जब शारदीय नवरात्र, हिन्दू कैलेंडर के शरद ऋतु में नऊ दिन तक चलने वाला शक्ति‑उत्सव है. इसे शरद नवरात्र भी कहा जाता है, तो इसका मुख्य उद्देश्य मां दुर्गा के नौ रूपों को सम्मानित करना है। शारदीय नवरात्र के दौरान अष्टमी व्रत, द्वादशी पूजा और नौवें दिन का विजयादशमी प्रमुख होते हैं।
इस महोत्सव का आदान‑प्रदान दुर्गा पूजा, शक्ति की दिव्य रूप में माँ दुर्गा की आराधना से शुरू होता है, जहाँ पंडाल, आरती और मां के मंत्रों से घर-घर में वातावरण उत्साह से भर जाता है। अष्टमी व्रत, व्रती द्वारा शुद्ध भोजन से बचते हुए उपवास रखी जाने वाली पवित्र प्रथा नवरात्र के मध्य में सबसे महत्वपूर्ण रिवाज माना जाता है; इसे पकवान, फल और हरी साग के साथ सहज बनाया जा सकता है। साथ ही, गरबा, भजनों पर घूमते हुए किया जाने वाला पारम्परिक नृत्य शरद नवरात्र में संगीत और ताल के साथ ऊर्जा को बढ़ाता है, खासकर गुजरात और महाराष्ट्र के घरों में। इन सभी तत्वों में शक्ति स्तुति, शरीर और मन को शक्ति प्रदान करने वाले मन्त्र और भजनों का संग्रह का प्रभाव स्पष्ट है, जो न केवल आध्यात्मिक बल देता है बल्कि सामाजिक एकता भी बनाता है।
शारदीय नवरात्र की योजना बनाते समय तीन मुख्य कनेक्शन को याद रखें: (1) शारदीय नवरात्र समाहित करता है दुर्गा पूजा की रिचुअल, (2) दुर्गा पूजा आवश्यक बनाती है अष्टमी व्रत को, (3) अष्टमी व्रत सहयोग करता है गरबा और शक्ति स्तुति को। इस क्रम में आप प्रत्येक दिन का थीम तय कर सकते हैं—पहला दिन माँ के विभिन्न रूपों को परिचित करवाएँ, मध्य में अष्टमी व्रत की शुद्धता पर ध्यान दें, और अंतिम दो दिनों में गरबा और शक्ति स्तुति के साथ उत्सव को ऊँचा रखें।
यदि आप पहली बार नवरात्र मनाते हैं, तो छोटे‑छोटे कदमों से शुरू करें: घर की साफ‑सफ़ाई, पुजन की जगह पर लाल और सुनहरा रंग के कपड़े लगाएँ, और रोज़ाना सुबह 6 बजे उठकर माँ के मंत्र (जैसे "ॐ दुं दुं दुं") दोहराएँ। व्रती के लिए हल्का फल, नारियल पानी और सूखे मेवे उपयुक्त होते हैं, जबकि गैर‑व्रती सदस्य हलके स्नैक्स और मिठाइयाँ तैयार रख सकते हैं। गरबा सीखने में मदद के लिये यूट्यूब पर ‘गरबा स्टेप्स’ खोजें या पड़ोस के सामुदायिक केंद्र में कक्षा जॉइन करें।
इन सबके बाद, विजयादशमी पर बड़े पंडाल में धूप और अग्नि के साथ माँ दुर्गा का विसर्जन देखें। यह समापन न केवल बुराई पर जीत का प्रतीक है, बल्कि अगले साल के लिए नई ऊर्जा का संचार भी करता है। नीचे दी गई पोस्ट सूची में शारदीय नवरात्र से जुड़े रहे ख़बरें, टिप्स और घटनाएँ हैं—आपको हर पहलू की जानकारी मिल जाएगी, चाहे वह आर्थिक असर हो, सांस्कृतिक कार्यक्रम या सार्वजनिक योजनाएँ। अब आप इस उत्सव को समझते हुए, अपने परिवार और दोस्तों के साथ मनाने के लिए तैयार हो जाइए।
तीसरे नवरात्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माँ चंद्रघंटा की आराधना की और इस दिन के महत्व पर जोर दिया। माँ चंद्रघंटा, देवी दुर्गा का तीसरा रूप, राक्षसों के नाश और शांति की प्रतीक मानी जाती हैं। उनका पूजन करने से सुख, समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है।
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