तुंगभद्रा डैम का गेट बह जाने से कर्नूल जिला कलेक्टर ने जारी किया अलर्ट

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तुंगभद्रा डैम का गेट बह जाने से कर्नूल जिला कलेक्टर ने जारी किया अलर्ट

10 अगस्त, 2024 को कर्नाटक के होस्पेट में हुई असाधारण घटना ने पूरे क्षेत्र को सचेत कर दिया है। तुंगभद्रा डैम का 19वां गेट अचानक बाढ़ के पानी में बह गया, जिससे भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया। इस अप्रत्याशित घटना के बाद कर्नूल जिला कलेक्टर ने एक अलर्ट जारी किया है और लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है।

घटना का विवरण

शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, तुंगभद्रा डैम के 19वें गेट के बहने से नदी में पानी का स्तर तेजी से बढ़ा है। केंद्र में भारी बारिश के कारण बाढ़ स्तर पहले से ही उच्चतम था और इस गेट के बहने के बाद स्थिति और गंभीर हो गई। विशेषज्ञों का कहना है कि गेट की मरम्मत तब तक प्रारंभ नहीं की जा सकती जब तक कि नदी में 60 टीएमसी पानी छोड़ा नहीं जाता। फिलहाल, 33 गेट खोले गए हैं और लगभग एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इस बड़े पैमाने पर पानी के प्रवाह ने नदी के निचले भाग में रहने वाले लोगों के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर दिया है।

निवासियों के लिए चेतावनी

तुंगभद्रा नदी बोर्ड के अधिकारियों ने नदी तल के पास रहने वाले सभी निवासियों को तुरंत सावधान रहने की हिदायत दी है। कर्नूल जिले के निवासियों, विशेषकर कर्नूल शहर, कौतलाम, कोसिगी, मण्ट्रालयम, और नंदवारम मंडल में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति विशेष ध्यान रखने की सलाह दी गई है। उन्होंने निवासियों को नदी तल और आस-पास के नहरों को पार न करने की चेतावनी दी है। इस कार्रवाई का उद्देश्य किसी भी संभावित दुर्घटना को टालना है।

आपातकालीन सेवाएं और व्यवस्थाएँ

आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन (APSDM) ने आपातकालीन सहायता के लिए टोल-फ्री नंबर जारी किए हैं, जिन पर ज़रूरतमंद लोग संपर्क कर सकते हैं: 1070, 112, और 18004250101। APSDM के अधिकारियों ने पुलिस और राजस्व विभाग को भी सतर्क कर दिया है कि वे कृष्णा नदी के जलग्रहण क्षेत्र के गांवों को सूचित करें और निवासियों को किसी भी संभावित खतरे से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दें।

तत्कालीन उपाय और स्थिति का प्रबंधन

तत्कालीन उपाय और स्थिति का प्रबंधन

कर्नूल जिला प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न तत्परता उपायों को अपनाया है। अधिकारियों ने बाढ़ की स्थिति की मॉनिटरिंग तेजी से बढ़ाई है और लोगों के सहायता के लिए राहत शिविर स्थापित किए हैं। साथ ही, चिकित्सा विभाग को भी अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी संभावित स्वास्थ्य समस्या का तत्काल निवारण किया जा सके। फायर डिपार्टमेंट और स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से बचाव दल की तैनाती सुनिश्चित की गई है, जिससे आपातकालीन स्थितियों में समय पर सहायता प्रदान की जा सके।

लोगों से निवेदन और एहतियात

endано में निवासियों से निवेदन किया गया है कि किसी भी संकट के समय हादसों से बचने के लिए प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। अनावश्यक यात्रा और नदी किनारे गतिविधियों से परहेज किया जाए। पानी का स्तर बढ़ने के साथ ही, औद्योगिक और घरेलू क्षेत्रों में बिजली की कटौती की गई है ताकि किसी भी तरह की विद्युत दुर्घटना से बचा जा सके।

वनस्पति और जीव-जंतु पर प्रभाव

इस घटना का प्रभाव न केवल मनुष्यों पर, बल्कि वनस्पति और जीव-जंतु पर भी पड़ा है। नदी के आसपास के जलीय जीवन और वनस्पति को पानी के अत्यधिक प्रवाह से नुकसान हुआ है। पर्यावरणविदों का मानना है कि इसका दीर्घकालिक प्रभाव हो सकता है, जिसे पुनर्स्थापित करने में समय लग सकता है। जल संसाधन विभाग ने इस दिशा में विशेष अभियान चलाने की योजना बनाई है ताकि पर्यावरण को हुए नुकसान को कम किया जा सके।

ताजातरीन स्थिति की जानकारी के लिए लोग प्रशासन के आधिकारिक वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर से संपर्क में बने रहें। समस्या की गंभीरता को देखते हुए, प्रशासन ने यथासंभव उपाय किए हैं, लेकिन सभी को सामूहिक सहयोग की आवश्यकता है।

Chandni Mishra

Chandni Mishra

मैं एक भारतीय समाचार लेखिका हूँ। मुझे भारतीय दैनिक समाचार पर लेख लिखने का शौक है। मैं अपने घर पर रहकर काम करती हूँ और अपने परिवार के साथ समय बिताना पसंद करती हूँ। शीर्ष समाचार और घटनाओं पर लिखते हुए मैं समाज को सूचित रखने में विश्वास रखती हूँ।