यूपी की 10 लाख करोड़ की निवेश योजना, योजी सरकार ने विदेशों में रोड शो

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यूपी की 10 लाख करोड़ की निवेश योजना, योजी सरकार ने विदेशों में रोड शो

जब योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश ने पाँचवीं ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (GBC 5.0) की घोषणा की, तो निवेशकों की आँखों में चमक दिख गई। इस समारोह को नवंबर 2025 में आयोजित किया जाना है और इसका मकसद 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की परियोजनाओं को धरातल पर उतारना है – ऐसा लक्ष्य जो पहले कभी नहीं देखा गया।

योजना का व्यापक परिप्रेक्ष्य

ऊर्जा, परिपूर्णी, रक्षा और ग्रीन टेक्नोलॉजी के क्षेत्रों में इस साल मात्र इन्फेस्ट यूपी ने 62 कंपनियों को लेटर ऑफ कॉन्फिडेंस (LOC) जारी किए हैं। इन कंपनियों ने कुल 2 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित किया है, और सरकार ने प्रतिमाह 10 नई कंपनियों को LOC देने का लक्ष्य रखा है। "फॉर्मूला साफ है – अगर निवेशक भरोसा करेंगे, तो काम भी तेज़ी से होगा," कहते हैं विजय किरण आनंद, CEO इन्फेस्ट यूपी के।

विवरण और आँकड़े

  • अब तक 16,478 प्रस्तावित परियोजनाएँ, कुल लागत 12.10 लाख करोड़ रुपये।
  • 8,363 परियोजनाएँ (लगभग 4.33 लाख करोड़) पहले से ही संचालन में हैं।
  • शेष 8,115 परियोजनाएँ (लगभग 7.76 लाख करोड़) कार्यान्वयन की प्रतीक्षा में हैं।
  • GBC 4.0 में 14,000 परियोजनाओं को शामिल करने वाला 10 लाख करोड़ का MoU घोषित किया गया था, जिससे 33.5 लाख रोजगार सृजन का अनुमान है।

डेटा से पता चलता है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश (पश्चांचल) में 52 % परियोजनाएँ शुरू होंगी, पूर्वांचल में 29 %, मध्यांचल में 14 % और बुंदेलखंड में 5 %। बुंदेलखंड को रक्षा औद्योगिक गलियारे के एक नोड के रूप में विकसित करने की योजना भी इस ही चरण में शामिल है।

अंतर्राष्ट्रीय रोड शो और विदेशी निवेश

समीक्षात्मक बैठक में नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि चीन, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, यूएई, कतर और कनाडा में रोड शो का क्रम शुरू होगा। उनका मानना है कि यह कार्यक्रम ‘विश्व स्तर की डील’ लाने में मदद करेगा, जिससे राज्य‑त्रिलियन‑डॉलर‑इकोनॉमी के लक्ष्य के करीब पहुंचा जा सके।

इन देशों के लोग अक्सर "इंडिया की रिफॉर्म" की बात सुनते हैं, पर अब उन्होंने सीधे यूपी के प्रोजेक्ट्स को देखा है – यही कारण है कि कई कंपनियों ने पहले ही अपनी टीमों को इस रोड शो के लिए तैयार किया है।

क्षेत्रीय वितरण और रोजगार प्रभाव

एक नया ग्रीन इंडस्ट्रियल पार्क 100 एकड़ में बन रहा है, जिसे ‘PM मित्र पार्क’ भी कहा जाता है। अनुमान है कि इसमें 1 लाख से अधिक नौकरियाँ उत्पन्न होंगी और 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश जुड़ जाएगा। पैकेज में सौर ऊर्जा, वर्षा जल संचयन, ई‑कचरा प्रबंधन और पर्यावरण‑मित्र निर्माण सामग्री शामिल हैं।

पार्क की लागत लगभग 1,680 करोड़ रुपये होगी, और इसके साथ ही 13 % भूमि पर नई सड़कों, 0.1 % पर मौजूदा सड़कों का सुदृढ़ीकरण, 2 % पर नाले‑जलाशय और 0.5 % पर मनोरंजनात्मक उपयोग की योजना है।

आगे का मार्ग और चुनौतियां

वित्त मंत्री सुरेश कुमार कौशिक ने FY 2025‑26 के बजट में 8.08 लाख करोड़ रुपये की कुल राशि प्रस्तावित की, जिसमें 22 % विकास उद्देश्यों के लिए आवंटित है। शिक्षा को 133 % वृद्धि, स्वास्थ्य को 99.8 % बढ़ोतरी मिली।

विशेष योजनाओं में ‘रानी लक्ष्मी बाई स्कूटी योजना’, आगरा‑लखनऊ‑गंगा एक्सप्रेसवे कनेक्शन, लखीमपुर में AI सिटी और पशु‑कल्याण के लिए 2,000 करोड़ रुपये शामिल हैं।

भले ही आँकड़े आशाजनक दिखते हैं, लेकिन जमीन पर परियोजनाओं की गति, परमिट की प्रक्रिया और स्थानीय विरोध अभी भी चुनौतियों में गिने जा सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ‘समन्वय’ ही इस बड़े परिवर्तन का असली मापदण्ड रहेगा – और इसके लिए यू‑एच‑आर‑एम‑एस पोर्टल का रोल अहम है, जिसे ‘Udyami Mitras’ के माध्यम से चलाया जाएगा।

मुख्य तथ्य

  • परियोजनाओं की कुल लागत: 12.10 लाख करोड़ रुपये
  • निवेश प्रस्तावित: 2 लाख करोड़ रुपये (62 कंपनियों)
  • रोजगार सृजन अनुमान: 33.5 लाख नौकरियां
  • वितरण: 52 % पश्चिमांचल, 29 % पूर्वांचल, 14 % मध्यांचल, 5 % बुंदेलखंड
  • अंतर्राष्ट्रीय रोड शो: चीन, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, यूएई, कतर, कनाडा

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

यह निवेश योजना यूपी के आम नागरिकों को कैसे लाभ पहुंचाएगी?

परियोजनाओं में लगभग 33.5 लाख रोजगार सृजन की संभावना है, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में नौकरी के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही, नई सड़कों और औद्योगिक पार्कों से स्थानीय व्यापार को निष्प्रभता मिलती है, जिससे आय में सीधा इजाफा होगा।

विदेशों में आयोजित रोड शो का प्रमुख उद्देश्य क्या है?

रोड शो का लक्ष्य विदेशी कंपनियों को यूपी के विस्तृत प्रोजेक्ट पोर्टफ़ोलियो से परिचित कराना और उन्हें भरोसा दिलाना है कि यहाँ निवेश करने की प्रक्रिया सुगम और लाभदायक है। चीन, सिंगापुर आदि देशों के प्रमुख निवेशकों का भरोसा मिलना, बड़े‑पैमाने की फंडिंग सुनिश्चित करेगा।

ग्रीन इंडस्ट्रियल पार्क में किन‑किन तकनीकों का प्रयोग होगा?

पार्क में सौर पैनल, वर्षा जल संचयन टैंक, इको‑फ्रेंडली कंक्रीट, और ई‑कचरा रीसाइक्लिंग सुविधाएँ शामिल होंगी। ये सभी पर्यावरण‑सुरक्षित उत्पादन प्रक्रियाओं को बढ़ावा देंगे और ऊर्जा के खर्च को घटाएंगे।

क्या स्थानीय सरकारें इस बड़ी निवेश योजना में सहयोगी रहेंगी?

हां, राज्य के विभिन्न जिलों की प्रशासनिक इकाइयों को अब तक की सबसे बड़ी परियोजना मोड्यूलर रूप में लागू करने के लिए निर्देशित किया गया है। वार्षिक प्रगति रिपोर्ट और स्थानीय पदाधिकारियों के साथ नियमित बैठकें इस सहयोग को सुनिश्चित करती हैं।

भविष्य में इस योजना के अगले कदम क्या होंगे?

नवंबर 2025 की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के बाद, अनुबन्धित कंपनियों को प्रथम चरण में वित्तीय सहायता दी जाएगी। साथ ही, Udyami Mitras पोर्टल के माध्यम से सुदूर निवेशकों को रियल‑टाइम प्रोजेक्ट अपडेट मिलेंगे, जिससे लागू करने की गति बनाई रहेगी।

Chandni Mishra

Chandni Mishra

मैं एक भारतीय समाचार लेखिका हूँ। मुझे भारतीय दैनिक समाचार पर लेख लिखने का शौक है। मैं अपने घर पर रहकर काम करती हूँ और अपने परिवार के साथ समय बिताना पसंद करती हूँ। शीर्ष समाचार और घटनाओं पर लिखते हुए मैं समाज को सूचित रखने में विश्वास रखती हूँ।

4 Comments

ahmad Suhari hari

ahmad Suhari hari

9 अक्तूबर, 2025 . 01:12 पूर्वाह्न

उद्यमी मंच पर प्रस्तुत इस महाकाय योजना का विश्लेषण करते समय, यह स्पष्ट हो जाता है कि उत्तरप्रदेश सरकार ने आर्थिक रणनीति के क्षेत्र में अभूतपूर्व पहल की है। कई वर्षों के शोध एवं नीति निर्माण के बाद ही ऐसी विशाल निवेश संरचना सम्भव हो पाई है; परन्तु वास्तविक कार्यान्वयन में कई चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं। इस संदर्भ में प्रस्तावित ऊर्जा एवं ग्रीन टेक्नोलॉजी प्रोजेक्ट्स को शीघ्रता से लागू करना आवश्यक है, वरना योजना केवल काग़ज पर ही रह जाएगी।

shobhit lal

shobhit lal

22 अक्तूबर, 2025 . 20:24 अपराह्न

भाई, मैं तो पहले से ही इस रोड शो के एजेंडा को पूरी तरह समझ चुका हूँ, और बता दूँ कि ये आंकड़े सुनकर मेरे दिमाग में ही रॉकेट फट गया! जो लोग अभी तक इसपर दिमाग नहीं लगाया, उनसे कहूँगा – जल्दी से जल्दी जानकारी पकड़ें।

suji kumar

suji kumar

5 नवंबर, 2025 . 15:36 अपराह्न

प्रस्तुति में उल्लिखित आँकड़े, विशेषकर 12.10 लाख करोड़ की कुल लागत, एक गहन आर्थिक विश्लेषण की माँग करते हैं; प्रथम वाक्य यह संकेत देता है कि निवेश का दायरा केवल उद्योग तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि सामाजिक विकास के व्यापक आयामों को भी सम्मिलित करना आवश्यक है, इसलिए इसपर एक बहुविषयक दृष्टिकोण अपनाना अनिवार्य बन जाता है, इसलिए यह केवल तब सम्भव है जब नियामक ढांचा स्पष्ट एवं पारदर्शी हो।
दूसरा यह है कि 62 कंपनियों द्वारा प्रस्तावित 2 लाख करोड़ की वित्तीय प्रतिबद्धता, भारत के उद्यमी माहौल में नई ऊर्जा का संचार कर सकती है, परन्तु यह केवल तब सम्भव है जब नियामक ढांचा स्पष्ट एवं पारदर्शी हो।
तीसरा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 52% प्रोजेक्ट्स की शुरुआत, स्थानीय जियोपॉलिटिकल समीकरणों को पुनः परिभाषित कर सकती है, क्योंकि इससे क्षेत्रीय रोजगार सृजन में अनुगामी प्रभाव पड़ेगा।
चौथा, ग्रीन इंडस्ट्रीयल पार्क के तहत सौर पैनल, वर्षा जल संचयन, ई‑कचरा रीसाइक्लिंग जैसे तकनीकी तत्व, न केवल पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देंगे, बल्कि लघु उध्यमियों को नई व्यावसायिक संभावनाएँ प्रदान करेंगे।
पाँचवा बिंदु यह दर्शाता है कि निवेश के लिए अंतर्राष्ट्रीय रोड शो, चीन, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया आदि देशों में आयोजित किए जा रहे हैं; यह कदम वैश्विक पूँजी प्रवाह को आकर्षित करने के लिये रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, परन्तु साथ ही साथ स्थानीय जनसंख्या की स्वीकृति भी अनिवार्य है।
छठा, वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तावित 8.08 लाख करोड़ की कुल बजट आवंटन, जिसमें 22% विकास उद्देश्यों के लिये समर्पित किया गया है, यह दिखाता है कि राजकोषीय समर्थन के बिना इस विशाल योजना को साकार करना कठिन होगा।
सातवां पहलू यह है कि शिक्षा एवं स्वास्थ्य में क्रमशः 133% और 99.8% की वृद्धि, सामाजिक मानकों को उन्नत करने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है; परन्तु यह तभी साकार हो सकेगा जब आधारभूत बुनियादी ढांचा समयबद्ध रूप से स्थापित किया जाए।
आठवां, स्थानीय प्रशासनिक एजेंडा में उल्लेखित 'रानी लक्ष्मी बाई स्कूटी योजना' एवं 'AI सिटी' जैसे प्रोजेक्ट्स, तकनीकी प्रगति को जन-जन तक पहुंचाने के लिये आवश्यक हैं, लेकिन उनके कार्यान्वयन में संभावित भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने के लिये मजबूत निगरानी तंत्र स्थापित करना आवश्यक है।
नवां, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन (EIA) को समय पर पूरा किया जाना चाहिए, ताकि ग्रीन प्रोेजेक्ट्स की सततता सुनिश्चित हो सके; यह प्रक्रिया न केवल प्रोजेक्ट की वैधता को बढ़ाती है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों के विश्वास को भी मजबूत करती है।
दसम, Udyami Mitras पोर्टल के माध्यम से रियल‑टाइम अपडेट, निवेशकों को पारदर्शी जानकारी प्रदान करके निर्णय लेने की प्रक्रिया को सरल बनाते हैं, परन्तु इसके लिये डिजिटल बुनियादी ढांचे में पर्याप्त निवेश की आवश्यकता होगी।
ग्यारहवां, इस योजना के कार्यान्वयन में परमिट प्रक्रिया और स्थानीय विरोध को कम करने के लिये सामाजिक संवाद एवं समावेशी नीति निर्धारण की आवश्यकता है; इन तत्वों को सफलतापूर्वक निपटाने से ही बड़े पैमाने पर विकास संभव होगा।
बारहवां, विभिन्न राज्य विभागों के बीच समन्वय को सुदृढ़ करने हेतु यू‑एच‑आर‑एम‑एस पोर्टल का उपयोग, डेटा शेयरिंग को सहज बनाता है, जिससे परियोजना की गति में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है।
तेरहवां, अंत में यह कहा जा सकता है कि यदि यह निवेश योजना सही ढंग से लागू हो गई, तो यह न केवल आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि सामाजिक समृद्धि, पर्यावरणीय सुरक्षा, तथा तकनीकी नवाचार को भी एकीकृत रूप से बढ़ावा देगी।
चौदहवां, हालांकि, इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिये निरन्तर निगरानी, पारदर्शिता एवं जवाबदेही की संस्कृति स्थापित करनी होगी, जिससे सभी हितधारकों का विश्वास कायम रहे।
पन्द्रहवां, अंततः, इस प्रकार की महाकाव्य योजना को सफल बनाने में जनता की भागीदारी, विशेषज्ञों की सलाह, तथा सरकार की दृढ़निश्चयता का सामंजस्य आवश्यक है।
सत्रहवां, इस सबके बीच, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि आर्थिक आँकों के पीछे हमेशा मानव जीवन की गुणवत्ता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, तभी यह निवेश वास्तविक राष्ट्र निर्माण में परिणत हो सकेगा।

Ajeet Kaur Chadha

Ajeet Kaur Chadha

19 नवंबर, 2025 . 10:48 पूर्वाह्न

ओह, क्या बात है! यूपी की इस बड़े पैमाने की योजना को देखकर तो मेरा दिल “धड़क-धड़क” हो गया, जैसे हर रोज़ नया द्रैगन‑फ्लाई शो! कितनी शोभा! (प्लॉट ट्विस्ट: कहीं सर्कस भी नहीं है?)

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