पाताल लोक का दूसरा सीजन पांच साल बाद दर्शकों के बीच आया है। इस बार कहानी में बहुत कुछ नया और आकर्षण भरा है। सीरीज का पहला सीजन काफी सराहा गया था जिसके वजह से इसके दूसरे भाग से बहुत उम्मीदें जुड़ी थीं। कहानी का सार वही है: अपराध और उसके जाल में फंसे लोग, लेकिन इस बार स्थिति काफी बदल चुकी है। कहने को यह एक नया मामला है, लेकिन यह हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में छिपे गैहराइयों को आउटलाइन करता है।
मुख्य पात्र हठीराम चौधरी, जिनकी भूमिका जयदीप अहलावत निभा रहे हैं, इस कहानी के केंद्र में हैं। हठीराम की जिंदगी और काम का तनाव उस पर कैसे असर डालता है, इसे बहुत ही निपुणता से दिखाया गया है। इसी तरह ईमरान अंसारी की भूमिका ईश्वर सिंह निभा रहे हैं, जिन्हें अब अपनी नई जिम्मेदारियों से जूझना पड़ रहा है। दोनों के बीच की तालमेल और मसालेदार संधर्ष कहानी में दिलचस्पी बनाए रखते हैं।
इस सीजन में दर्शकों को कुछ नए चेहरों का भी परिचय मिलता है, जो कहानी की गहराइयों में और अधिक दक्षता जोड़ते हैं। नागेश कुकुनूर, तिलोत्तमा शोम और जाह्नू बरुआ ने अपने किरदारों को बहुत ही निष्ठा से पेश किया है। इनकी भूमिका कहानी में नयापन लाने में महत्वपूर्ण है और दर्शकों के लिए एक नया दृष्टिकोण प्रदान करती है।
इस बार कहानी नागालैंड के एक महत्वपूर्ण मामले की पृष्ठभूमि में सेट है। सीरीज की शुरुआत एक गायब श्रमिक की खोज से होती है जो हठीराम को नागालैंड के मंत्री के दिल्ली में हुए रहस्यमय हत्या के हाई प्रोफाइल मामले तक खींच लाती है। ये सब कथानक की स्थिरता और बढ़ते तनाव को बनाए रखता है, साथ ही साथ जांच और अपराध के अन्वेषण की पूरी प्रक्रिया को प्रकट करता है।
लेखन की बात की जाए तो सुदीप शर्मा, अभिषेक बैनर्जी, राहुल कंजिया, और तमाल सेन की लेखनी इस क्राइम ड्रामा को जोड़कर रखती है। इन्होने इस कथा को ऐसे पिरोया है कि वो सम्पूर्णता में विस्तृत भी है और रोचक भी। निर्देशक अविनाश अरुण धवारे ने इस सीरीज की निर्देशन में एक नया आयाम जोड़ा है, जो इसे और भी मनोरंजक बनाता है।
इस सीरीज में आठ एपिसोड हैं, जो अमेज़न प्राइम वीडियो पर उपलब्ध हैं। हर एपिसोड दर्शकों को अपनी सीट से उठने नहीं देता। दर्शकों को यह अभिनय, पटकथा और निर्देशन के मिश्रण का उत्तम उदाहरण प्रतीत होता है।
अगर आप सीरियल क्राइम थ्रिलर्स के प्रशंसक हैं, तो पाताल लोक का दूसरा सीजन आपके लिए एक शानदार और नेपथ्य के पहलू दिखाने वाला शो साबित होगा। जयदीप अहलावत के व्यक्तित्व की छाप और कहानी का नाटकीय झुकाव इसे अन्य क्राइम शो से बिलकुल अलग बनाते हैं।