हाल ही में संपन्न हुए जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के परिणामस्वरूप कांग्रेस ने नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कांग्रेस ने औपचारिक रूप से नेकां को अपना समर्थन दिया है और उमर अब्दुल्ला को मुख्यमंत्री पद के लिए संयुक्त उम्मीदवार घोषित किया है। इस निर्णय का उद्देश्य राज्य में स्थिरता लाना और विकास को आगे बढ़ाना है। इस पहल से यह उम्मीद की जा रही है कि राज्य के लोगों के लिए बेहतर शासन सुनिश्चित होगा।
कांग्रेस की विधानमंडल दल की बैठक श्रीनगर में आयोजित की गई, जिसमें जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ताहिर हामिद क़ारा सहित सभी छह निर्वाचित विधायक शामिल हुए। इस बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया और नेकां को समर्थन देने के लिए हस्ताक्षरित पत्र प्रस्तुत किए गए। इसके साथ ही, नेकां शनिवार को राज्यपाल भवन जाकर सरकार गठन का दावा पेश करने की तैयारी में है।
इस गठबंधन के माध्यम से नेकां के विधायकों की संख्या 42 से बढ़कर 47 हो गई है, जबकि भारत गठबंधन के सदस्यों की संख्या 90 सदस्यीय विधानसभा में 54 हो गई है। यह सदस्य संख्या सरकार को स्थिर और मजबूत बनाने में सहायक सिद्ध होगी। सहयोगी दल मिलकर मंत्रालयों और पोर्टफोलियो के बंटवारे पर भी चर्चा करेंगे। यह देखा जा रहा है कि इस सरकार के गठन से प्रशासनिक क्षमता में वृद्धि होगी और विभिन्न विभागों में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
आम आदमी पार्टी (आप) ने भी नेकां को समर्थन दिया है और लेफ्टिनेंट गवर्नर कार्यालय में औपचारिक पत्र प्रस्तुत किया है। यह निर्णय राज्य की विकास प्रक्रियाओं को बल देगा तथा अन्य राजनीतिक दलों के सहयोग से जम्मू-कश्मीर का समग्र विकास सुनिश्चित होगा।
अन्य राजनीतिक हलचलों के बीच, नेकां अध्यक्ष डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला की राज्यसभा के लिए जाने की संभावना पर भी चर्चा की जा रही है। श्रीनगर में हाल ही में आयोजित विधायिका पार्टी की बैठक में उनके नाम की चर्चा हुई और राज्यसभा सीट के लिए उनकी उम्मीदवारी को मंजूरी दी गई। डॉ. फारूक अब्दुल्ला के राज्यसभा में शामिल होने से पार्टी को केंद्रीय स्तर पर एक मजबूत आवाज मिलेगी और राज्य के हितों को सही मायने में पेश किया जा सकेगा।
इस संपूर्ण राजनीतिक परिदृश्य में, कांग्रेस और नेकां का यह गठबंधन जम्मू-कश्मीर में नई उम्मीदें जगा रहा है, जिसके माध्यम से विभिन्न मुद्दों का समाधान किया जा सकता है। यह गठबंधन राज्य के विकास, सुरक्षा और स्थिरता की दिशा में सफल कदम साबित हो सकता है।
इस सबके अलावा, गठबंधन का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर की जनता की आर्थिक और सामाजिक आकांक्षाओं को पूरा करना है। गठबंधन की सरकार ने पहले ही राज्य के विकास एजेंडा को अमल में लाने के लिए साफ सुथरी नीतियों की रूपरेखा तैयार करने की योजना बनाई है। छोटे और मध्यम उद्योगों, पर्यटन, कृषि तथा शिक्षा के क्षेत्र में विकास प्राथमिकताओं में शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, यह सरकार युवाओं के लिए रोज़गार के अधिक अवसर उपलब्ध कराने का प्रयास करेगी ताकि वे अपनी क्षमताओं का सर्वोत्तम उपयोग कर सकें।
सरकार महिला सशक्तिकरण और समावेशी समाज के निर्माण को भी ध्यान में रखेगी। महिला अधिकारों के लिए नीतियाँ सुनिश्चित की जाएगी और महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार को राज्य में शांति और सौहार्द का माहौल बनाने के लिए भी गंभीरता से अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
यह राज्य सरकार उन सभी मुद्दों पर प्राथमिकता के आधार पर काम करेगी जो जनता को प्रभावित करते हैं, और जिनका समाधान आवश्यक है। यह गठबंधन एक व्यापक दृष्टिकोण देगा और सभी समुदायों की आकांक्षाओं को संतृप्त करने के लिए मजबूती से कदम उठाएगा।