जब बात ट्रंप, संयुक्त राज्य अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति, 2017‑2021 में कार्यकाल, और कई विवादों के केंद्र में रहे व्यक्ति. Also known as Donald Trump, उन्होंने अमेरिकी राजनीति में नई राहें खोलीं, आर्थिक नीतियों को हिलाया और अंतरराष्ट्रीय मंच पर बड़ी धूम मचाई।
ट्रंप के कार्यकाल को समझने के लिए अमेरिकी राजनीति, संयुक्त राज्य की पार्टी‑आधारित प्रणाली, राष्ट्रपति‑संघीय शक्ति संतुलन और चुनावी गतिशीलता को देखना जरूरी है। यह प्रणाली ट्रम्पी नीतियों के प्रभाव को देश‑व्यापी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दोहराती है। इसी संदर्भ में ट्रम्पी नीतियां, कर कटौती, इम्मिग्रेशन प्रतिबंध, वाणिज्यिक टैरिफ़ जैसे प्रमुख निर्णय ने व्यापार, स्वास्थ्य और पर्यावरण पर गहरा असर डाला। इन नीतियों ने भारत समेत कई देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को नया रूप दिया, जिससे बाजार में अस्थिरता और अवसर दोनों पैदा हुए।
2024 के अमेरिकी चुनाव, वोटर रजिस्ट्रेशन, प्राइमरी प्रक्रिया और राष्ट्रपति पद के लिए दौड़ के दौरान ट्रम्प के पुनर्निर्वाचन की कोशिश ने राजनीति के हर कोने में नया ऊर्जा भर दिया। दोनों पक्षों की रणनीतियों में सोशल मीडिया की भूमिका, वैधता सवाल और आर्थिक प्रदर्शन एक‑दूसरे से जुड़े थे। इस चुनाव ने दिखाया कि ट्रंप की छवि अभी भी अमेरिकी मतदाताओं के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है, चाहे वह समर्थन हो या विरोध।
पहला आयाम आर्थिक था। ट्रम्प ने 2017 में कर कोड को आसान बना कर कंपनियों की टैक्स दर घटाई, जिससे शेयर मार्केट में उछाल आया और कई स्टार्ट‑अप को फंडिंग मिली। दूसरी ओर, इम्मिग्रेशन नीति ने कामगार बाजार में कमी की ओर इशारा किया, खासकर कृषि और निर्माण क्षेत्रों में। दूसरा आयाम अंतरराष्ट्रीय था। टर्रम्प की टैरिफ़ नीति ने चीन, भारत और यूरोपीय संघ के साथ व्यापार विवाद को तेज़ किया, जबकि मध्य पूर्व में उसकी कूटनीतिक पहलें कुछ हद तक स्थिरता ले आईं। तीसरा आयाम सामाजिक था; बेबी ट्रम्प के बयान अक्सर जनमत को दो ध्रुवों में बाँटते थे, जिससे मीडिया में चर्चा की लहरें उठती रही।
इन सभी पहलुओं को देखते हुए, अगर आप ट्रम्प की राजनीती, नीतियों और उनके दीर्घकालिक प्रभाव को समझना चाहते हैं, तो नीचे दी गई लेखों की लिस्ट आपके लिए मददगार होगी। आप यहाँ ट्रम्प के राष्ट्रपति पद के प्रमुख फैसले, 2024 चुनाव की तैयारियां, और ट्रम्पी नीतियों का भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ा – सब पाएँगे। यह संग्रह आपके सवालों के जवाब देने और भविष्य की संभावनाओं पर नजर डालने के लिए तैयार किया गया है। अब आगे से इस पेज पर दिखने वाले लेखों में डुबकी लगाएँ और खुद देखें कि ट्रम्प की कहानी कितनी जटिल और रोचक है।
बिटकॉइन की कीमत ने $80,000 का आंकड़ा पहली बार पार किया है, जिसका कारण राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रंप द्वारा डिजिटल संपत्तियों का समर्थन और क्रिप्टो समर्थक सांसदों द्वारा समर्थित कांग्रेस की संभावना है। चुनावी अभियान में ट्रंप ने अमेरिका को डिजिटल संपत्ति उद्योग का केंद्र बनाने का वादा किया, जिससे बिटकॉइन की कीमतों में उछाल देखा गया।
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