जब हम नवरात्रि, हिंदू कैलेंडर के अनुसार नौ रातों और नौ दिनों का त्योहार है, जो देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा करता है. Also known as दुर्गा पूजा, it brings together fasting, dance, music, and community celebrations across India.
इस उत्सव का मुख्य केंद्र दुर्गा, शक्तिमयी देवी जिनका स्वरूप शक्ति, धैर्य और विजय का प्रतीक है है। दुर्गा के प्रत्येक रूप—शैलपुत्री, ब्रह्मचारी, कठोर, काला, महागौरी, सिद्धिदाता, आदि—को अलग‑अलग दिन सम्मानित किया जाता है। इससे नवरात्रि में आध्यात्मिक विविधता और कलात्मक अभिव्यक्ति दोनों को मौका मिलता है।
मुख्य रिवाजों में उपवास, भोजन में शाकाहारी रहना, न कम से कम दो भोजन से परहेज करना और कुछ दिनों में केवल फल या हल्का नाश्ता लेना शामिल है। उपवास शरीर को शुद्ध करता है और मन को केंद्रित करता है, जिससे पूजा‑पाठ में सच्ची भक्ति सम्भव हो सके। साथ ही, गरबा, जॉर्डन में गाए जाने वाला पारम्परिक नृत्य, जहाँ लोग गोल घेरे में घूमें और गाते‑गाते देवी की आराधना करते हैं भी नवरात्रि का अभिन्न हिस्सा है, विशेषकर गुजरात और मराठी क्षेत्र में।
इनके अलावा पुजा पाठ, हवन, मंत्रोच्चारण और प्रतिमा स्थापित कर विशेष अनुष्ठान करना नवरात्रि के दौरान रोज़ाना होते हैं। प्रत्येक दिन अलग‑अलग श्लोक और मंत्रों का प्रयोग किया जाता है, जिससे ऊर्जा का क्रमिक निर्माण होता है। इस क्रमिक निर्माण को हम एक सेमांटिक ट्रिपल के रूप में देख सकते हैं: "नवरात्रि encompasses नौ रातों की पूजा", "उपवास requires शारीरिक शुद्धि", "गरबा enhances सामुदायिक एकता"।
भौगोलिक विविधता भी रिवाजों में दिखती है। उत्तर में लोग "शैलपुत्री व्रत" के साथ बड़े दान करते हैं, जबकि पश्चिम में "गरबा" और "डांडिया" का उत्सव शिखर पर पहुँचता है। दक्षिण भारत में "दुर्गा सततम्" और "आरती" के साथ क्षत्रीय परम्पराएं दिखती हैं, वहीं पूर्वी भारत में "बीज नवरात्रि" के रूप में माँ शालिनी की पूजा की जाती है। इस तरह नवरात्रि विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न स्वरूप लेती है, परंतु सभी में एक ही लक्ष्य—नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर सकारात्मक ऊर्जा को जगाना—साझा है।
समाचार संकलन जैसी साइटें इस विविधता को कवर करती हैं। हमारे पास नवरात्रि के दौरान आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों, खेल प्रतियोगिताओं और सामाजिक पहलों के बारे में ताज़ा ख़बरें भी मिलती हैं। चाहे वो गुजरात में गरबा प्रतियोगिता हो या मुंबई में शिल्प मेले, हर ख़बर हमें इस त्योहार के सामाजिक प्रभाव को समझने में मदद करती है। इस जिंदादिलता को देखते हुए, नवरात्रि न सिर्फ धार्मिक पालन है, बल्कि आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को भी प्रेरित करता है।
यदि आप नवरात्रि के खास मीटिंग्स, उत्सव स्थान, या लोकप्रिय रेसिपी जैसे "विशेष ख़ीर" या "सत्तू" की जानकारी चाहते हैं, तो हमारे नीचे के लेखों में विस्तृत विवरण मिलेगा। इन लेखों में हम आध्यात्मिक पहलुओं के साथ-साथ व्यावहारिक टिप्स—जैसे उपवास के दौरान कौन‑से खाद्य पदार्थ बेहतर होते हैं, गरबा की शुरुआती कदम, और परिवार में मिलकर सजावटी दियों की तैयारी—को भी शामिल करेंगे। अंत में, यह संग्रह आपको नवरात्रि को पूरी तरह से जीने का एक व्यापक मार्गदर्शन देगा, चाहे आप पहली बार इन रिवाजों से परिचित हो रहे हों या साल‑दर‑साल इसे बड़ते देख रहे हों।
तीसरे नवरात्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माँ चंद्रघंटा की आराधना की और इस दिन के महत्व पर जोर दिया। माँ चंद्रघंटा, देवी दुर्गा का तीसरा रूप, राक्षसों के नाश और शांति की प्रतीक मानी जाती हैं। उनका पूजन करने से सुख, समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है।
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