जब हम कूटनीति, राष्ट्रों के बीच राजनयिक संवाद, समझौते और सहयोग की प्रक्रिया. राजनय की बात करते हैं, तो यह सिर्फ उच्च‑स्तरीय बैठकों तक सीमित नहीं रहता। यह आर्थिक साझेदारी, सुरक्षा समझौते और सांस्कृतिक आदान‑प्रदान को भी जोड़ता है। साथ ही विदेश नीति, देश की अंतरराष्ट्रीय दिशा निर्धारित करने वाला मुख्य ढांचा, अंतरराष्ट्रीय संबंध, राष्ट्रों के बीच निरंतर संवाद और प्रक्षेपवक्र, और द्विपक्षीय वार्ता, दो देशों के बीच सीधे चर्चा और समझौता जैसे तत्व इस क्षेत्र में कड़ी बंधन बनाते हैं।
समकालीन कूटनीति में आर्थिक सहयोग, देशों के बीच व्यापार, निवेश और संसाधन साझा करने की प्रक्रिया का वजन बढ़ा है; भारत‑उक्तराज्य निवेश योजना, विदेशियों के लिए रोड शो और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय मंच जैसे उदाहरण इस बात को स्पष्ट करते हैं कि व्यापारिक समझौतों को सुरक्षित राजनयिक ढाँचे की ज़रूरत होती है। सुरक्षा नीति, जैसे सीमा रक्षा, साइबर सुरक्षा समझौते, और समुद्री सुरक्षा संधियां भी द्विपक्षीय वार्ता में प्रमुख चर्चा बिंदु बनती हैं। सांस्कृतिक विनिमय, छात्रवृत्ति, पर्यटन प्रोत्साहन और खेल कूटनीति (जैसे भारत‑श्रीलंका क्रिकेट श्रृंखला) भी राजनयिक इरादों को सुदृढ़ करते हैं, जिससे दीर्घकालिक मित्रता बनी रहती है। इन सभी आयामों की परस्पर क्रिया “कूटनीति आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देती है”, “विदेश नीति कूटनीति को दिशा देती है”, “अंतरराष्ट्रीय संबंध सुरक्षा समझौतों को प्रभावित करते हैं” जैसे त्रिपुट संबंध बनाती है, जो हमारे पाठकों को व्यापक दृष्टिकोण देती है। हाल ही में भारत‑उत्पादन‑उत्सव, यूएन ट्रेड फ़ेयर और SAARC शिखर सम्मेलन जैसे मंचों पर किए गए बयान सीधे कूटनीतिक दिशा को बदलते हैं। जबकि धात्रेस के बाद सोने‑चाँदी की कीमतों में गिरावट, यूपी की 10 लाख करोड़ की निवेश योजना और विदेशी निवेशकों के रोड शो भी दिखाते हैं कि आर्थिक संकेतक और कूटनीति आपस में जुड़े हुए हैं। इसी तरह, चीन‑भारत सीमा वार्ता, इज़राइल‑फ़िलिस्तीन शांति पहल, और एशिया‑पैसिफ़िक आर्थिक साझेदारी (APEC) जैसे वैश्विक समझौते भारत की विदेश नीति को नया आयाम देते हैं।
नीचे आप देखेंगे कि इस टैग के तहत कौन‑कौन से विषय शामिल हैं—विदेशी निवेश की रणनीति, अंतरराष्ट्रीय खेल से जुड़ी राजनयिक पहल, आर्थिक लाभों से जुड़े कूटनीति के पहलू और सुरक्षा प्रश्नों का राजनयिक समाधान। चाहे आप नीति निर्माताओं की निकटतम जानकारी चाहते हों या सामान्य पाठक हों, इस संग्रह में आपको स्पष्ट विश्लेषण और ताज़ा अपडेट मिलेंगे, जो कूटनीति के हर कोण को समझने में मदद करेंगे। आगे की सूची में हम इन सभी पहलुओं को विस्तृत रूप से प्रस्तुत करेंगे, ताकि आप वर्तमान घटनाओं से जुड़ी गहरी समझ बना सकें।
पीएम नरेंद्र मोदी के भारत-चीन संबंधों पर दिए गए सकारात्मक बयान का चीन ने स्वागत किया है। चीन ने द्विपक्षीय संबंधों को 'ड्रैगन-हाथी नृत्य' के रूप में आतंरिक करने की बात कही और 75वीं राजनयिक वर्षगांठ को साझेदारी को मजबूत करने के अवसर के रूप में देखा। पी.एम. मोदी ने कज़ान सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिंपिंग से भी मुलाकात की थी।
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