जम्मू‑काश्‍मीर – राजनीति, पर्यटन, विकास और संस्कृति

जब जम्मू‑काश्‍मीर को समझते हैं, तो हमें पता चलता है कि यह एक भू‑राजनीतिक महत्व वाला उत्तर भारतीय प्रदेश है, जिसमें जम्मू, कश्मीर, लादाख और शिमला शामिल हैं. इसके साथ ही इसे ज&।क के नाम से भी जाना जाता है। जम्मू‑काश्‍मीर में विविधता भरपूर है, इसलिए इसे कई आयामों में देखना जरूरी है।पर्यटन प्राकृतिक सौंदर्य, हिल स्टेशन और सरोवरों की भरपूर वैराइटी प्रदान करता है इस प्रदेश के आर्थिक धारा का प्रमुख स्रोत है, और आर्थिक विकास कृषि, व्यावसायिक क्षेत्रों और उद्योगीकरण से जुड़ी प्रगति को दर्शाता है इसका दूसरा पिलर है। साथ ही, सुरक्षा आंतरिक और सीमा सुरक्षा की स्थिति, जो सामाजिक स्थिरता को प्रभावित करती है इस क्षेत्र में नीति निर्माताओं के लिए सबसे बड़ा चुनौती है।

जम्मू‑काश्‍मीर के प्रमुख आयाम

प्रांत की संस्कृति भद्दी धरोहर, संगीत, काव्य और हस्तशिल्प में परिलक्षित है, जो स्थानीय लोगों की पहचान को उजागर करती है। भाषा, पहनावा और त्यौहारों में विविधता होने के कारण यहाँ का सामाजिक ताना‑बाना बहुत रंगीन है। दूसरी ओर, शिक्षा शिक्षण संस्थानों और साक्षरता दर को दर्शाती है का स्तर सुधार की दिशा में है, लेकिन अभी भी ग्रामीण इलाकों में चुनौतियाँ मौजूद हैं। सरकार ने कई पहलें शुरू की हैं, जैसे डिजिटल शिक्षा और तकनीकी प्रशिक्षण, ताकि युवा वर्ग को नए अवसर मिल सकें।

पर्यटन और आर्थिक विकास के बीच सीधा संबंध है: जब पर्यटक संख्या बढ़ती है, तो होटल, परिवहन और स्थानीय हस्तशिल्प की मांग बढ़ती है, जिससे रोजगार के अवसर उत्पन्न होते हैं। इसी तरह, सुरक्षा में स्थिरता सुनिश्चित करने से निवेशक भरोसा महसूस करते हैं और बड़े प्रोजेक्ट्स जैसे हाइड्रोपावर और सड़कों का विकास तेज़ होता है। इन तीनों तत्वों – पर्यटन, आर्थिक विकास और सुरक्षा – का सामंजस्य प्रदेश की समग्र प्रगति को तेज़ करता है।

आगे बढ़ते हुए, आप इस पेज पर जम्मू‑काश्‍मीर से जुड़ी ताज़ा ख़बरें, राजनीतिक अपडेट, पर्यटन गाइड और विकास योजनाओं की विस्तृत जानकारी पाएंगे। नीचे दी गई लिस्ट में विभिन्न लेखों के माध्यम से आप प्रदेश की वास्तविक स्थिति और आगामी परिवर्तन को समझ पाएँगे।

जम्मू में डोडा एनकाउंटर के बाद पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन: जनता में आक्रोश

जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में सेना के चार कर्मियों की आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद होने के बाद जम्मू में पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन हुए। तलाशी अभियान सोमवार शाम को शुरू हुआ और पिछले तीन हफ्तों में यह तीसरी बड़ी मुठभेड़ है। शिवसेना डोगरा फ्रंट, मिशन स्टेटहुड और सामाजिक संगठनों ने सड़कों पर उतर कर पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

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