यूरो 2024 के क्वार्टरफाइनल मुकाबले में स्पेन ने मेजबान जर्मनी को 2-1 से हराकर बड़ा उलटफेर किया। यह मुकाबला एमएचपी एरिना, स्टटगार्ट में खेला गया जहां दर्शकों की भीड़ ने जोरदार हुंकार भरी। टोनी क्रूस, जिनकी वापसी का सपना था, उनकी टीम के लिए यह दिन बुरा साबित हुआ।
स्पेन की टीम ने खेल की शुरुआत से ही दमदार प्रदर्शन किया। दूसरे हाफ में 51वें मिनट में युवा खिलाड़ी लामीने यामाल के रन के बाद दानी ओल्मो ने शानदार शॉट के साथ पहला गोल किया। इस गोल से स्पेन ने बढ़त बना ली। जर्मनी की टीम ने भी कई मौकों पर गोल करने की कोशिश की, लेकिन उनकी किस्मत ने साथ नहीं दिया। सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में से एक था काई हैवर्त्ज़ का मिस, जो टीम के लिए निर्णायक हो सकता था।
जब मैच निर्धारित समय के बाद भी 1-1 की बराबरी पर था, तो अतिरिक्त समय में मैच को निपटाने के लिए खिलाड़ियों ने अपना पूरा जोर लगा दिया। अतिरिक्त समय के मुकाबले में, स्पेन ने एक बार फिर अपनी आक्रमण की ताकत दिखाई और मिकेल मेरीनो ने निर्णायक गोल दागा। इस गोल ने जर्मनी के फैंस की उम्मीदें तोड़ दीं और स्पेन को जश्न मनाने का मौका दिया।
जर्मनी की टीम इस मुकाबले में कई बार अवसरों को भुनाने में नाकाम रही। निकॉ लैस फुलक्रुग और फ्लोरियन विर्टज जैसे खिलाड़ी भी महत्वपूर्ण क्षणों में गोल नहीं कर सके। दूसरी और स्पेन की टीम ने अपनी रणनीति और तेज खेल का पूरा लाभ उठाया।
स्पेन के खिलाड़ियों ने बेहतरीन तालमेल दिखाया। दानी ओल्मो और मिकेल मेरीनो के गोल से यह स्पष्ट था कि टीम का हर खिलाड़ी मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहा है। गोलकीपर उनाई साइमन ने भी कई मौकों पर बेहतरीन बचा लिया, जिस कारण जर्मनी की टीम ज्यादा खतरनाक नहीं हो सकी।
इस मैच से जर्मनी के अनुभवी मिडफील्डर टोनी क्रूस की वापसी थी, जो उनके फैंस के लिए एक बड़ा अवसर था। लेकिन, उनका यह मुकाबला उतना यादगार नहीं बन सका। क्रूस ने मैदान पर बहुत मेहनत की, लेकिन उनकी टीम को जीत दिलाने में नाकाम रहे। उनकी वापसी पर आशा थी कि वे कुछ विशेष कर दिखाएंगे, लेकिन स्पेन की मजबूती ने उनके प्रयासों को नाकाम कर दिया।
जर्मनी के इस हार के बाद, टीम को अपने प्रदर्शन पर विचार करने की जरूरत है। खासकर गोल के अवसरों को भुनाने में उन्होंने जिस तरह की चूक की, वह उन्हें आगे के मैचों के लिए सबक के तौर पर लेनी चाहिए।
स्पेन की यह जीत उनकी आत्मविश्वास को बढ़ाएगी और वे सेमीफाइनल में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए तैयार हैं। स्पेन की टीम ने बार-बार यह सिद्ध किया है कि उनके पास बेहतरीन खिलाड़ियों का दल है, जो किसी भी परिस्थिति में जीत हासिल कर सकते हैं।
जर्मनी के लिए यह हार एक बड़ा झटका है, लेकिन वे इस हार से सीख लेकर आने वाले मुकाबलों में बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद रख सकते हैं। जर्मनी के कोच और खिलाड़ियों को अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करना होगा और गलतियों से सबक लेना होगा।
यह मुकाबला निश्चित रूप से फुटबॉल प्रेमियों के लिए यादगार रहेगा, जहां स्पेन की टीम ने अपनी अद्भुत तकनीक और मनोबल से जीत हासिल की। आने वाले मैचों में कौन सी टीम बाजी मारती है, यह देखना दिलचस्प होगा।