जब बात वायुसेना पायलट, भारतीय वायु सेना में उड़ान भरने वाले अधिकारी जो रक्षा, आपूर्ति और निगरानी के मिशन संभालते हैं. Also known as एअर फ़ोर्स पायलट, it requires rigorous training, sharp decision‑making, और हाई‑एंड टेक्नोलॉजी के साथ काम करने की क्षमता। यह भूमिका राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद अहम है, इसलिए योग्य उम्मीदवारों को कड़ी परीक्षा और शारीरिक मानक पास करने होते हैं।
इस टैग पेज में आप वायुसेना, भारत की सशस्त्र बलों में वह शाखा जो हवाई शक्ति प्रदान करती है से जुड़ी निचली‑स्तर की जानकारी पाएँगे। पायलट प्रशिक्षण, इंडियन एयर फोर्स अकादमी (IAFA) में दो साल की बुनियादी और उन्नत उड़ान शिक्षा का पूरा क्रम, चयन प्रक्रिया से लेकर फाइनल डिप्लोमा तक समझाया गया है। साथ ही विमान, जे‑१५, सुगर, हरिकेन जैसे भारतीय वायु सेना के प्रमुख लड़ाकू और परिवहन हवाई जहाज के विभिन्न प्रकार, उनकी तकनीकी विशेषताएं और पायलट को कौन‑सी स्किल्स चाहिए, ये सब यहाँ मिलेंगे।
वायुसेना पायलट को रोज़ाना कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। हाई‑एलेवेशन पर नेविगेशन, तेज़ी से बदलते मौसम, और एंटी‑एयरक्राफ्ट सिस्टम के खिलाफ ऑपरेशन ऐसे काम हैं जो सिर्फ तकनीकी ज्ञान नहीं, बल्कि मानसिक दृढ़ता भी मांगते हैं। इसी कारण विभाग लगातार सिमुलेटर, एआर/वीआर ट्रेनिंग और एरोस्पेस रिसर्च में निवेश करता है। इस समय भारतीय वायु सेना फ्यूसन, राफेल जैसे 5थ जेनरेशन जेट्स को अपने बेड़े में शामिल कर रही है, जिससे पायलटों को नई एयरोडायनामिक और रडार-स्टीलिंग तकनीकों को सीखना पड़ेगा।
अगर आप इस करियर में कदम रखने का सोच रहे हैं, तो सबसे पहले इंडियन एयर फोर्स इक्जाम (IAFEE) पास करना होगा। यह परीक्षा तीन चरणों में होती है – लिखित, साक्षात्कार और मेडिकल। लिखित में गणित, तर्कशक्ति और सामान्य ज्ञान के सवाल होते हैं, जबकि साक्षात्कार में मनोवैज्ञानिक प्रोफ़ाइल की जाँच की जाती है। मेडिकल में दृश्य शक्ति, दिल‑फेफ़ड़े की क्षमता और वजन‑ऊँचाई सीमाएँ तय होती हैं। इन सभी को सफलतापूर्वक पार करने के बाद ही उम्मीदवार को प्रशिक्षण कैंप में बुलाया जाता है।
एक बार चयन हो जाने के बाद, प्रशिक्षण क्रम दो मुख्य भागों में बँटा होता है – बेसिक फ्लाइट ट्रेनी (BFT) और ऐडवांस्ड फ्लाइट ट्रेनी (AFT)। BFT में तेज़ी से बेसिक एयरोडायनामिक, फॉर्मेशन फ्लाइट और इमरजेंसी प्रोसिज़र्स सिखाए जाते हैं। AFT में जे‑15, सुगर आदि उन्नत विमानों की हैंडलिंग, एयर‑टू‑एयर कॉम्बैट, स्ट्राइक मिशन और नाइट विज़न उपकरणों का उपयोग शामिल है। प्रशिक्षण समाप्त होने पर पायलट को ग्रेड में सौंपा जाता है और वह वास्तविक ऑपरेशनों में भाग ले सकता है।
यह पेज उन लोगों के लिए गाइड है जो वायुसेना पायलट बनने की सोच रहे हैं, साथ ही उन पाठकों के लिए भी जो इस भूमिका के रोज़मर्रा के कामकाज़ को समझना चाहते हैं। नीचे दी गई सूची में आप विभिन्न लेख, इंटरव्यू और अपडेट देखेंगे – जैसे कि नई भर्ती प्रक्रिया, एअरक्राफ्ट टेक्नोलॉजी अपडेट, पायलट के जीवन की कहानियां और करियर टिप्स। इस जानकारी को पढ़कर आप अपनी तैयारी को एक कदम आगे ले जा सकते हैं और भारतीय वायु सेना की सेवा में खुद को तैयार कर सकते हैं।
कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना के फ्लाइट लेफ्टिनेंट कंबंपति नचिकेता को पकड़े जाने के बाद वाजपेयी सरकार ने उनकी सुरक्षित वापसी के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किए। आठ दिन पाकिस्तान की जेल में बिताने के बाद उन्हें रिहा कराया गया, जिससे भारत की कूटनीतिक ताकत सामने आई।
और देखें