जब आप IMD अलर्ट, भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी वास्तविक‑समय मौसम चेतावनियों का संकलन, Also known as मौसम चेतावनी देखते हैं, तो आपको तुरंत संभावित खतरों की पहचान होती है। यह मंच देश‑व्यापी तूफान, भारी बारिश, तेज़ हवाओं और अन्य जलवायु जोखिमों को तुरंत बताता है, जिससे लोग अपनी सुरक्षा योजना जल्दी बना सकें।
साइक्लोन शाक्ती, 2025 में भारत के पश्चिमी समुद्र में विकसित एक तीव्र चक्रवात, जिसने कई राज्यों में बवंडर बारिश और तेज़ हवाएँ लाई एक क्लासिक उदाहरण है कि कैसे IMD अलर्ट जीवन‑रक्षक जानकारी पहुँचाता है। जब चेतावनी जारी होती है, तो स्थानीय प्राधिकरण तुरंत बाढ़ नियंत्रण, टोरनॅडो तैयारियों और आपातकालीन राहत कार्यों को सक्रिय करते हैं। इस तरह के अलर्ट न केवल मौसम विज्ञानियों को डेटा प्रदान करते हैं, बल्कि लोगों को भी समय पर सुरक्षित स्थानों की ओर ले जाते हैं।
बवंडर बारिश, एक बार में बड़े पैमाने पर अत्यधिक वर्षा, अक्सर चक्रवात या सुदूर मोन्सून के साथ जुड़ी होती है की चेतावनी भी IMD अलर्ट में स्पष्ट रूप से दी जाती है। बवंडर बारिश के दौरान नदियों का स्तर तेज़ी से बढ़ सकता है, जिससे जलभराव और सड़क बाधा उत्पन्न होती है। अलर्ट में तत्क्षण सरंचनात्मक सिफ़ारिशें, जैसे कि निकासी मार्ग, जल स्तर मॉनिटरिंग, और स्थानीय शेड्यूल बदलने की सूचनाएँ शामिल होती हैं। इससे नागरिकों को तेज़ निर्णय लेने में मदद मिलती है और जीवन‑हानी कम होती है।
भारत मौसम विभाग, देश का मुख्य मौसम विज्ञान एजेंसी, जो IMD अलर्ट का डेटा स्रोत है हर घंटे अपने सेंसर, उपग्रह और रेडार नेटवर्क से जानकारी इकट्ठा करता है। यह डेटा विश्लेषण के बाद, सटीक समय पर अलर्ट जारी करता है। भारत मौसम विभाग की विश्वसनीयता का मतलब है कि इन अलर्ट पर भरोसा करके लोग कृषि, परिवहन और ऊर्जा सेक्टर में भी अपने कामकाज़ को सुरक्षित रख सकते हैं।
उपलब्ध अलर्ट अक्सर तीन मुख्य हिस्सों में बँटे होते हैं: (1) खतरे का प्रकार – जैसे साइक्लोन, बवंडर बारिश, धुंध; (2) प्रभाव क्षेत्र – कौन से राज्य, जिला या शहर प्रभावित होंगे; (3) सिफ़ारिशें – घर से बाहर निकलें, जलरोधक दुकानें बंद रखें या आपातकालीन किट तैयार रखें। ये जानकारी छोटे‑से‑बड़े सभी उपयोगकर्ताओं के लिए उपयोगी होती है, चाहे वह किसान हो जो फसल बचाना चाहता है या शहर के निवासी जो रोज़ाना यात्रा करता है।
इन दिशानिर्देशों को पढ़कर आप न केवल मौसमी जोखिमों को समझते हैं, बल्कि अपने दैनिक शेड्यूल में प्रैक्टिकल बदलाव भी कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर अलर्ट में कहा गया है कि अगले 48 घंटों में तेज़ हवाओं के कारण बिजली कटौती हो सकती है, तो आप बैटरी बैक‑अप, रिफ्रिज़रेटर को सुरक्षित जगह पर रख सकते हैं। इसी तरह, बवंडर बारिश की चेतावनी मिलने पर आप सीवर की सफाई, जल जंक्शन का निरीक्षण या निकासी मार्ग की पुष्टि कर सकते हैं।
जब आप इस पेज के नीचे सूचीबद्ध लेख पढ़ेंगे, तो आपको हालिया IMD अलर्ट के वास्तविक उदाहरण, उनकी सामाजिक‑आर्थिक प्रभाव और विशेषज्ञों की तैयारियों का विस्तृत विश्लेषण मिलेगा। यह संग्रह आपके लिए एक “एक‑स्टॉप” रिसोर्स बनता है, जहाँ आप हर अलर्ट के पीछे की विज्ञान, संभावित जोखिम और कार्रवाई की योजना को समझ पाएँगे। अब चलिए, नीचे दिखाए गए अपडेटेड अलर्ट और उनके असर की विस्तृत कवरेज देखें।
रांची में 19 मई को दोपहर अचानक आई भारी बारिश और तेज आंधी से बिजली काटी गई, पेड़ गिरे और सड़कों पर पानी भर गया। मौसम विभाग ने राज्यभर में 27 मई तक गरज-चमक और तेज़ हवाओं का अलर्ट जारी कर रखा है। पूर्वी और मध्य झारखंड में इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश की संभावना जताई गई है।
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