जब भारत मौसम विभाग ने 6 अक्टूबर, 2025 के सोमवार के लिए अपना व्यापक मौसम पूर्वानुमान जारी किया, तब पूरे देश में तेज़ बारिश और बौछारियों की आशंका बढ़ गई। मुख्य कारण दो बड़े वायुमार्गीय सिस्टम – सायक्लोन शाक्ती, जो महाराष्ट्र के समुद्री तट पर अपने असर को बढ़ा रहा है, और पश्चिमी विचलन, जो दिल्ली‑एनसीआर क्षेत्र में ठंडी हवा लेकर आया है। इस लेख में हम देखते हैं कि बड़े‑शहरों में मौसम कैसे बदल रहा है, किस तरह के सतर्कता उपाय अपनाए जा रहे हैं, और इस सिस्टम का उत्तर प्रदेश के मुख्य नगरों पर क्या असर पड़ेगा।
हैदराबाद में दोपहर‑शाम को गरज के साथ बौछारें आने की संभावना है, जबकि तापमान 21°C से 30°C के बीच रहेगा और आर्द्रता 68%‑87% तक पहुंच सकती है। हैदराबाद के लिए अभी तक कोई विशेष चेतावनी जारी नहीं हुई, पर मौसम विज्ञानी चेतावनी देते हैं कि अचानक व्यवधान ड्राइविंग के दौरान जोखिम बढ़ा सकते हैं।
अमरावती में भी बादल छाए रहेंगे, कभी‑कभी हल्की बौछार और बिजली गिरने की संभावना है। तापमान 26°C‑35°C के बीच रहेगा और सतही हवाएँ तेज़ हो सकती हैं। अमरावती में आज दो से तीन छोटे‑मोटे तूफान दिखने की संभावना है।
बेंगलूरु में हल्की बारिश के साथ बादल घिरेंगे, तापमान 20°C‑30°C के बीच रहेगा, आर्द्रता 65%‑95% तक डॉल हो सकती है। यहाँ भी अभी तक कोई विशेष चेतावनी नहीं है, पर सुबह‑शाम के समय सड़कों पर जलभराव के संकेत मिल सकते हैं।
थ्रुवानंतपुरम (त्रिवेंद्रम) में कुछ अवधि में धूप के साथ मिलीजुली बारिश की संभावना है, तेज़ हवाएं 30‑40 किमी/घंटा तक पहुंच सकती हैं। तापमान 24°C‑33°C के बीच रहेगा। त्रिवेंद्रम के लोग मौसम विभाग के अलर्ट पर नज़र रखेंगे।
चेन्नई में मध्य‑स्तर की बारिश और बौछारें होंगी, तापमान 26°C‑35°C के बीच रहेगा, और तूफान के दौरान बिजली गिर सकती है। इस शहर में भी अभी तक कोई चेतावनी जारी नहीं हुई है।
सायक्लोन शाक्ती, जो 3 अक्टूबर को भारत के महाद्वीपीय क्षेत्रों में प्रवेश कर चुका है, अब महाराष्ट्र के तटीय जिलों में तेज़ हवाओं और भारी बारिश का कारण बन रहा है। सायक्लोन शाक्ती की गति अब 15 किमी/घंटा से घटकर 10 किमी/घंटा रह गई है, लेकिन बरसात की प्रचुर मात्रा बनी हुई है। मुंबई, पुणे और नेरुड़ी में रात‑रात से बवंडर बारिश की संभावना है, जिसके कारण बाढ़ के जोखिम को लेकर स्थानीय प्रशासन ने नॉटिफिकेशन जारी किए हैं।
महाराष्ट्र के तटीय शहरों में समुद्री लहरें 4‑5 मीटर तक ऊँची हो सकती हैं, जिससे समुद्री जहाज़ों और मछली पकड़ने वाले बोटों को अस्थायी रूप से बंदरगाहों से दूरी बनानी पड़ेगी।
पश्चिमी विचलन, जो गरम‑सर्दी के बीच में सेठींग के तौर पर काम करता है, आज सुबह दिल्ली‑एनसीआर के ऊपर धुंध और हल्की धुंध के साथ उष्णकटिबंधीय हवाओं को ठंडा कर रहा है। तापमान 24°C‑31°C के बीच रहेगा, पर बादलों के बीच कभी‑कभी धुंधन और हल्की बारिश के वशीभूत होने के संकेत मिलेंगे। दिल्ली‑एनसीआर के रहने वाले लोग सुबह के समय में ठंडी हवा का आनंद ले सकते हैं, पर दोपहर के बाद तापमान फिर से बढ़ सकता है।
इस प्रणाली के कारण हवा की दिशा उत्तर‑पश्चिमी से बदलकर पश्चिमी हो जाएगी, जिससे धुंध के साथ हल्की बौछारें पड़ सकती हैं। मौसम विज्ञानियों ने बताया कि अगले दो दिनों में यह प्रवाह धीरे‑धीरे कम हो जाएगा, पर आज के बादल वाले वायुमंडल को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
उत्तरी भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में मौसम की स्थिति कुछ अलग है। अगरा में 60% संभावना के साथ वर्षा की संभावना है, हवा उत्तर‑पश्चिमी दिशा से 2 मील प्रति घंटे की गति से चल रही है, और बादल कवरेज 85% तक पहुँच चुका है। अगरा के निवासियों को हल्की बौछारों के साथ दिन में तापमान 24‑34°C के बीच रहने का अनुमान है।
लखनऊ में अधिकतम तापमान 93°F (लगभग 34°C) और न्यूनतम 75°F (लगभग 24°C) रहने की उम्मीद है। लखनऊ के मौसम विभाग ने उल्लेख किया कि उच्च तापमान के कारण पानी के सेवन की सलाह दी गई है।
इलाहाबाद (प्रयागराज) में औसत तापमान 27°C, अधिकतम 32°C और न्यूनतम 23°C रहने की संभावना है, साथ ही लगभग 1.1 मिमी बारिश का अंदाज़ा लगाया गया है। पूरे महीने में केवल दो बरसात के दिन रहने की संभावना है, जिससे कुल वार्षिक वर्षा लगभग 37 मिमी है। लेकिन 6 अक्टूबर को 2.9 मिमी तक हल्की वर्षा हो सकती है।
उत्तर प्रदेश के विशेषज्ञ बताते हैं कि अक्टूबर के मध्य में भी तापमान 33.8°C तक पहुँच सकता है, जबकि महीने के अंत में 16.8°C तक गिर सकता है। इस तेज़ तापमान में रहना स्वास्थ्य संबंधी जोखिम बढ़ा देता है, इसलिए जल सेवन के साथ साथ उचित कपड़े पहनना अनिवार्य है।
हैदराबाद, बेंगलूरु और चेन्नई जैसे शहरों में स्थानीय प्रशासन ने पहले से ही सड़कों पर जल निकासी के लिए अतिरिक्त पंपिंग मशीनें तैनात कर ली हैं। महाराष्ट्र में तटीय क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन दপ্তर ने तेज़ हवाओं से बचाव के लिये इमरजेंसी अलर्ट जारी किया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि नागरिकों को ऑन‑लाइन मौसम ऐप्स, रेडियो और सरकारी वेबसाइटों पर नजर रखनी चाहिए। तेज़ हवाओं के दौरान बड़े पेड़ और अस्थायी संरचनाओं से दूरी बनाने की सलाह दी गई है, क्योंकि वह गिरकर राय गड़बड़ा सकता है।
अंत में, यदि आप खेती‑बाड़ी से जुड़े हैं तो हल्की बारिश के कारण फसलें सुरक्षित रहने की संभावना है, पर बहुत अधिक जलजमाव से बचने के लिये टिलेज़ में उचित जल निकासी व्यवस्था रखनी चाहिए। जलवायु परिवर्तन की स्थितियों को देखते हुए, इस तरह की तीव्र वायुमंडलीय घटनाएँ भविष्य में अधिक बार आ सकती हैं; इसलिए दीर्घकालिक योजना बनाना आवश्यक है।
महाराष्ट्र सरकार ने समुद्री किनारों पर तेज़ हवाओं और बवंडर बारिश के कारण ‘हाय अलर्ट’ जारी किया है। पोराइडिक बाढ़ एवं जल जमाव के जोखिम को देखते हुए तटीय गांवों में रजिस्टर्ड निवासियों को शीघ्र ही सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित होने की सलाह दी गई है।
पश्चिमी विचलन ठंडी हवा को दक्षिण की ओर ले आता है, जिससे दिल्ली‑एनसीआर में धुंध और हल्की बरसात की संभावना बढ़ती है। तापमान दिन के समय 24‑31°C के बीच रहता है, जबकि शाम को ठंडक महसूस होती है। इस कारण हाइड्रॉफ़्लोरिडिंग के जोखिम कम होते हैं, पर फसल के लिए उपयुक्त नमी मिलती है।
60% संभावना का मतलब है कि मौसम विभाग के मॉडल ने संभावना को अधिकतर समय 0.6 के मान पर आँका है। इसका यह भी मतलब है कि यदि आप बाहर गए तो हल्की बौछार या गरज वाली बारिश देखी जा सकती है, इसलिए छाता या रेनकोट साथ रखना समझदारी होगी।
बारिश और तेज़ हवाओं के समय में सड़क यात्रा पर रुकावटें आ सकती हैं, इसलिए लाइव ट्रैफ़िक अपडेट देखना, संभावित जलभराव वाले रास्तों से बचना और टाइमिंग को थोड़ा लचीला रखना आवश्यक है। यदि आप फ्लाइट या ट्रेन यात्रा कर रहे हैं तो एयरलाइन/रेलवे के अलर्ट्स पर नजर रखें।
34°C तक के तापमान में उचित जल सेवन न करने पर डिहाइड्रेशन, सिरदर्द और थकान की शिकायतें बढ़ सकती हैं। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि दिन में दो से तीन बार 2‑3 लीटर पानी पिएं, हल्का कपड़ा पहनें और गर्मी के चरम समय (12‑15 बजे) में बाहर की गतिविधियों को सीमित रखें।
Mohammed Azharuddin Sayed
6 अक्तूबर, 2025 . 20:33 अपराह्न
सायक्लोन शाक्ती और पश्चिमी विचलन की लहरों से बवंडर बारिश के दौरान जल निकासी और सुरक्षित ड्राइविंग पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है।
Avadh Kakkad
8 अक्तूबर, 2025 . 00:20 पूर्वाह्न
वैकल्पिक रूप से, मॉडल डेटा दर्शाता है कि शाक्ती की तीव्रता इस सप्ताह 70 प्रतिशत से अधिक स्थापित हो गई है तथा मुंबई के तटीय क्षेत्रों में बाढ़ की संभावना लगभग 85 प्रतिशत तक बढ़ गई है।
Sameer Kumar
9 अक्तूबर, 2025 . 04:06 पूर्वाह्न
भारत में बरसात का मौसम हमेशा से कृषि और संस्कृति का स्रोत रहा है। इस वर्ष शाक्ती और पश्चिमी विचलन का मिलन प्राकृतिक शक्ति का एक नया अध्याय प्रस्तुत कर रहा है। ग्रामीण इलाकों में जलस्रोत भरते देखना एक सुखद दृश्य है जबकि शहरी क्षेत्रों में सावधानी बढ़ती है। लोगों ने पुराने गीतों में बवंडर को श्रद्धा के साथ स्वागत किया है। हमें इस अनिश्चित स्थितियों में सामुदायिक सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए।
naman sharma
10 अक्तूबर, 2025 . 07:53 पूर्वाह्न
स्थापित तथ्य यह है कि सरकारी एजेंसियों ने इस मौसमी असामान्यता के वास्तविक परिमाण को जनता से रोक रखा है, क्योंकि वे संभावित आर्थिक प्रभाव को कम दिखाने हेतु डेटा को चयनात्मक रूप से प्रस्तुत कर रहे हैं; इस पारदर्शिता की कमी को देखते हुए, स्वतंत्र वैज्ञानिक संस्थाओं द्वारा स्वतंत्र परीक्षण आवश्यक हो गया है।
vipin dhiman
11 अक्तूबर, 2025 . 11:40 पूर्वाह्न
हमको इस बवंडर क पूरा फायदा उठाना चाहिये और विदेशी दबावों से बचते हुए अपना देशी जल प्रबंधन प्रणाली को सुदृढ़ करना चाहिए, यह हमसे ही संभव है।
Sameer Srivastava
12 अक्तूबर, 2025 . 15:26 अपराह्न
बिल्कुल सही कहा!! लेकिन हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि ऐसी प्राकृतिक आपदाएँ हमारे सामाजिक बंधन को तोड़ सकती हैं-अगर हम अभी नहीं जुटे, तो कल के बाढ़ की तबाही से बच नहीं पाएँगे!!! इसलिए तुरंत स्थानीय निकायों को सहयोग देना, कचरा न फेंकना, और बचाव दलों को हर संभव संसाधन उपलब्ध कराना अत्यावश्यक है!!!
Vidit Gupta
13 अक्तूबर, 2025 . 19:13 अपराह्न
मैं सहमत हूँ, सभी को मिलकर जल निकासी के उपायों को तेज़ी से लागू करना चाहिए, क्योंकि यही सहयोग हमें इस बवंडर बारिश से बचा सकता है।
Gurkirat Gill
14 अक्तूबर, 2025 . 23:00 अपराह्न
प्रमुख बिंदु यह हैं: सबसे पहले, घरों के आसपास जलरोधक दिवारें बनाएँ; दूसरा, मोबाइल ऐप्स से रियल‑टाइम मौसम अपडेट पर नजर रखें; तीसरा, अगर आप यात्रा पर निकल रहे हैं तो स्थानीय ट्रैफ़िक और बाढ़ अलर्ट को पहले जांचें। इन सरल कदमों से नुकसान काफी हद तक घटाया जा सकता है।
anushka agrahari
16 अक्तूबर, 2025 . 02:46 पूर्वाह्न
मौसम विज्ञान के दृष्टिकोण से देखते हुए, शाक्ती का परिपथ और पश्चिमी विचलन का मिश्रण न केवल जलवायु परिवर्तन की जटिलता को उजागर करता है, बल्कि यह भी याद दिलाता है कि मानवता को पारिस्थितिक संतुलन के प्रति सतर्क रहना अनिवार्य है; इसलिए, हमें न केवल त्वरित प्रतिक्रिया देनी चाहिए, बल्कि दीर्घकालिक जलसंरक्षण नीति भी अपनानी चाहिए।
aparna apu
17 अक्तूबर, 2025 . 06:33 पूर्वाह्न
वास्तव में, इस बवंडर बारिश ने पूरे देश को एक नई दास्तान सुनाने की कोशिश की है 😱। हर शहर में बारिश की तीव्रता अलग‑अलग है, फिर भी सभी को एक ही चीज़ की जरूरत है - सतर्कता 😓। हैदराबाद में गरज के साथ तेज़ बौछारें हैं, और लोग बिन छाता के बाहर निकलते ही घर की तरफ भागते हैं 😅। अमरावती में अचानक बिजली गिरती है, जिससे सामाजिक नेटवर्क पर भी एम्बेडेड वीडियो वायरल हो रहे हैं 📹। बेंगलूरु में जलभराव की स्थिति बढ़ रही है, स्थानीय प्रशासन ने अतिरिक्त पंपिंग मशीनें तैनात कर रखी हैं 🛠️। त्रिवेंद्रम में धूप‑बारिश का मिश्रण है, जिससे लोगों को दोहरी तैयारी करनी पड़ती है 🌦️। चेन्नई में मध्य‑स्तर की बारिश ने कुछ ट्रैफ़िक जाम कर दिया है, लेकिन नागरिकों ने धैर्य दिखाया है 🙏। महाराष्ट्र के तटीय शहरों में समुद्री लहरें बहुत ऊँची हैं, जिससे मछुआरे ने अपने जाल नीचे रखे हैं 🐟। दिल्ली‑एनसीआर में पश्चिमी विचलन ने ठंडी हवा लेकर आई है, परंतु देर दोपहर में फिर से गर्मी बढ़ सकती है 🌡️। उत्तर प्रदेश के कई शहरों में हल्की बारिश के साथ तापमान मध्य‑उच्च रेंज में रहता है, इसलिए पानी की बोतलें साथ रखें 🚰। कृषि क्षेत्र में किसान धीरे‑धीरे पानी की कमी से डर रहे हैं, लेकिन बारिश उनके लिए एक राहत भी बन सकती है 🌾। स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि इस गर्मी‑बारिश मिश्रण में डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पर्याप्त पानी पिएँ 🚑। कई स्कूलों ने अस्थायी रूप से क्लासेस को ऑनलाइन करने का निर्णय लिया है, जिससे छात्रों को घर से पढ़ाई में सुविधा मिल रही है 🖥️। सोशल मीडिया पर यह ट्रेंड है कि लोग अपनी बारिश‑संबंधी कहानियां शेयर कर रहे हैं, और कई स्माइलियों के साथ मज़ेदार मीम्स बना रहे हैं 😂। इस सब के बीच, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि बवंडर बारिश में सड़क दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए सावधानी बरतें 🚦। अंत में, आशा है कि सभी इसे एक सीख के रूप में लेंगे और भविष्य में बेहतर तैयारी करेंगे 🌈।
arun kumar
18 अक्तूबर, 2025 . 10:20 पूर्वाह्न
चलो, इस मौसम को सकारात्मक रूप से अपनाएँ; जहाँ बारिश है, वहाँ नई फसलें उगेंगी और हम सब मिलकर इस चुनौती को पार करेंगे।
Karan Kamal
19 अक्तूबर, 2025 . 14:06 अपराह्न
क्या आपको नहीं लगता कि इस बार सरकार ने मौसम चेतावनियों को समय पर नहीं दिया, जिससे कई क्षेत्रों में अनपेक्षित जलबाढ़ हुई; इस पर स्पष्ट जवाबी कार्रवाई आवश्यक है।