जब बात आती है न्यूज़ीलैंड क्रिकेट, एक ऐसी टीम जो लगातार विश्व के शीर्ष में रहती है, चाहे महिला या पुरुष टीम हो। इसे न्यूज़ीलैंड क्रिकेट टीम भी कहा जाता है, और ये टीम बस एक टीम नहीं, बल्कि एक भावना है—जिसमें अनुशासन, जिद और बिना शोर के जीत की आदत है।
इस टीम के साथ ICC महिला विश्व कप 2025, दुनिया की सबसे बड़ी महिला क्रिकेट प्रतियोगिता, जहाँ न्यूज़ीलैंड हमेशा एक खतरनाक खिलाड़ी बनकर उभरती है का रिश्ता खास है। इस टूर्नामेंट में न्यूज़ीलैंड महिला टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक ऐसा मुकाबला खेला जिसे फैंस अभी तक याद कर रहे हैं। ये मैच इंदौर के होलकर स्टेडियम में खेला गया, और वहाँ न्यूज़ीलैंड की बैटिंग और गेंदबाजी दोनों ने एक नया मानक तय किया। ये टीम बस बल्लेबाजी नहीं करती, बल्कि दबाव में भी शांत रहती है।
और जब बात आती है न्यूज़ीलैंड महिला क्रिकेट टीम, जिसकी टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो बिना बड़े शोर के भी दुनिया को हैरान कर देते हैं, तो आपको याद आएगा कि कैसे उन्होंने भारत के खिलाफ ट्राय-सीरीज़ में भी जबरदस्त प्रदर्शन किया। भारत की टीम तो अपने घर पर जीतने के लिए तैयार होती है, लेकिन न्यूज़ीलैंड की महिला टीम तो घर की बात ही नहीं करती—वो जहाँ भी जाती है, वहाँ जीत लाती है। इस टीम के लिए ये नहीं कि कहाँ खेल रहे हैं, बल्कि कैसे खेल रहे हैं।
और अगर आप न्यूज़ीलैंड के पुरुष टीम की बात करें, तो रॉस्टन चेज़, एक ऐसा बल्लेबाज जिसने भारत के खिलाफ टेस्ट मैच में बल्ले के साथ एक नया अर्थ दिया ने भारत की पिच पर बैटिंग की कमजोरियों को उजागर किया। उनका खेल बस रन बनाना नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक दबाव बनाना था। उनकी बल्लेबाजी ने दिखाया कि न्यूज़ीलैंड क्रिकेट का असली राज क्या है—कम बोलना, ज्यादा करना।
इस संकलन में आपको ऐसे ही बहुत सारे मुकाबले, ऐसे ही खिलाड़ी, और ऐसे ही लम्हे मिलेंगे जहाँ न्यूज़ीलैंड क्रिकेट ने दुनिया को दिखाया कि जीत का मतलब क्या होता है। ये टीम बस टूर्नामेंट जीतने के लिए नहीं खेलती, बल्कि इतिहास बनाने के लिए खेलती है। आप यहाँ उनके जीते हुए मैच, उनके बदलते रणनीतियों, और उनके खिलाड़ियों की कहानियाँ पढ़ेंगे—जो बस खेल की बात नहीं, बल्कि जीवन की भी शिक्षा देती हैं।
न्यूज़ीलैंड ने साउथ अफ्रीका को 50 रन से हराया, 362/6 की रिकॉर्ड टोटल बनाकर फाइनल में भारत से मुकाबला करेगा। दुबई में खिताब की लड़ाई तय।
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