बशर अल‑असद – सीरिया की राजनीति का केंद्रीय चेहरा

जब बात बशर अल‑असद, सीरिया के राष्ट्रपति, 2000 में सत्ता में आए और तब से देश की आंतरिक और बाहरी नीति को आकार देते आए हैं. Also known as Bashar al-Assad, वह मध्य पूर्व की राजनीति में एक प्रमुख अभिनेता हैं। बशर अल‑असद ने 2000 में राष्ट्रपति पद संभाला (बशर अल‑असद ने 2000 में राष्ट्रपति पद संभाला) और उनका शासन विभिन्न आंतरिक संघर्षों और अंतरराष्ट्रीय दबावों से जुड़ा है (सीरिया में सिविल वार बशर अल‑असद की नीतियों से जुड़ा है)। यह पृष्ठ उनके जीवन, कार्य और प्रभाव को समझने के लिए एक केंद्रित गाइड प्रदान करता है।

मुख्य राजनीतिक परिप्रेक्ष्य

एक प्रमुख संबंधित इकाई सीरिया, एक मध्य पूर्वी देश जिसकी राजधानी دمشق है, और जहाँ बशर अल‑असद का शासन केंद्रित है है। इस देश की जटिल जातीय संरचना, तेल की खाड़ी और सामाजिक असमानताएँ असद के शासन को चुनौती देती रही हैं। 2011 में शुरू हुए सिविल वार ने राष्ट्र को मानवीय संकट में डुबो दिया, जबकि असद की सरकार ने सैन्य प्रतिक्रिया के साथ नियंत्रण बनाए रखने की कोशिश की (सीरिया में सिविल वार बशर अल‑असद की नीतियों से जुड़ा है)। इस संघर्ष ने कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को शामिल किया, जिससे असद के निर्णयों का प्रभाव वैश्विक स्तर तक बढ़ गया।

एक और महत्वपूर्ण सहयोगी रूस, असद के सबसे भरोसेमंद सैन्य और कूटनीतिक साथी, जिसने वाणिज्यिक और राजनयिक समर्थन प्रदान किया है है। रूस ने असद को एवीए (विमान) और तोपखाना प्रदान करके युद्ध में उनकी स्थिति को मजबूत किया (रूस बशर अल‑असद को सैन्य सहायता देता है)। इसके अलावा, रूसी कूटनीति ने संयुक्त राष्ट्र में असद के खिलाफ किए गए कई प्रस्तावों को ब्लॉक किया, जिससे उनका अंतरराष्ट्रीय अलगाव सीमित रहा। इस सहयोग ने असद को घरेलू दबावों से लड़ने में मदद की और मध्य पूर्व में रूसी प्रभाव को भी बढ़ावा दिया।

इसके विपरीत, संयुक्त राज्य अमेरिका, असद शासन के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों और राजनयिक दबावों का प्रमुख स्रोत, जो मानवीय अधिकार उल्लंघनों को रोकने की कोशिश करता है ने असद पर कई स्तरों पर प्रतिबंध लगाये हैं (संयुक्त राज्य असद शासन पर आर्थिक प्रतिबंध लागू करता है)। अमेरिकी नीतियों में तेल प्रतिबंध, वित्तीय लेनदेन पर जाम, और अंतरराष्ट्रीय संगठनों में असद के प्रतिनिधित्व को सीमित करना शामिल है। ये कदम असद के आर्थिक आधार को कमजोर करने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसे अलग-थलग करने की कोशिश करते हैं।

इसी बीच, इरान, एक प्रमुख मध्य पूर्वी राज्य जो असद को रणनीतिक, आर्थिक और सैन्य समर्थन देता है, विशेषकर हथियारों और प्रशिक्षण के क्षेत्र में ने असद की दीर्घकालिक स्थिरता में योगदान दिया है (इरान असद को रणनीतिक समर्थन देता है)। इरानी समर्थन ने असद को घरेलू विरोधी समूहों के खिलाफ अपनी सैन्य स्थिति मजबूत रखने में मदद की और क्षेत्रीय गतिकी में एक जटिल गठबंधन को जन्म दिया। इन सहयोगी संबंधों ने असद को अंतरराष्ट्रीय प्रतिरोध के बावजूद सत्ता में बने रहने का मौका दिया।

दूसरी ओर, फ्री सिरियन आर्मी (FSA), एक प्रमुख विरोधी समूह, जो असद के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष में शामिल है और कई देशों द्वारा समर्थित है ने सीरियन सिविल वार को और तीखा बना दिया है। यह समूह असद के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में कई बार सफल अभियानों से गुजर चुका है, जिससे सरकार को लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। FSA के संघर्ष ने असद के शासन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार जांच के दायरे में ला दिया है, जिससे उनकी वैधता और स्थिरता दोनों पर सवाल उठते रहे हैं।

इन सभी तत्वों को देख कर स्पष्ट होता है कि बशर अल‑असद का राजनीतिक परिदृश्य बहुपक्षीय और जटिल है। आप आगे पढ़ेंगे तो पाएँगे कि कैसे इस लम्बे संघर्ष ने सीरिया की सामाजिक संरचना को बदल दिया, अंतरराष्ट्रीय संबंधों को पुनः आकार दिया और असद के शासन में किन‑किन मोड़ पर बदलाव आए। नीचे दी गई सूची में विभिन्न लेख, विश्लेषण और रिपोर्टें इस व्यापक विषय के विभिन्न पहलुओं को कवर करती हैं, जिससे आपको असद की नीति, उनके प्रतिद्वंद्वी और सहयोगी, तथा सीरियाई जनता की हालिया स्थिति की गहरी समझ मिल सकेगी।

सीरिया की रणनीतिक शहर दारा में सरकार की हार: असद को बड़ा झटका

सीरिया की सरकार ने दक्षिणी शहर दारा पर नियंत्रण खो दिया है, जो राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन के लिए एक महत्वपूर्ण झटका है। स्थानीय सैनिक गुटों ने दारा प्रांत के लगभग 90% क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। यह स्थिति 2011 के uprising के बाद से असद शासन के लिए एक गंभीर चुनौती बन गई है। विदेशी शक्तियाँ इस समय प्रस्तावित उपायों पर विचार कर रही हैं।

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