साइक्लोन दित्वाह अभी श्रीलंका के तट के पास और दक्षिणी बंगाल की खाड़ी में घूम रहा है, लेकिन इसका असर अभी से ही भारत के तटीय इलाकों में महसूस हो रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 29 नवंबर को तमिलनाडु के लिए लाल चेतावनी जारी कर दी है — यानी अत्यधिक भारी बारिश, तेज हवाएं और शहरी बाढ़ का खतरा। यह तूफान 30 नवंबर, 2025 की सुबह जल्दी तमिलनाडु-पुडुचेरी तट के बीच जमीन पर उतरने की उम्मीद है। और जैसा कि डॉ. मृत्युंजय मोहपात्रा, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुख्य वैज्ञानिक, ने 29 नवंबर को ANI के साथ बातचीत में कहा, "हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह श्रीलंका से निकलकर दक्षिणी बंगाल की खाड़ी में प्रवेश करेगा और फिर थोड़ा तीव्र हो सकता है।" लेकिन अब तक की बात यह है कि इसकी ताकत अभी भी बढ़ रही है, और इसका सबसे बड़ा खतरा बारिश है — न कि हवा।
कहाँ होगी सबसे भारी बारिश?
29 और 30 नवंबर को चेन्नई, कांचीपुरम, वेल्लोर, तिरुवन्नामलई, तिरुचिरापल्ली, नागापट्टिनम और तंजावुर जैसे जिलों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश की उम्मीद है। दिन के अंत तक, तिरुवल्लूर तक बारिश बनी रहेगी, जबकि अन्य जिलों में बारिश थमने लगेगी। डॉ. मोहपात्रा ने स्पष्ट किया: "शहरों में पानी भर जाने का खतरा है, पहाड़ी इलाकों में अचानक बाढ़ जैसी स्थिति भी आ सकती है।" ये शब्द अब सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि एक अनुमान है — क्योंकि चेन्नई के कई इलाकों में पहले से ही गलियारे पानी से भर चुके हैं।
स्कूल बंद, नौसेना तैयार, और एक अज्ञात संख्या में लाशें
अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन चेन्नई के स्कूलों के लिए 1 दिसंबर को छुट्टी का अनुमान है। The Daily Jagran की रिपोर्टर अंशिका वर्मा ने 30 नवंबर को 3:08 बजे बताया कि "अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन अधिकांश स्कूल अपने अभिभावकों को सूचित कर रहे हैं।" इसी तरह, तिरुचिरापल्ली और नागापट्टिनम में स्कूलों के बंद होने की संभावना बहुत अधिक है।
लेकिन जो खबर सबसे डरावनी है, वह है मौतों की संख्या। NewsX Live के एक रिपोर्ट में "तमिलनाडु में 3 मृत" का शीर्षक दिखा, जबकि एक अन्य हिस्से में एक स्रोत ने कहा, "मुझे लगता है आंध्र प्रदेश में 250 लोग मारे गए हैं।" ये आंकड़े अभी अनुमानित हैं — लेकिन जब तक आधिकारिक आंकड़े नहीं आते, तब तक यह एक डरावना सवाल बना रहता है। एक और चिंता का विषय है श्रीलंका। वहां का नुकसान बहुत बड़ा है, जैसा कि NewsX Live ने कहा: "श्रीलंका में विनाश भयानक है।" भारतीय दूतावास ने एक ट्वीट में पुष्टि की कि "श्रीलंका में फंसे भारतीय नागरिकों के निकासी का कार्य वायु सेना और वाणिज्यिक विमानों के माध्यम से जारी है।"
नौसेना और वायु सेना की तेजी से तैनाती
यहां एक बात स्पष्ट है — जब तूफान आता है, तो भारतीय नौसेना और वायु सेना अक्सर पहले आती हैं। NewsX Live के एक विश्लेषक ने कहा, "इस बार नौसेना ने बेहद कम समय में एक रिकॉर्ड किया है। इस तरह हमने तूफान प्रभावित क्षेत्रों में मौतों को बहुत कम किया है।" और वास्तव में, बाढ़ के बीच नौसेना के नाविकों ने घरों की छतों पर फंसे लोगों को बचाया, और वायु सेना ने आपातकालीन आपूर्ति उड़ाई। यह तेजी से तैनाती एक ऐसा अनुभव है जिसे भारत ने पिछले कई तूफानों — जैसे फानी और बुबले — के बाद विकसित किया है।
श्रीलंका में भी तबाही, और तेलंगाना में बारिश का अगला चक्र
जबकि भारत का ध्यान तमिलनाडु पर है, श्रीलंका ने अपने अपने तूफान का सामना किया है। वहां के तटीय गांव बहुत ज्यादा नुकसान का शिकार हुए हैं। लोगों के घर बह गए, बिजली चली गई, और रास्ते नदियों में बदल गए। भारत ने अभी तक 12,000 से अधिक नागरिकों को निकाला है — लेकिन अभी भी लाखों लोग असुरक्षित हैं।
तेलंगाना में भी बारिश का खतरा बना हुआ है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, 30 नवंबर को राज्य में कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है। यह एक अलग घटना नहीं, बल्कि दित्वाह के बाद का एक अनुसरणीय प्रभाव है। जब तूफान तट पर उतरता है, तो उसका बाहरी चक्र दक्षिणी भारत के आंतरिक इलाकों में भी बारिश लाता है।
क्या अगला कदम?
अगले 48 घंटे फैसले के होंगे। अगर बारिश अभी भी बरकरार रही, तो तमिलनाडु सरकार ने आपातकालीन अस्पताल और शिफ्टिंग सेंटर्स को तैयार कर लिया है। अगर बारिश कम हुई, तो लोगों को अभी भी बाढ़ के खतरे के बारे में सावधान रहना होगा — क्योंकि बाढ़ के पानी को निकालने में दिनों लग जाते हैं। और एक बात याद रखें: जब तक आधिकारिक घोषणा नहीं आती, तब तक कोई भी तटीय इलाके में न जाए। यह न सिर्फ एक सलाह है, बल्कि एक जीवन बचाने वाला नियम है।
पिछले तूफानों की तुलना
दित्वाह पिछले तूफानों जैसे 2023 के साइक्लोन ओक्सी के समान है — जिसने तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में 1.2 लाख लोगों को प्रभावित किया था। लेकिन अब तक के आंकड़े दिखाते हैं कि चेतावनी प्रणाली बहुत बेहतर हो गई है। अब जब भी कोई तूफान आता है, तो आईएमडी 48 घंटे पहले ही लाल चेतावनी जारी कर देता है। इसका अर्थ है कि लोगों के पास बचने का समय है — और यही अंतर है जिसने 2025 में मौतों की संख्या कम की है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
साइक्लोन दित्वाह के कारण चेन्नई में स्कूल बंद होंगे क्या?
अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन चेन्नई, कांचीपुरम, तिरुवल्लूर और वेल्लोर जैसे जिलों के अधिकांश स्कूल 1 दिसंबर को छुट्टी घोषित करने की उम्मीद कर रहे हैं। अभिभावकों को अपने स्कूल की वेबसाइट या एसएमएस अपडेट की जांच करनी चाहिए, क्योंकि फैसला स्थानीय प्रशासन के आधार पर होगा।
क्या दित्वाह के कारण तमिलनाडु में बाढ़ का खतरा है?
हां, बहुत अधिक खतरा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने स्पष्ट किया है कि शहरी क्षेत्रों में पानी भर सकता है, और पहाड़ी इलाकों में अचानक बाढ़ की स्थिति आ सकती है। चेन्नई के तटीय इलाकों में पहले से ही गलियारे पानी से भर चुके हैं, जो बाढ़ के संकेत हैं।
श्रीलंका में कितने लोग मारे गए हैं?
अभी तक कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं हुआ है, लेकिन NewsX Live और श्रीलंकीय अधिकारियों के अनुसार, तूफान ने देश भर में भारी नुकसान पहुंचाया है। कुछ स्रोतों के अनुसार, श्रीलंका में सैकड़ों लोगों की मौत हो सकती है, लेकिन यह अभी अनुमान है। भारत ने तुरंत निकासी अभियान शुरू किया है।
भारतीय नौसेना ने क्या किया है?
भारतीय नौसेना ने तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों में बाढ़ के बीच फंसे लोगों को बचाने के लिए नावें भेजी हैं। उन्होंने आपातकालीन दवाइयां, पानी और भोजन की आपूर्ति भी की है। श्रीलंका में फंसे भारतीय नागरिकों की निकासी के लिए वायु सेना के विमानों का उपयोग किया गया है।
क्या दित्वाह का असर दिल्ली या उत्तर भारत पर पड़ेगा?
नहीं, इसका प्रभाव दक्षिणी भारत तक सीमित है। उत्तरी भारत में बारिश का कोई सीधा संबंध नहीं है। लेकिन तेलंगाना और कर्नाटक के आंतरिक इलाकों में बारिश का असर अभी भी रहेगा, क्योंकि तूफान का बाहरी चक्र वहां तक पहुंचता है।
अगली बार किस तरह की चेतावनी आएगी?
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग अगले 24 घंटों में हर 3 घंटे में अपडेट जारी करेगा। अगर तूफान का रास्ता बदलता है, तो वे नए लाल चेतावनी जारी कर सकते हैं। लोगों को आईएमडी की वेबसाइट या आपदा प्रबंधन अधिकारियों के ट्विटर अकाउंट पर अपडेट चेक करने चाहिए।
Mukesh Kumar
2 दिसंबर, 2025 . 00:26 पूर्वाह्न
ये तूफान आया तो लोगों को बचाने के लिए नौसेना और वायु सेना का तेजी से एक्शन देखकर बहुत अच्छा लगा। भारत की आपदा प्रतिक्रिया अब दुनिया की मिसाल बन गई है। जय हिंद!