जब हम पूर्णिमा, चंद्रमा का वह चरण जिसमें वह पूरी तरह गोल दिखता है और भारतीय पंचांग में महत्वपूर्ण तिथि माना जाता है. Also known as पूर्ण चाँद, it marks a period when कई सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। पूर्णिमा के बिना कई त्यौहारों की कहानी अधूरी है।
इस तिथि पर दो प्रमुख त्यौहार शरद पूर्णिमा, अक्टूबर‑नवंबर में फसल के कटने का जश्न, कबाब‑जलेबी और रात्रि दर्शन का समय और गुरु पूर्णिमा, ज्यादातर अगस्त‑सितंबर में शिक्षकों और गुरुओं को सम्मानित करने का अवसर मिलते हैं। दोनों ही मनाये जाने वाले त्यौहार हिंदू पंचांग, सूर्य‑चंद्र कैलेंडर जो तिथियों की गणना करता है से जुड़े होते हैं, इसलिए पंचांग की सही समझ पूर्णिमा के महत्व को साफ़ दिखाती है।
पूर्णिमा रात को लोग अक्सर करवा चौथ जैसी पारम्परिक रिवाज़ों में भाग लेते हैं, जहाँ चाँदनी में जलती दीये और अड़ियल व्रत का फोकस रहता है। इसी तरह, सोना‑चाँदी के भाव भी चाँद की रोशनी से प्रभावित हो सकते हैं; कई निवेशक धात्रेस जैसे त्यौहार के बाद की पूर्णिमा में बाजार के उतार‑चढ़ाव को देख कर निर्णय लेते हैं। हमारे साइट पर इस विषय पर लेख‑जैसे "धात्रेस के बाद सोना‑चाँदी की कीमतों में गिरावट" और "करवा चौथ पर दुल्हनों की घटना" को आप पढ़ सकते हैं, जो दिखाते हैं कि पूर्णिमा का असर आर्थिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर पड़ता है।
खगोल विज्ञान के हिसाब से, पूर्णिमा का मतलब है कि चाँद पृथ्वी के नजदीक पूरी रोशनी पर है, यानी lunar illumination 100 % है। यह स्थिति मौसम विभाग के पूर्वानुमान में भी काम आती है, जैसे सायक्लोन शाक्ती की बवंडर बारिश की प्रीडिक्शन। मीडिया अक्सर पूर्णिमा के साथ जुड़े मौसम‑संकेत, धार्मिक यात्राएँ और खेल‑इवेंट (जैसे क्रिकेट मैच) को प्रमुखता से दिखाता है। उदाहरण के तौर पर, "भारत महिला क्रिकेट ने 97 रन से लंका को हराया" और "ICC महिला विश्व कप" के शेड्यूल अक्सर पूर्णिमा के आसपास होते हैं, जिससे दर्शक ऑडियंस की बढ़ोतरी देखी गई।
अब नीचे आप देखेंगे कि कैसे पूर्णिमा ने विभिन्न क्षेत्रों में चर्चा को प्रभावित किया है—चाहे वह वित्तीय बाजार हो, खेल‑समाचार, या सांस्कृतिक रीति‑रिवाज़। इस टैग में इकट्ठे लेख आपको इस रात की महत्त्वपूर्णता को समझने, उसके प्रभावों को पहचानने और अपनी दैनिक ज़िन्दगी में लागू करने में मदद करेंगे। आगे बढ़ते हुए, इन खबरों को पढ़ें और देखें कि पूर्णिमा ने आपके आसपास की दुनिया में क्या बदलाव लाया।
सोमवार, 19 अगस्त, 2024 को अद्वितीय खगोलीय घटना ब्लू सुपरमून का दीदार किया जा सकेगा। यह घटना इसलिए खास होती है क्योंकि महीने में दो पूर्णिमा होती हैं और इसमें से एक सुपरमून होती है। अगली ब्लू सुपरमून जनवरी 2037 में दिखाई देगी। यह खगोलीय घटना लोगों को रात के आकाश की सुंदरता का आनंद लेने का बेहतरीन मौका प्रदान करती है।
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