जब बात जीएमपी, ग्लोबल मैनेजमेंट प्रैक्टिसेज, यानी खेल‑प्रशासन में मानक और प्रतिबद्धता को दर्शाने वाला शब्द की आती है, तो दो बड़े कॉन्सेप्ट सामने आते हैं: महिला क्रिकेट, भारत और दुनिया की महिला टीमों की प्रतियोगिताएँ और ICC महिला विश्व कप, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद द्वारा आयोजित मुख्य टूर्नामेंट. इनके साथ ट्राइ‑नेशन श्रृंखला, तीन टीमें मिलकर आयोजित द्वि‑साप्ताहिक प्रतियोगिता भी जीएमपी के मानकों को लागू करने का बड़ा मंच है। इन एंटिटीज़ के बीच का संबंध इतना गहरा है कि महिला क्रिकेट की सफलता अक्सर जीएमपी के नियमन पर निर्भर करती है, जबकि ICC महिला विश्व कप में प्रदर्शन इस फ्रेमवर्क को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर परखता है।
जीएमपी तीन स्तम्भों पर केंद्रित है: नियमन, प्रशिक्षण और प्रदर्शन‑ट्रैकिंग। नियमन में खिलाड़ी चयन, कोचिंग सर्टिफिकेशन और एंटी‑डोपिंग नियम शामिल हैं। प्रशिक्षण में आधुनिक फिटनेस प्रोटोकॉल, डेटा‑ड्रिवन स्ट्रैटेजी सत्र और मनोवैज्ञानिक समर्थन प्रमुख हैं। प्रदर्शन‑ट्रैकिंग में मैच‑बाय‑मैच आँकड़े, वैरिएबल स्कोरकार्ड और रियल‑टाइम फीडबैक सिस्टम काम करते हैं। इन तत्वों को अपनाने से भारत की महिला टीम ने 2025 की ट्राइ‑नेशन श्रृंखला में 97 रन की जीत जैसी बड़ी जीत हासिल की, और ICC महिला विश्व कप में लगातार टॉप‑फ़ोर में जगह बनाई।
भविष्य की ओर देखते हुए, जीएमपी सिर्फ क्रिकेट तक सीमित नहीं रहेगा; यह एशिया कप, चैंपियंस ट्रॉफी और घरेलू लीगों में भी लागू हो रहा है। इसलिए नीचे दिए गए लेखों में जीएमपी के विभिन्न पहलुओं—जैसे 2025 ICC महिला विश्व कप शेड्यूल, भारत‑श्रीलंका की प्रमुख साझेदारी, और महिला क्रिकेट की रणनीतिक प्रगति—को गहराई से पढ़ सकते हैं। इन रिपोर्ट्स से आप समझ पाएंगे कि जीएमपी कैसे खेल‑प्रशासन को बेहतर बनाता है और भारतीय महिला क्रिकेट को नई ऊँचाइयों पर ले जाता है।
हाल में 'मैनिक मंडे' के नाम से जानी जाने वाली बाजार की अत्यधिक अस्थिरता ने कई प्रमुख आईपीओ को प्रभावित किया है, जिनमें ओला इलेक्ट्रिक, सीईआईगैल और अकुम्स ड्रग्स शामिल हैं। इस लेख में इन आईपीओ पर गिरावट का प्रभाव और बाजार के ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी) का विश्लेषण किया गया है।
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