जब कुन्नाल कमरा, स्टैण्ड‑अप कॉमेडियन ने 3 अप्रैल 2025 को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर व्यंग्य किया, तब टिकटिंग प्लेटफ़ॉर्म बुकमायशो ने उनके शो को हटाने का कदम उठाया, जिससे एक बड़ा सार्वजनिक बहस जलती दिखाई दी।
यह कदम मुंबई में कलाकारों की पहुंच, डेटा सुरक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रश्नचिह्न लगा रहा है।
कमरा का कहना था कि प्लेटफ़ॉर्म ने उनका डेलिस्टिंग सिर्फ राजनीतिक दबाव के कारण किया, जबकि बुकमायशो ने अपने रोल को ‘टिकट बिक्री सुविधा’ तक सीमित बताया।
कमरा ने अपनी नवीनतम फ़्लैश शो में शिंदे को "देशद्रोही" कहा, भले ही सीधे नाम नहीं लिया। यह टिप्पणी शरद ऋतु में मुंबई के एक छोटे थिएटर में लगभग 150 दर्शकों के सामने थी, जहाँ से शिवसेना (शिंदे फेक्शन) की युवा शाखा के प्रमुख रहूल कन्नाल ने तुरंत प्रतिक्रिया दी।
रहूल ने अपने ट्विटर अकाउंट पर बुकमायशो को “कमरा के मंच को हटाने” की मांग की और दर्शकों के साथ हुई हिंसा की भी शिकायत की। यही समय था जब कई दर्शकों ने सोशल मीडिया पर बुकमायशो को ‘सेंसरशिप’ का झंडा दिखाते हुए ‘नीरज’ कहा।
7 अप्रैल 2025 को कमरा ने X (पहले ट्witter) पर दो पन्नों का खुला पत्र पोस्ट किया। पत्र में उन्होंने लिखा:
"प्रिय बुकमायशो, मैं समझता हूँ कि आपको राज्य के साथ सौहार्द बनाए रखने की जरूरत है, और मुंबई लाइव एंटरटेनमेंट का हब है। बिना राज्य के सहयोग के कोल्डप्ले या गन्स और रोज़ेज जैसे शो संभव नहीं होते… मैं या तो मुझे डेलिस्ट न करें या मेरे दर्शकों के संपर्क डेटा उपलब्ध कराएँ।"
कमरा ने यह भी बताया कि बुकमायशो का 10% कमीशन उनके व्यवसाय का मूल है, और प्लेटफ़ॉर्म के बिना कलाकार को 6,000‑10,000 रुपये प्रतिदिन विज्ञापन खर्च करना पड़ता है।
बॉक्स में बुकमायशो ने उसी दिन X और Instagram पर एक आधिकारिक बयान जारी किया। उन्होंने कहा:
ब्यौरे में उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय कानून के तहत उनका संचालन “न्यूट्रल” है और उन्होंने कभी भी किसी राजनीतिक दबाव को स्वीकार नहीं किया।
शिवसेना (शिंदे फेक्शन) ने आरोप लगाया कि बुकमायशो ने कमरा के शो को सभी प्लेटफ़ॉर्म और कलाकार लिस्टिंग से हटाया। इस आरोप को लेकर शिरकत करने वाले कई राजनेता और जनता के बीच बहस छिड़ गई कि क्या प्लेटफ़ॉर्म को "संपूर्ण सामग्री" पर अधिकार होना चाहिए या नहीं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला भारतीय डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नीति के अस्पष्ट पहलुओं को उजागर करता है। कुछ ने सुझाव दिया कि टिकटिंग कंपनियों को स्पष्ट नीति बनानी चाहिए, जिससे कलाकार किसी भी राजनीतिक या सामाजिक टिप्पणी पर बिना डर के मंच पर प्रस्तुत हो सके।
कुन्नाल कमरा ने फिर X पर बुकमायशो से स्पष्टता की माँग की: "क्या मैं अभी भी आपके प्लेटफ़ॉर्म पर शो लिस्ट कर सकता हूँ? अगर नहीं, तो ठीक है, लेकिन कृपया मेरे दर्शकों की डेटा दें।" इस संदेश ने दर्शकों और मीडिया में इस मुद्दे को फिर से ताज़ा कर दिया।
वर्तमान में, बुकमायशो ने कोई आधिकारिक निर्णय नहीं बदला है, लेकिन कई स्वतंत्र मंचों ने कमरा को अपना खुद का टिकटिंग सिस्टम बनाने की सलाह दी। इसके अलावा, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि डेटा संरक्षण और कलाकार अधिकारों पर अभी भी स्पष्ट दिशा-निर्देश तैयार हो रहे हैं।
कमरा ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर व्यंग्य किया, जिससे शिवसेना (शिंदे फेक्शन) ने बुकमायशो पर दबाव डाला। प्लेटफ़ॉर्म ने कहा कि शो हटाने का अधिकार आयोजक या venue का है, न कि उसका।
बुकमायशो ने कहा कि वह टिकट बिक्री का मंच है, सामग्री के निर्णय में उसका कोई हस्तक्षेप नहीं। उन्होंने कहा कि डेलिस्टिंग का फैसला सम्पूर्ण रूप से आयोजक या venue का होता है।
कमरा ने बुकमायशो से यह डेटा मांगा है, लेकिन प्लेटफ़ॉर्म ने अभी तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। डेटा संरक्षण के मौजूदा भारतीय नियमों के तहत ऐसे अनुरोध पर कंपनी को कानूनी मंजूरी लेनी पड़ सकती है।
शिवसेना (शिंदे फेक्शन) ने रहूल कन्नाल के माध्यम से बुकमायशो पर दबाव बनाया, जिससे प्लेटफ़ॉर्म ने कमरा के शो को हटाने की कार्रवाई की। यह समूह अक्सर राजनीतिक टिप्पणी वाले कलाकारों के खिलाफ कदम उठाता रहा है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि स्पष्ट डेटा‑प्रोटेक्शन और कंटेंट‑पॉलिसी दिशानिर्देशों की आवश्यकता है, जिससे कलाकार बिना डर के मंच पर आ सकें। कुछ प्रस्तावित नियामक सुधारों में प्लेटफ़ॉर्म को ‘न्यूट्रल’ रहने के साथ साथ कलाकार अधिकारों की रक्षा भी शामिल है।