जब हम व्रत, एक ऐसा धार्मिक अभ्यास है जिसमें भोजन, पानी या कुछ वस्तुओं से परहेज़ किया जाता है, अक्सर विशेष अवसरों या जीवन के मोड़ पर, उपवास की बात करते हैं, तो दिमाग में करवा चौथ या नवरात्रि जैसी तस्वीरें आते हैं। व्रत सिर्फ भूख न लगाना नहीं, यह आत्म‑निरीक्षण, परिवार के साथ जुड़ाव और शारीरिक स्वास्थ्य को संतुलित करने का तरीका है। यह रिवाज सामाजिक बंधन को भी मजबूत करता है – जैसे करवा चौथ में पति‑पत्नी के बीच प्यार की कसौटी और नवरात्रि में देवी‑देवता की आराधना।
भारत में कई प्रकार के करवा चौथ, एक ऐसा तीज है जहाँ विवाहित महिलाएँ अपने पति की लंबी उम्र के लिए पूरे दिन जल व भोजन से विरत रहती हैं, शाम को चाँद की रोशनी में सेवन करती हैं का पालन करती हैं। यह रिवाज पति‑पत्नी के बीच भरोसे को बढ़ाता है और सामाजिक समारोहों में एकजुटता लाता है। इसी तरह नवरात्रि, नौ रातों की सत्कार्य अवधि है जिसमें माँ दुर्गा की पूजा के साथ शुद्ध उपवास किया जाता है महिलाओं को मानसिक शांति और आत्मविश्वास प्रदान करता है। ये दोनों उपवास यह सिद्धांत दिखाते हैं कि व्रत एक ही अवधारणा में धार्मिक, सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी फ़ायदे जोड़ता है।
जब हम बात करते हैं स्वास्थ्य, उपवास का नियमित अभ्यास शरीर को डिटॉक्स करता है, मेटाबॉलिक दर को सुधारता है और मानसिक स्पष्टता बढ़ाता है, तो स्पष्ट हो जाता है कि व्रत के लाभ सिर्फ आध्यात्मिक नहीं, बल्कि शारीरिक भी हैं। कई चिकित्सा अध्ययन बताते हैं कि अंतराल उपवास से रक्त शर्करा नियंत्रण बेहतर होता है और हृदय‑वॉस्क्युलर जोखिम घटता है। इसलिए कई लोग अपने दैनिक जीवन में हल्का व्रत (जैसे एक‑दूसरे दिन जल व जलपान) अपनाते हैं। इस प्रकार, व्रत का प्रयोग व्यक्तिगत स्वास्थ्य लक्ष्य और पारिवारिक परम्पराओं को जोड़ता है।
इन सब बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, नीचे आपको करवा चौथ, नवरात्रि और अन्य प्रमुख उपवासों की विस्तृत जानकारी, तैयारियों के सुझाव और स्वास्थ्य टिप्स मिलेंगे। आप पढ़ते-परते इस संग्रह से अपने अगले व्रत को अधिक सार्थक और लाभकारी बना सकते हैं।
सावन सोमवार व्रत 2024 का शुभारंभ सोमवार, 22 जुलाई से हो रहा है और यह 19 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान भगवान शिव के भक्त सावन माह के हर सोमवार को व्रत रखते हैं। उत्तर भारत और दक्षिण भारत में व्रत की तारीखें अलग हो सकती हैं। भक्त व्रत के दौरान अनाज और मांसाहारी भोजन से परहेज करते हैं और फलों, दूध और अन्य सात्विक भोजन का सेवन करते हैं।
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