जब हम बजेट 2024, भारत सरकार द्वारा पेश किया गया वार्षिक वित्तीय योजना, जिसमें राजस्व, खर्च और निवेश के प्रमुख आंकड़े होते हैं. Also known as वित्तीय वर्ष 2024‑25 बजट, it sets the tone for आर्थिक विकास, welfare programs और fiscal discipline. इस बजट को लेकर कई सवाल होते हैं – कौन‑सी नई कर नीति आएगी, कितना खर्च होगा, और निवेश में कौन‑सी प्राथमिकता होगी? बजट 2024 को समझना ही आगे की नीति‑निर्धारण की कुंजी है।
पहली नजर में केंद्रीय वित्त मंत्रालय, वित्तीय मामलों की प्रमुख सरकारी इकाई, जो बजट तैयार करने, लागू करने और निगरानी करने का जवाबदेह है. AlternateName: Finance Ministry इस भूमिका को निभाता है। साथ ही वित्त मंत्री, देश की आर्थिक नीति का प्रमुख चेहरा, जो बजट को संसद में पेश करता है और सार्वजनिक रूप से घोषित करता है. AlternateName: Finance Minister की आवाज़ में अक्सर टैक्स स्लैब, सामाजिक कल्याण और निवेश‑प्रोत्साहन के संकेत मिलते हैं। इस बजट ने कर‑रेंज को थोड़ा चौड़ा किया, जिससे मध्यम वर्ग के लिए टैक्स‑बिल्डिंग आसान हो सके।
बजट 2024 कई बड़े क्षेत्रों को लक्षित करता है। सबसे पहले, राजस्व संग्रह, सरकार की आय का मुख्य स्रोत, जिसमें टैक्स, कस्टम ड्यूटी और अन्य शुल्क शामिल होते हैं. AlternateName: Revenue को 10% बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे विकास‑खर्च को फंड करने में मदद मिलेगी। दूसरा, स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए विशेष वित्तीय आवंटन बढ़ाया गया – यह सामाजिक कल्याण, निवेश‑आधारित कार्यक्रम जो जनता की जीवन‑गुणवत्ता सुधारते हैं. AlternateName: Welfare के तहत नई योजना सुनियोजित है, जिसमें ग्रामीण स्वास्थ्य आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने और डिजिटल शिक्षा को व्यापक बनाने के लिए फंड लगाए जाएंगे। पर्यावरणीय पहल के तहत ग्रीन बांड और सौर‑ऊर्जा प्रोत्साहन भी बजट में शामिल हैं, जिससे भारत की सतत विकास लक्ष्य (SDGs) के साथ तालमेल बढ़ेगा।
निवेश के संदर्भ में बुनियादी ढाँचा योजना, सड़कों, रेल, बंदरगाह और डिजिटल नेटवर्क जैसे बड़े‑पैमाने के प्रोजेक्ट्स के लिए बजट में निर्धारित राशि. AlternateName: Infrastructure को 15% बढ़ाया गया है। निजी‑सेवा भागीदारी (PPP) को और सशक्त बनाने के लिए आसान लाइसेंसिंग, ब्याज‑सहायता और टैक्स‑इन्सेंटिव का प्रस्ताव है। इससे न केवल निर्माण‑खर्च घटेगा बल्कि रोजगार‑सृजन भी तेज़ होगा। इस बजट ने स्टार्ट‑अप एंव MSME को भी विशेष फंडिंग दी है, ताकि तकनीकी नवाचार और औद्योगिक उद्यमिता को बढ़ावा मिले।
अंत में, बजट 2024 का मुख्य लक्ष्य महंगाई को नियंत्रित करना और आर्थिक विकास को तेज़ करना है। नीति‑निर्माताओं ने खाद्य‑सुरक्षा, पेट्रोलियम सब्सिडी और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को स्थिर रखने के लिए अतिरिक्त बजट लाइन छोड़ी है। इन कदमों से सामान्य नागरिक की खरीद शक्ति पर सकारात्मक असर पड़ने की उम्मीद है। कुल मिलाकर, बजट 2024 राजकोषीय सुधार, निवेश‑उत्साह और सामाजिक प्रगति का संतुलित मिश्रण पेश करता है – यही वह ढांचा है जिसे आप आगे पढ़ेंगे, जहाँ इस बजट के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत लेख और विश्लेषण मिलेंगे.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 का आम बजट पेश किया, जिसमें कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गईं जो भारतीय शेयर बाजार को प्रभावित करती हैं। बजट में आर्थिक सुधारों और गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों के लिए उपायों पर जोर दिया गया। मुख्य बिंदुओं में खर्च में वृद्धि, टैक्स स्लैब में बदलाव, पूंजीगत लाभ कर में परिवर्तन और कस्टम ड्यूटी में कटौती शामिल हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, बजट का प्रभाव मिश्रित रहा।
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