हवाला दिया था जबकि ईशान किशन ने मानसिक थकान का कारण बताया था। हालांकि, बीसीसीआई की मेडिकल टीम ने अय्यर को फिट घोषित किया था, जो बोर्ड की नाराजगी का प्रमुख कारण बना। इस स्थिति ने एक स्पष्ट संदेश दिया कि घरेलू क्रिकेट की महत्वपूर्णता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

जय शाह का सख्त निर्देश

जय शाह ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि घरेलू क्रिकेट में भागीदारी अनिवार्य है और इसे प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने इस पर जोर दिया कि कोई भी खिलाड़ी इतना महत्वपूर्ण नहीं है कि वह न खेले और फिर भी वह टीम में जगह पा सके। जय शाह ने कहा, बोर्ड ने टेस्ट क्रिकेट के लिए वेतन में 100% की बढ़ोतरी की है, ताकि घरेलू क्रिकेट का महत्व बढ़े। यह कदम इस दिशा में है कि अनुबंधित खिलाड़ी इन टूर्नामेंट्स में भाग लें और अपना प्रदर्शन साबित करें।

घरेलू टूर्नामेंट्स में शानदार प्रदर्शन

श्रेयस अय्यर और ईशान किशन दोनों ने अपने-अपने घरेलू टूर्नामेंट्स में लौटकर खेलने का निर्णय लिया है। श्रेयस अय्यर ने रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल में भाग लिया जबकि ईशान किशन डीवाई पाटिल टी20 कप में हिस्सा ले रहें हैं। इन टूर्नामेंट्स में उनका प्रदर्शन राष्ट्रीय टीम में उनकी वापसी के लिए महत्वपूर्ण होगा।

आईपीएल के महत्व को कम नहीं किया गया

दोनों खिलाड़ी आईपीएल में अपने-अपने फ्रेंचाइजियों के लिए महत्वपूर्ण बने हुए हैं। यह कदम यह बताता है कि भले ही आईपीएल का अपना स्थान हो, लेकिन राष्ट्रीय चयन के लिए घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन की आवश्यकता है।

नए खिलाड़ियों के लिए मौका

इस नीति का एक और महत्वपूर्ण पहलू है कि यह नए और उभरते हुए खिलाड़ियों को अधिक अवसर प्रदान करता है। जब बड़े नाम घरेलू क्रिकेट में हिस्सा लेते हैं, तो यह बड़े मंच पर उनके साथ प्रतिस्पर्धा करने का स्वर्णिम मौका होता है। यह पूरी प्रक्रिया भारतीय क्रिकेट के समग्र विकास के लिए सकारात्मक साबित हो सकती है।

आगे का रास्ता?

श्रेयस अय्यर और ईशान किशन का घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन अब बीसीसीआई और चयनकर्ताओं की नजर में है। यदि दोनों खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो वे फिर से राष्ट्रीय टीम में लौट सकते हैं। इस कदम ने बीसीसीआई की नीति को साफ कर दिया है कि कोई भी खिलाड़ी घरेलू टूर्नामेंट्स को नजरअंदाज नहीं कर सकता।

समाप्त, इस पूरे प्रकरण से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय क्रिकेट में घरेलू क्रिकेट का महत्व अत्यधिक है और इसे कमजोर नहीं किया जाएगा। यह दिशा-निर्देश अन्य खिलाड़ियों के लिए भी स्पष्ट संकेत है कि राष्ट्रीय टीम में स्थान पाने के लिए घरेलू क्रिकेट में उत्कृष्ट प्रदर्शन आवश्यक है।

Chandni Mishra

Chandni Mishra

मैं एक भारतीय समाचार लेखिका हूँ। मुझे भारतीय दैनिक समाचार पर लेख लिखने का शौक है। मैं अपने घर पर रहकर काम करती हूँ और अपने परिवार के साथ समय बिताना पसंद करती हूँ। शीर्ष समाचार और घटनाओं पर लिखते हुए मैं समाज को सूचित रखने में विश्वास रखती हूँ।