राजनीति – ताज़ा खबरों का संग्राहक

जब बात राजनीति, देश‑दुनिया की शक्ति संरचना, निर्णय‑प्रक्रिया और सार्वजनिक विमर्श का मूल तत्व है की आती है, तो उसके साथ जुड़े कुछ प्रमुख घटक भी समझना ज़रूरी है। उदाहरण के लिए चुनाव, जनता का प्रतिनिधियों को चुनने की प्रक्रिया — ये नीति बनावट को सीधे प्रभावित करता है। इसी तरह राजनीतिक दल, विचारधारा और शक्ति का समूह जो चुनाव में खड़ा होता है — वे सत्ता‑संघर्ष के मुख्य खिलाड़ी होते हैं। अंत में नीति, सरकारी निर्णयों का व्यवस्थित रूप — इन सबके बीच गहरा सम्बन्ध है। सरल शब्दों में, राजनीति सत्ता‑संघर्ष को आकार देती है, चुनाव नीति दिशा तय करते हैं, और राजनीतिक दल इन दोनों के बीच पुल बनते हैं। नीचे आप इन रिश्तों को दर्शाने वाले कई ताज़ा लेख देखेंगे।

आज की राजनीति में क्या चल रहा है?

हाल ही में कुन्नाल कमरा और बुकमायशो के बीच मंच हटाने का विवाद भारतीय सार्वजनिक मंचों की स्वतंत्रता पर नई चर्चा पैदा कर रहा है। इसी तरह कर्नाटक में बीजेपी एमएलसी सीटी रवि की गिरफ्तारी ने पार्टियों के भीतर अनुशासन और आपसी सम्मान के मुद्दे को उजागर किया। ये घटनाएँ दिखाती हैं कि चुनाव के बाद भी राजनीतिक दलों को अपने सदस्यों की सार्वजनिक व्यवहार पर गहरी नज़र रखनी पड़ती है, नहीं तो सत्ता‑संघर्ष का नया मोड़ आ सकता है। विदेश में, असद के शासन को दारा शहर में मिली हार ने अंतर्राष्ट्रीय नीति पर असर डाला है, जिससे भारत‑मध्य एशिया संबंधों में नई चुनौतियां उत्पन्न हो रही हैं। इन सबको मिलाकर देखा जाए तो राजनीति सिर्फ देशी ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी दिशा‑निर्धारण करती है।

राजनीति का प्रभाव हमारे दैनिक जीवन में भी साफ़ झलकता है। इंदिरा गांधी के पर्यावरण संरक्षण के योगदान पर अब भी कुछ समूह सवाल उठाते हैं, जबकि नई दिल्ली में अत्रिशी का मुख्यमंत्री बनना AAP की रणनीति को दर्शाता है कि सत्ता‑संघर्ष में व्यक्तिगत अधिकार भी अहम होते हैं। हरियाणा‑जम्मू के चुनाव परिणामों का लाइव ट्रैकिंग अब डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म से संभव है, जिससे सामान्य नागरिक भी वोटिंग प्रक्रिया को रीयल‑टाइम में देख सकते हैं। इस तरह तकनीक, मीडिया और सामाजिक भागीदारी ने राजनीति को और अधिक पारदर्शी और इंटरैक्टिव बना दिया है।

इन विविध कहानियों को पढ़कर आप न सिर्फ वर्तमान राजनीतिक जलवायु समझ पाएँगे, बल्कि यह भी देखेंगे कि कैसे चुनाव, राजनीतिक दल और नीति एक‑दूसरे को प्रभावित करती हैं। नीचे आने वाले लेखों में आप विधायी विवाद, अंतरराष्ट्रीय शक्ति संघर्ष, और भारत में सत्ता‑संघर्ष के विभिन्न पहलुओं की गहरी जानकारी पाएँगे। तो चलिए, इस संग्रह को एक्सप्लोर करें और अपनी राय को अपडेट रखें।

शाशि थरूर ने सवाल किया भारत की गाज़ा शांति शिखर सम्मेलन में प्रतिनिधित्व पर

शाशि थरूर ने गाज़ा शांति शिखर सम्मेलन में भारत के मंत्री-स्तर प्रतिनिधित्व को लेकर सवाल उठाए, जबकि मोदी ने प्रधान मंत्री का रोल नहीं उठाया। इस निर्णय के राजनैतिक असर को जानिए।

और देखें

कुन्नाल कमरा बनाम बुकमायशो: मंच हटाने का विवाद और कलाकार अधिकार

कुन्नाल कमरा की शिंदे पर टिप्पणी के बाद बुकमायशो ने उनका शो डेलिस्ट किया, जिससे कलाकार अधिकार और डेटा सुरक्षा पर तीखी बहस छिड़ी।

और देखें

कर्नाटक में बीजेपी एमएलसी सीटी रवि पर कर्नाटक मंत्री के खिलाफ अपमानजनक भाषा के आरोप में गिरफ्तारी

बीजेपी एमएलसी सीटी रवि को कर्नाटक की महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर के खिलाफ अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल के आरोप में गिरफ्तार किया गया। यह घटना विधान परिषद में एक विवाद के दौरान हुई, जहां रवि ने कथित तौर पर मंत्री के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया। घटना के बाद रवि की गिरफ्तारी और बाद में जमानत हुई।

और देखें

सीरिया की रणनीतिक शहर दारा में सरकार की हार: असद को बड़ा झटका

सीरिया की सरकार ने दक्षिणी शहर दारा पर नियंत्रण खो दिया है, जो राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन के लिए एक महत्वपूर्ण झटका है। स्थानीय सैनिक गुटों ने दारा प्रांत के लगभग 90% क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। यह स्थिति 2011 के uprising के बाद से असद शासन के लिए एक गंभीर चुनौती बन गई है। विदेशी शक्तियाँ इस समय प्रस्तावित उपायों पर विचार कर रही हैं।

और देखें

इंदिरा गांधी का पर्यावरण संरक्षण में योगदान: जयराम रमेश ने याद किया महत्त्वपूर्ण योगदान

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पर्यावरण संरक्षण में महती भूमिका की सराहना की। उन्होंने दावा किया कि पिछले कुछ वर्षों से यह महत्वपूर्ण योगदान 'सिस्टमेटिक अटैक' के अधीन है। रमेश ने इंदिरा गांधी को एक समर्पित प्राकृतिक विज्ञानी बताया और उनके नेतृत्व के अंतर्गत बने नियम और संस्थानों की चर्चा की जो भारत के पर्यावरण और प्राकृतिक धरोहर की रक्षा करते हैं।

और देखें

हमास नेता यह्या सिनवार की मौत: कौन थे गाज़ा में मारे गए हमास प्रमुख?

हमास के नेता यह्या सिनवार की 17 अक्टूबर, 2024 को इजरायली सेना द्वारा गाज़ा में हत्या की पुष्टि की गई। सिनवार, जिन्हें 'द बुचर ऑफ खान यूनिस' के नाम से भी जाना जाता था, इजरायली हमलों के बाद से लापता थे। उनके निधन की अफवाहें तब और तेज हो गईं जब एक रॉकेट हमले में हुई उनकी संभावित मौत की बात सामने आई।

और देखें

जम्मू-कश्मीर में नई सरकार: कांग्रेस ने नेकां को समर्थन देकर उमर अब्दुल्ला को बनाया मुख्यमंत्री उम्मीदवार

कांग्रेस ने नेशनल कांफ्रेंस को समर्थन देकर जम्मू-कश्मीर में नई सरकार बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उमर अब्दुल्ला को संयुक्त मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में चुनाव के बाद यह सहयोग दिया गया है। विधानमंडल दल की बैठक में सभी छह निर्वाचित विधायकों और जेकेपीसीसी अध्यक्ष ताहिर हामिद क़ारा ने भाग लिया।

और देखें

हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 नतीजे: ईसीआई वेबसाइट पर आसानी से देखें

हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। मतगणना का कार्य सुबह 8 बजे शुरू होगा और दोपहर तक प्रारंभिक नतीजे सामने आ सकते हैं। वास्तविक समय अपडेट और डेटा के लिए, मतदाता और नागरिक आधिकारिक चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जा सकते हैं। इसके अलावा, वोटर हेल्पलाइन ऐप के माध्यम से भी परिणाम को ट्रैक किया जा सकता है।

और देखें

आतिशी ने ली दिल्ली की मुख्यमंत्री की शपथ, 2025 चुनाव से पहले निरंतरता और प्रगति का वचन

आम आदमी पार्टी (AAP) की आतिशी ने दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। अरविंद केजरीवाल के त्यागपत्र के बाद वह पद ग्रहण कर रही हैं। शपथ ग्रहण के दौरान उन्होंने निरंतरता और प्रगति का वादा किया। यह परिवर्तन 2025 चुनाव से पहले AAP की रणनीतिक चाल का हिस्सा है।

और देखें

जो बाइडन ने 'पूरी तरह से साथ' होने का वादा किया, ट्रंप की नीतियों पर की आलोचना

राष्ट्रपति जो बाइडन ने लास वेगास में NAACP के वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेते हुए, पुनः चुनाव लड़ने का वादा किया और डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों की आलोचना की। बाइडन ने एकता पर जोर देते हुए 'मैं पूरी तरह से साथ हूँ' का संदेश दिया। उन्होंने आर्थिक और नागरिक मुद्दों पर ट्रंप की विफलताओं को गिनाया।

और देखें

हेमंत सोरेन को जमानत पर रिहाई, झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद जेल से बाहर

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के प्रमुख हेमंत सोरेन को झारखंड हाई कोर्ट के आदेश पर बीरसा मुंडा जेल से शुक्रवार शाम को रिहा कर दिया गया। उन्हें जनवरी में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा कथित भूमि घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उनकी पत्नी कल्पना सोरेन और पार्टी के सदस्य भी उनके साथ थे।

और देखें